गाजियाबाद की घटना के विरोध में प्रदेश भर के वकील हड़ताल पर, कई जिलों में विरोध- प्रदर्शन, नारेबाजी

UP Advocates Strike

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UP Advocates Strike: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में 29 अक्टूबर को वकीलों पर लाठीचार्ज के मामले ने तूल पकड़ लिया है. घटना के विरोध में सोमवार को वकील हड़ताल पर रहे. उनकी मांग है कि इस मामले में गाजियाबाद के जिला जज को बर्खास्त किया जाए. अपनी मांगों के लिए दिल्ली और उत्तर प्रदेश के जिला कोर्ट में वकीलों ने धरना प्रदर्शन किया. इलाहाबाद हाईकोर्ट के सामने वकीलों ने पुतला भी जलाया.

गाजियाबाद में विरोध प्रदर्शन के दौरान वकीलों ने मुख्य गेट बंद कर दिया, जिससे आने-जाने वाले लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा. उनकी मांग थी कि जिला जज को हटाने के साथ ही लाठीचार्ज करने वाले पुलिस कर्मियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाए.

कल से काम पर लौटेंगे

धरना प्रदर्शन कर रहे वकीलों ने कहा कि वे कल से काम पर वापस लौटेंगे, लेकिन गाजियाबाद बार एसोसिएशन ने घोषणा की कि बुधवार को हड़ताल जारी रहेगी और जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक काम पर वापस नहीं लौटेंगे. एसोसिएशन ने गाजियाबाद के जिला जज के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में आपराधिक अवमानना का केस दाखिल करने की घोषणा की.

गाजियाबाद में वकीलों पर हुए लाठीचार्ज के मामले में दिल्ली में भी वकीलों ने विरोध प्रदर्शन किया. दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट के अध्यक्ष ने सीजीआई को पत्र लिखकर गाजियाबाद कोर्ट के वकीलों के साथ हुई लाठीचार्ज की घटना की निंदा की. तीस हजारी कोर्ट के एक अन्य वकील युक्ति राठी ने कहा कि देश में वकीलों के खिलाफ हिंसा की घटनाएं बेहद चिंताजनक हैं. इसे रोकने के लिए उन्होंने अधिवक्ता संरक्षण अधिनियम की मांग की.

क्या था मामला ?

गाजियाबाद जिला कोर्ट में 29 अक्टूबर को जिला जज अनिल कुमार की अदालत में नौ आरोपियों की जमानत पर सुनवाई होनी थी. इस मामले में शिकायतकर्ता भी एक वकील था. सुनवाई के दौरान शिकायतकर्ता के समर्थन में भारी मात्रा में वकील मौजूद थे. वकीलों का आरोप है कि जब बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष ने भीड़ के कारण केस को दूसरी कोर्ट में स्थानांतरित करने को कहा तो जज भड़क गए और वकीलों को गालियां दीं. जज ने पुलिस बुलाकर वकीलों पर लाठीचार्ज करा दिया.

गाजियाबाद कोर्ट में वकीलों पर लाठीचार्ज के विरोध में लखनऊ से दिल्ली तक वकील हड़ताल पर हैं. वे जिला जज को बर्खास्त करने और लाठीचार्ज करने वाले पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.