राजस्थान में सरकारी कार्यों में जूम एप के उपयोग पर लगी रोक, सरकार ने बैठकों में इसके इस्तेमाल को माना असुरक्षित
Zoom Meeting App
जयपुर: Zoom Meeting App: राजस्थान सरकार अब साइबर सुरक्षा को देखते हुए सरकारी कामों में जूम मीटिंग ऐप का उपयोग नहीं करेगी. प्रशासनिक सुधार विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है. दरअसल गृह मंत्रालय ने बताया है कि जूम मीटिंग ऐप सुरक्षित नहीं है और इससे संवेदनशील जानकारी लीक हो सकती है. ऐसे में किसी भी सरकारी कामों में जूम मीटिंग ऐप का इस्तेमाल नहीं होगा. इससे राजकीय कार्यों के लिए साइबर सुरक्षा को खतरा हो सकता है. साइबर एक्सपर्ट ने भी चेतावनी दी है कि ऐप के इस्तेमाल और उसे दी जाने वाली परमिशन आदि का सोच समझकर ही उपयोग करना चाहिए. खतरनाक और संदिग्ध ऐप को हटा देना ही बेहतर है.
प्रशासनिक सुधार विभाग ने कहा है कि जूम मीटिंग ऐप के अलावा दूसरे भी साधन हैं जिनसे सुरक्षित तरीके से काम हो सकते हैं. सभी सरकारी विभाग अब वैकल्पिक और सुरक्षित संचार माध्यमों उपयोग करें. नए आदेश के अनुसार अब से सभी सरकारी कर्मचारी जूम मीटिंग ऐप से काम नहीं करेंगे. उन्हें अन्य सुरक्षित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग प्लेटफार्म के प्रयोग करने को कहा गया है. इधर, साइबर एक्सपर्ट का कहना है कि ऐप के जरिए चुराई गई जानकारी का इस्तेमाल यूज़र्स के बैंक अकाउंट और सर्विसेज या डेटा तक पहुंचने के लिए किया जा सकता है. इसके साथ ही सरकारी संवेदनशील जानकारी गलत हाथों तक पहुंच सकती हैं.
दुनिया भर में डाटा चोरी, जासूसी का खतरा बढ़ा, ऐप हो सकते हैं बेहद खतरनाक
ऑस्ट्रेलिया की रिसर्च फर्म ऑस्ट्रेलियन स्ट्रेटजिक पॉलिसी इंस्टीट्यूट ने हाल में बताया था कि पूरी दुनिया में डाटा चोरी, पर्सनल डाटा का गलत तरीके से स्टोरेज और उसका गलत इस्तेमाल करने की होड़ मची हुई है. खास तौर पर चीन अपने गेमिंग और अन्य ऐप के जरिए दुनिया भर में डाटा चोरी कर रहा है. ऐसे समय जब यूजर गेम खेल रहा होता है तब ऐप के जरिए उसकी पर्सनल जानकारी डाटा सेंटर में चोरी से सेव हो जाती हैं. इस डाटा के जरिए चीन जासूसी कर रहा है. एक्सपर्ट के मुताबिक इसके पीछे बहुत खतरनाक प्लानिंग है. चीन का मकसद सूचना की ताकत पर कंट्रोल करना और लोगों की पसंद को अपने मुताबिक ढालने के अलावा चीन के कल्चर, तकनीक, इकॉनमी और मिलिट्री इन्फ्लूएंस को पूरी दुनिया पर थोपने की तैयारी है.