करनाल रिश्वत कांड पर विधानसभा में हंगामा
करनाल रिश्वत कांड पर विधानसभा में हंगामा
अभय चौटाला, किरण चौधरी व कुंडू ने सरकार को घेरा
तहसीलों में भ्रष्टाचार, अभय ने लगाए पांच प्रतिशत लेने के आरोप
64 हजार रजिस्ट्री में होगी राजस्व अधिकारियों पर कार्रवाई
सरकार ने पंद्रह दिन में मांगा जवाब
चंडीगढ़, 15 मार्च। हरियाणा में रजिस्ट्री घोटाला तथा करनाल रिश्वत कांड के मुद्दे पर विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ। इनेलो विधायक अभय चौटाला, कांग्रेस विधायक किरण चौधरी तथा निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू ने रजिस्ट्रियों में हुए घोटाले तथा दागी अधिकारियों को दोबारा पब्लिक डीलिंग का काम दिए जाने पर सरकार को घेरा।
इनेलो विधायक अभय सिंह चौटाला, निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू, किरण चौधरी व नीरज शर्मा के ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान सदन में इस मुद्दे पर जमकर हंगामा हुआ। इस दौरान कई बार चाचा-भतीजा यानी अभय सिंह चौटाला व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत सिंह चौटाला आमने-सामने हुए। दोनों ने एक-दूसरे पर तीखे तीर तो छोड़े लेकिन एक बार भी एक-दूसरे का नाम नहीं लिया।
शुरूआत नियम-7ए का उल्लंघन कर हुई रजिस्ट्री को लेकर हुई। विपक्ष के आरोपों पर दुष्यंत ने कहा, अनियमितता करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। सरकार को जहां भी गड़बड़ी होने का अंदेशा हुआ तो उसकी जांच करवाई गई और आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की।
दुष्यंत ने कहा कि उल्लंघन करने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की है। विपक्ष को इसकी आलोचना की बजाय सराहना करनी चाहिए। चूंकि आज तक के इतिहास में इतनी बड़ी कार्रवाई कभी नहीं हुई।
उन्होंने कहा कि कोरोना काल में नियम-7ए के उल्लंघन से जुड़े मामलों में 133 सब-रजिस्ट्रार, 97 ज्वाइंट सब-रजिस्ट्रार, 156 रजिस्ट्री क्लर्क और 361 पटवारियों को कारण बताओ नोटिस दिए हैं। रजिस्ट्री क्लर्क और पटवारियों को नोटिस डीसी के माध्यम से दिए हैं जबकि बाकी रेवन्यू अधिकारियों को एफसीआर की ओर से नोटिस देकर पंद्रह दिन में जवाब मांगा है। इनका जवाब आने के बाद उन पर अगली कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा, जो भी दोषी मिलेंगे, उनके खिलाफ सरकार नियमानुसार कार्रवाई करेगी।
अभय चौटाला ने गुरुग्राम में सस्पेंड किए रेवन्यू अधिकारियों को छह माह बाद ही बहाल करने को मुद्दा बनाते हुए आरोप लगाया कि सरकार दोषियों पर एक्शन लेने की बजाय उन्हें संरक्षण देने का काम कर रही है। पूरे मामले को दबाने की कोशिश हो रही है। दुष्यंत ने जब कहा कि ये अधिकारी हाईकोर्ट के आदेशों पर बहाल हुए हैं तो अभय ने कहा, जब सरकार केस ही कमजोर बनाएगी तो इसमें कोर्ट की भी क्या गलती है।
निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू ने कहा, 30 जून, 2020 में यह मामला सामने आया। सरकार के पास जांच रिपोर्ट भी आ गई लेकिन पौने दो साल तक इसे दबाकर रखा गया। करनाल के ताजा घटनाक्रम को उठाते हुए उन्होंने कहा कि पैसे लेकर झूठी एनओसी दी जा रही है। मंडलायुक्तों से आई रिपोर्ट में सरकार ने खुद माना है कि बिना एनओसी के रजिस्ट्री हुई। पलटवार करते हुए दुष्यंत ने कहा, इसे घोटाला नहीं कह सकते। यह अनियमितता का मामला है।
फरीदाबाद एनआईटी विधायक नीरज शर्मा ने कहा, तहसीलों में आम और खास के अंतर को खत्म करना होगा। एनआईटी की दो सगी बहनों - पिंकी व प्रीति का नाम लेते हुए शर्मा ने कहा, इनके ससुर दुनिया से चले गए लेकिन इनके 100 वर्गगज के प्लाट की रजिस्ट्री नहीं हुई।