यूपी पुलिस की सबसे बड़ी बरामदगी, 1.25 करोड़ के नकली क्यूआर कोड और ढक्कन समेत तीन गिरफ्तार

यूपी पुलिस की सबसे बड़ी बरामदगी, 1.25 करोड़ के नकली क्यूआर कोड और ढक्कन समेत तीन गिरफ्तार

यूपी पुलिस की सबसे बड़ी बरामदगी

यूपी पुलिस की सबसे बड़ी बरामदगी, 1.25 करोड़ के नकली क्यूआर कोड और ढक्कन समेत तीन गिरफ्तार

कानपुर। नकली शराब से भरी बोतल को ब्रांडेड की तरह बेचने में इस्तेमाल होने वाले 1.25 करोड़ क्यूआर कोड, 10 लाख ढक्कन व 40 लाख वॉशर के साथ पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इनकी कीमत दो करोड़ से ज्यादा बताई जा रही है। गिरफ्तारी के लिए अपर मुख्य सचिव होम व डीजीपी ने एसपी आउटर को एक-एक लाख रुपये का इनाम का ऐलान किया है। एसपी के मुताबिक यह प्रदेश में सबसे बड़ी बरामदगी है। सवा करोड़ क्यूआर कोड से नकली शराब का जखीरा बाजार में उतारा जा सकता था।  

आईजी रेंज प्रशांत कुमार ने बताया कि 25 मार्च को महाराजपुर में ब्रांडेड शराब की बोतलों के 25 हजार ढक्कन और 50 हजार क्यूआर कोड के साथ फतेहपुर निवासी राजीव कुमार गुप्ता को गिरफ्तार किया गया था। गिरोह की तलाश के लिए अंडरट्रेनी सीओ सृष्टि सिंह के नेतृत्व में पुलिस टीम गठित की गई थी। पूछताछ में पता चला कि दिल्ली के नागलोई में नकली क्यूआर कोड व ढक्कन की फैक्ट्री चल रही है। आउटर पुलिस के साथ एसटीएफ, आबकारी टीम भी लगी। इटावा और औरैया की पुलिस टीमों को भी छापेमारी के लिए दिल्ली भेजा गया। एसपी आउटर अजीत सिन्हा ने बताया कि 136 गली पंजाबी बस्ती घाटी नई दिल्ली निवासी वीरेन्द्र कुमार राय, वीएएच ईस्ट शालीमार बाग के मुकेश कुमार मित्तल और अशोक कुमार चौहान को गिरफ्तार किया गया। वीरेन्द्र और मुकेश पार्टनर हैं। इनकी फैक्ट्री नागलोई दिल्ली में चल रही है। अशोक पहले इनके साथ ही काम करता था। अब शास्त्रीनगर सराय रोहेल्ला दिल्ली में अपनी फैक्ट्री लगा ली थी। दोनों फैक्ट्रियों में छापेमारी की गई तो क्यूआर कोड और ढक्कन का जखीरा बरामद हुआ।

क्या बरामद हुआ
दोनों फैक्ट्री को मिलाकर 1.25 करोड़ ब्रांडेड शराब के क्यूआर कोड, दस लाख ढक्कन, 40 बोरी बॉडी ढक्कन के अंदर लगने वाले वॉशर और 16 मशीने बरामद की गई हैं। एक बोरी में 1 लाख वॉशर आते हैं। इस तरह 10 लाख वाशर बरामद किए गए।

दूसरे प्रदेशों में हो रही थी सप्लाई 
एसपी आउटर के मुताबिक कानपुर के अलावा हमीरपुर, गोरखपुर, वाराणसी, फतेहपुर में इनकी सप्लाई थी। यहां से पाण्डुचेरी, बंगलुरू, कर्नाटक, उत्तराखंड, राजस्थान, मध्यप्रदेश समेत कई प्रदेशों में सप्लाई कर रहे थे।