विधानसभा में पुलिसकर्मियों को कैद की सजा; स्पेशल सेल में बंदी बनाए जाएंगे, माफी भी मांगी, पूरी खबर पढ़िए
UP Assembly Punished 6 Policemens
UP Assembly Punished 6 Policemens: विधानसभा में पुलिसकर्मियों को कैद की सजा मिली है। इन पुलिसकर्मियों को स्पेशल सेल में बंदी बनाकर रखा जाएगा। दरअसल, मामला उत्तर प्रदेश विधानसभा का है। जहां विशेषाधिकार हनन के एक मामले को लेकर विधानसभा को अदालत में तब्दील कर दिया गया और कटघरा बनाकर 6 पुलिसकर्मियों को उसमें खड़ा कर स्पीकर द्वारा उन्हें अगली तारिख लगने तक कैद की सजा सुना दी गई। अब ये सभी 6 पुलिसकर्मी विधानसभा परिसर में बनी एक स्पेशल सेल में बंदी बनाए जाएंगे। बतादें कि, इस दौरान इन पुलिसकर्मियों ने विधानसभा सदन के सामने माफी भी मांगी है और कहा है कि ऐसी गलती दोबारा नहीं होगी।
भाजपा के विधायक रहे सलिल विश्नोई के विशेषाधिकार हनन का मामला
दरअसल, भाजपा के विधायक रहे सलिल विश्नोई के विशेषाधिकार हनन से पूरा मामला जुड़ा है। बताते हैं कि, आरोपी पुलिसकर्मियों ने विश्नोई के साथ उस वक्त अमाननीय व्यवहार किया जब वह बिजली कटौती की समस्या को लेकर अपनी पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं के साथ डीएम को ज्ञापन देने जा रहे थे। लेकिन इस बीच इन पुलिसकर्मियों ने उन्हें रोक लिया और रोके जाने पर जब नोकझोंक हुई तो पुलिसकर्मियों ने उनके साथ मारपीट की और अपशब्द कहे। जिसके बाद विश्नोई ने इसे विधायक के विशेषाधिकार की अवहेलना करार देते हुए विधानसभा के समक्ष इस मामले को उठाया। जहां यह मामला विधानसभा की विशेषाधिकार समिति के सुपुर्द कर दिया गया था। जहां इसी मामले पर सुनवाई होते हुए आज आरोपी पुलिसकर्मियों को विधानसभा ने सजा सुना दी।
संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने सजा का प्रस्ताव पेश किया
बतादें कि, संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने आरोपी पुलिसकर्मियों को सजा दिए जाने का प्रस्ताव विधानसभा सदन में रखा। जिस पर स्पीकर सतीश महाना द्वारा वोटिंग कराई गई। वोटिंग में प्रस्ताव पारित होने के बाद स्पीकर महाना ने आरोपियों को रात 12 बजे तक कैद की सजा सुना दी। इस बीच सभी आरोपी पुलिसकर्मियों ने बारी-बारी से सदन के सामने अपने कृत्य के लिए माफी भी मांगी। हालांकि, पुलिसकर्मियों की कैद के दौरान उनका किसी भी तरह का उत्पीड़न नहीं होगा। साथ ही पानी-भोजन इत्यादि की व्यवस्था रहेगी।
विधानसभा सदस्यों का सम्मान रहना जरुरी
सुरेश खन्ना ने प्रस्ताव पेश के दौरान कहा कि, लोकतंत्र में विधानसभा सदस्यों का सम्मान रहना जरुरी है। क्योंकि ये सदस्य लाखों की आबादी द्वारा चुनकर आते हैं और जनता के प्रतिनिधि बनकर उनके हितों में काम करते हैं। खन्ना ने कहा कि, पुलिस को अधिकार है कि वह व्यवस्था बनाए रखने के लिए अपने कदम उठाए लेकिन पुलिस को ये अधिकार नहीं मिल जाता कि वह किसी को गाली दे , अपमानित करें या डंडा चलाए। खन्ना ने कहा कि मामले में कोई ऐसी स्थिति नहीं थी कि जो कृत्य किया गया वो किया जाता।
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