कलेजा फट रहा! झांसी मेडिकल कॉलेज में भीषण अग्निकांड; 10 नवजात बच्चे जिंदा जले, आग में भुन गए, CM-PM से लेके राष्ट्रपति शोक में
Jhansi Medical College Fire Tragedy
Jhansi Medical College Fire: हे भगवान! ये नहीं होना चाहिए था। ऐसी भयानक त्रासदी क्यों? उत्तर प्रदेश के झांसी जिले में स्थित महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में भीषण अग्निकांड हुआ है। मेडिकल कॉलेज में शुक्रवार रात नवजात शिशुओं के वार्ड में अचानक आग लग गई। जिसमें 10 मासूम बच्चे जिंदा जल गए। आग में ये बच्चे बुरी तरह से भुन गए थे। जिन्हें देखने वालों का कलेजा फट गया।
वहीं साथ ही कुछ बच्चे अधजले भी बताए जा रहे हैं। साथ ही आग की लपटों से कुछ बच्चों के शरीर काले भी पड़ गए। बताया जा रहा है कि, वार्ड में 50 के करीब नवजात बच्चे भर्ती थे। आग लगने के बाद कई बच्चों को सुरक्षित बचा लिया गया। फिलहाल, अग्निकांड से बच्चों के परिजनों में हाहाकार मच गया है। परिजन रोते-बिलखते देखे जा रहे हैं। जिन्हें देखकर देखने वालों को भी रोना आ रहा है। चारो तरफ रूदन की चीखें कानों को छलनी कर रहीं हैं।
CM-PM से लेके राष्ट्रपति शोक में
झांसी मेडिकल कॉलेज के इस भीषण अग्निकांड पर जहां लोग सिहर उठे हैं तो वहीं यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु गहरे शोक में हैं। वह बेहद स्तब्ध हैं। आग लगने की सूचना मिलते ही सीएम योगी एक्शन मोड में आ गए थे। उन्होंने रात में ही डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक व प्रमुख सचिव स्वास्थ्य को मौके पर भेजा।
वहीं सीएम पूरी रात अधिकारियों से घटनास्थल से पल-पल की जानकारी लेते रहे। मीडिया में चल रही खबरों पर भी नजर बनाए रखी। सीएम ने झांसी के मंडलायुक्त और डीआईजी को 12 घंटे में घटना के संबंध में रिपोर्ट देने हेतु निर्देशित किया है। साथ ही इस पूरी घटना को लेकर सीएम योगी ने पीड़ित परिजनों के लिए मुआवजे का ऐलान भी किया है।
झांसी अग्निकांड में कितना मुआवजा मिलेगा?
सीएम योगी ने कहा, ''जनपद झांसी स्थित मेडिकल कॉलेज के NICU में घटित एक दुर्घटना में हुई बच्चों की मृत्यु अत्यंत दुःखद एवं हृदयविदारक है। जिला प्रशासन तथा संबंधित अधिकारियों को युद्ध स्तर पर राहत एवं बचाव कार्यों को संचालित कराने के निर्देश दिए हैं। प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि वह दिवंगत आत्माओं को सद्गति एवं घायलों को शीघ्र स्वास्थ्य लाभ प्रदान करें।
सीएम ने कहा कि, असमय काल-कवलित हुए प्रत्येक नवजात बच्चों के माता-पिता को 05-05 लाख और घायलों के परिजनों को 50-50 हजार की सहायता राशि मुख्यमंत्री राहत कोष से तत्काल प्रदान की जाएगी। सीएम ने बताया कि, स्थानीय प्रशासन और अन्य अधिकारियों को इस घटना के संबंध में पीड़ितों को हर संभव सहायता उपलब्ध कराने की निर्देश दिया गया है।
खाक हो गईं हेल्थ मशीनें
PM मोदी बोले- मन व्यथित हो गया है
पीएमओ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हवाले से एक्स पर अपनी पोस्ट में कहा, हृदयविदारक! उत्तर प्रदेश में झांसी के मेडिकल कॉलेज में आग लगने से हुआ हादसा मन को व्यथित करने वाला है। इसमें जिन्होंने अपने मासूम बच्चों को खो दिया है, उनके प्रति मेरी गहरी शोक-संवेदनाएं। ईश्वर से प्रार्थना है कि उन्हें इस अपार दुख को सहने की शक्ति प्रदान करे। राज्य सरकार की देखरेख में स्थानीय प्रशासन राहत और बचाव के हरसंभव प्रयास में जुटा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने आग लगने की घटना में मारे गए प्रत्येक व्यक्ति के परिजनों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से 2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है। घायलों को 50,000 रुपये दिए जाएंगे।
राष्ट्रपति ने कहा- घटना अत्यंत हृदय विदारक
झांसी मेडिकल कॉलेज भीषण अग्निकांड को लेकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दुख जताया है। उन्होंने कहा, 'उत्तर प्रदेश में महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज, झांसी में हुई दुर्घटना में कई नवजात शिशुओं की मृत्यु का समाचार अत्यंत हृदय विदारक है। ईश्वर, शोक संतप्त माता-पिता और परिवारजनों को, यह क्रूर आघात सहन करने की शक्ति प्रदान करें। मैं घायल हुए शिशुओं के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करती हूं।'
डिप्टी CM ने कहा- झांसी अग्निकांड की 3 तरह से जांच होंगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर घटनास्थल पर पहुंचे उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा, ''यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण घटना है कि 10 बच्चों की मौत हुई है। परिजनों के साथ मिलकर बच्चों की पहचान की जा रही है। घटना की उच्चस्तरीय जांच होगी। घटना को लेकर 3 जांच के आदेश दे दिए गए हैं। झांसी मेडिकल कॉलेज में आग कैसे लगी? 3 जांच से 10 बच्चों की मौत का राज खुलेगा।
डिप्टी सीएम ने कहा, ''पहली जांच शासन के स्तर पर होगी, जिसे स्वास्थ्य विभाग करेगा। वहीं दूसरी जांच जिला स्तर पर होगी, जिसे पुलिस प्रशासन और फायर विभाग की टीम साथ मिलकर करेगी। वहीं तीसरी जांच मजिस्ट्रेट की होगी। डिप्टी सीएम ने कहा कि घटना कैसे हुई, क्यों हुई इसका पता लगाएंगे और जिम्मेदारी तय करेंगे। अगर कोई चूक पाई जाती है, तो जो भी जिम्मेदार होगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। सरकार बच्चों के परिजनों के साथ है।
बताया जा रहा है कि, झांसी मेडिकल कॉलेज में फरवरी में अग्नि सुरक्षा ऑडिट और जून में मॉक ड्रील की गई थी। यह घटना कैसे हुई और क्यों हुई, आखिर इस अग्निकांड में किसकी लापरवाही रही या यह घटना एक आपदा है। यह एक बड़ा सवाल है। फिलहाल जांच रिपोर्ट आने के बाद ही इस बारे में कुछ कहा जा सकता है।
बताया जाता है कि,, मेडिकल कॉलेज में रात 11 बजे के आसपास नवजात शिशु देखभाल इकाई (एनआईसीयू) के एक हिस्से में संभवत: शार्ट सर्किट से आग लग गई। आग से अस्पताल में भगदड़ मची और अस्पताल में चारों ओर धुआं फैल गया। सूचना मिलते ही दमकल विभाग की गाड़ियां घटनास्थल पर पहुंचीं। इस दौरान वार्ड के बाहर वाले हिस्से में जो बच्चे थे उनमें से लगभग सभी को बचा लिया गया, लेकिन अंदर वाले हिस्से से 10 बच्चों की मौत हो गई।