UPSC के चेयरमैन मनोज सोनी का इस्तीफा; कार्यकाल पूरा होने से पहले ही पद छोड़ा, सिविल सर्विसेज में जाली दस्तावेजों का मामला गर्म
UPSC Chairman Manoj Soni Tenders Resignation Due To Personal Reasons
UPSC Chairman Manoj Soni Resigns: संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के चेयरमैन मनोज सोनी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। मनोज सोनी ने अपने इस्तीफे के पीछे निजी कारणों का हवाला दिया है। इसके साथ ही अभी तक मनोज सोनी का इस्तीफा स्वीकर नहीं किया गया है। सूत्रों के हवाले से कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) से यह जानकारी दी गई है। सूत्रों ने कहा कि इस बात को लेकर अभी कोई स्पष्टता नहीं है कि सोनी का इस्तीफा स्वीकार किया जाएगा या नहीं और उन्हें पदमुक्त किया जाएगा या नहीं।
फिलहाल मनोज सोनी का इस्तीफा ऐसे समय पर सामने आया है जब NEET-UG में गड़बड़ी के बाद यूपीएससी सिविल सर्विसेज में जाली दस्तावेजों के साथ आरक्षित लाभ प्राप्त करने और नौकरी पाने का मामला इस समय खूब गरमाया हुआ है। सोशल मीडिया एक्स पर महाराष्ट्र की ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर के मामले के बाद अन्य पदस्थ अधिकारियों के धागे भी खोले जा रहे हैं और यूपीएससी की प्रतिष्ठा और चयन प्रक्रिया की पवित्रता पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं।
हालांकि, बताया जा रहा है कि मनोज सोनी का इस्तीफा इस प्रकार के मामलों के संबंध में नहीं है। मनोज सोनी ने लगभग एक महीने पहले ही अपना इस्तीफा दे दिया था। सोनी ने राष्ट्रपति को अपना इस्तीफा सौंप दिया था। सूत्रों के अनुसार, मनोज सोनी गुजरात में स्वामीनारायण संप्रदाय की एक शाखा, अनूपम मिशन को अधिक समय देना चाहते हैं। 2020 में उन्होंने यहां से दीक्षा प्राप्त की थी।
कार्यकाल पूरा होने में लगभग 5 साल बाकी
यूपीएससी के अध्यक्ष मनोज सोनी ने कार्यकाल पूरा होने से लगभग 5 साल पहले ही इस्तीफा दे दिया है। इस प्रकार उनके कार्यकाल में एक लंबा समय बाकी था। मनोज सोनी साल 2017 में संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के सदस्य के रूप में शामिल हुए थे। इसके बाद सोनी ने 16 मई, 2023 को यूपीएससी अध्यक्ष के रूप में शपथ ली। वह 6 साल के लिए यूपीएससी अध्यक्ष पद पर नियुक्त हुए थे। उन्हें 2029 में अपना कार्यकाल पूरा करना था। लेकिन कार्यकाल पूरा होने से पहले एक लंबी अंतराल में मनोज सोनी ने अचानक इस्तीफा दे दिया।
पीएम मोदी का करीबी माने जाते हैं मनोज सोनी
मनोज सोनी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का करीबी माना जाता है, 2005 में गुजरात सीएम रहते मोदी ने मनोज सोनी को वडोदरा में एम.एस. विश्वविद्यालय का कुलपति नियुक्त किया था। तब मनोज सोनी की उम्र 40 साल थी जिससे वे देश के सबसे युवा कुलपति बन गए थे। जून 2017 में यूपीएससी में नियुक्ति से पहले सोनी ने अपने गृह राज्य गुजरात में दो विश्वविद्यालयों में कुलपति के रूप में तीन कार्यकाल पूरे किए थे।