वैवाहिक जीवन में शारीरिक संबंध न बनाना मानसिक क्रूरता... हाईकोर्ट ने झट से सुना दिया तलाक का फैसला
UP High Court on Physical Relations in Married Life
UP High Court on Physical Relations in Married Life: वैवाहिक जीवन के अंदर अगर पति-पत्नी में कोई भी लंबे समय तक एक-दूसरे के साथ शारीरिक संबंध बनाने से इंकार करता है तो यह मानसिक क्रूरता है। बतादें कि, यह बड़ी टिप्पणी उत्तर प्रदेश हाईकोर्ट ने की है। दरअसल, हाईकोर्ट ने एक दंपति की तलाक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि, वैवाहिक जीवन में पति-पत्नी के बीच लंबे समय तक शारीरिक संबंध की अनुमति न होना मानसिक क्रूरता के बराबर है और यह जायज नहीं है। खासकर तब जब कोई बड़ा कारण न हो। हाईकोर्ट ने दंपति को तलाक का फैसला सुना दिया है।
वाराणसी का था मामला
बताया जाता है कि, वाराणसी के एक दंपति में पति ने हाईकोर्ट में पत्नी से तलाक को लेकर याचिका दाखिल की थी। पति के अनुसार, विवाह के कुछ समय बाद उसकी पत्नी का व्यवहार और आचरण अचानक बदल गया। वह पत्नी के रूप में रहने से इंकार करने लगी। उसकी अपील के बावजूद पत्नी ने उसके साथ शारीरिक संबंध नहीं बनाएं। जबकि दोनों एक ही छत के नीचे साथ ही रहे। वहीं इस सबके बीच कुछ दिनों बाद पत्नी मायके चली आई और फिर से यहां से वापस आने को मना कर दिया।
वाराणसी फैमिली कोर्ट ने तलाक किया खारिज
पति के मुताबिक, पत्नी के आचरण को देखते हुए उसने उससे तलाक लेने के लिए वाराणसी फैमिली कोर्ट में याचिका लगाई। लेकिन इस बीच पत्नी फैमिली कोर्ट नहीं पहुंची। जिसके चलते वाराणसी फैमिली कोर्ट ने उसकी तलाक याचिका खारिज कर दी। इसके बाद उसने फैमिली कोर्ट के आदेश के खिलाफ तलाक को लेकर उत्तर प्रदेश हाईकोर्ट में याचिका दी।