प्रयागराज को कहा गया है तीर्थराज, यहाँ पढ़िए पूरी वजह
Prayagraj is called Tirtharaj
नरेश वत्स: Prayagraj is called Tirtharaj: प्रयागराज को तीर्थराज कहा गया है। यह भारत का सर्वे प्रमुख संस्कृति केंद्र होने के साथ ही भारतीय सात्विकता का सर्वोत्तम प्रतीक भी है। यह हिंदू आस्था का एक महान केंद्र तो है ही यह हमारे देश की धार्मिक और आध्यात्मिक चेतना का केंद्र बिंदु भी है। प्रत्येक 12 वर्ष पर लगने वाले कुंभ या प्रत्येक 6 वर्ष पर लगने वाले अर्धकुंभ में एकत्र होने वाला अपार जनसमुदाय सम्भवतः अमृत से भरे कुंभ की अपनी अव्यक्त अभिलाषा को लेकर ही वहां पहुंचता है।
महाकुंभ के पहले भारतीय रेलवे ने सनातन संस्कृति के दो महत्वपूर्ण केंद्र प्रयागराज और वाराणसी के बीच की यात्रा को और अधिक तेज और सुगम बनाने का महत्वपूर्ण कार्य पूरा कर लिया है।
वाराणसी, माधोसिंह प्रयागराज के बीच के ट्रैक का दोहरीकरण कर दिया है। गंगा रेल ब्रिज का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। महाकुंभ के दौरान इस ट्रैक से ट्रेनों का परिचालन शुरू हो जाएगा। ट्रैक दोहरीकरण के बाद प्रयागराज से वाराणसी के बीच ट्रेनों के परिचालन की औसत गति 100 से 130 किलोमीटर प्रति घंटा हो जाएगी।
डबल ट्रैक बनकर तैयार
गंगा रेल ब्रिज प्रयागराज और वाराणसी रेल ट्रैक दोहरीकरण का कार्य भारतीय रेलवे के संगठन आरवीएनएल ने किया है। गंगा रेल ब्रिज प्रयागराज के दारागंज को झूसी से जोड़ने का कार्य करता है जो पुराने हो चुके आईजैट ब्रिज की जगह लेगा। इसके साथ ही प्रयागराज में सीएमपी डिग्री कॉलेज के पास रेल और ब्रिज और झूसी से रामबाग के बीच भी ट्रैक दोहरीकरण कर इस रेल लाइन से जोड़ दिया गया है इस ट्रैक से रोजाना लगभग 200 ट्रेन गुजरती है इस ट्रैक के माध्यम से अब दिल्ली -कोलकाता, हावड़ा और प्रयागराज कोलकाता, प्रयागराज गोरखपुर और प्रयागराज पटना के मध्य ट्रेनों की रफ्तार को गति मिलेगी.
पूर्वोत्तर रेलवे के सीपीआरओ पंकज कुमार सिंह ने "दैनिक अर्थ प्रकाश" को बताया की ट्रेन के ट्रैक से लेकर सिग्नल तक सब कुछ बेहतर तरीके से हो इस पर पूरा ध्यान दिया जा रहा है. रेलवे स्टेशनों का कायाकल्प हो गया है। नए प्लेटफार्म तैयार किए गए हैं। हमने फुट ओवर ब्रिज रिकॉर्ड समय में बनाए हैं। स्टेशनों पर डिस्प्ले सिस्टम को दुरुस्त किया गया है। ट्रेनों के आवागमन में किसी तरह की परेशानी ना हो इसे लेकर काम पूरा किया जा रहा है।
महाकुंभ 2025 को दिव्य, भव्य, सुरक्षित और सुगम बनाने में केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार कोई कसर बाकी नहीं रखना चाहती। महाकुंभ 2025 में देश के कोने-कोने से लगभग 40 करोड़ श्रद्धालुओं के प्रयागराज आने का अनुमान है। ऐसे में भारतीय रेलवे की भी महाकुंभ 2025 को लेकर तैयारी युद्ध स्तर पर चल रही है।