Unique Temple : एक ऐसा मंदिर जहां पत्थरों को थपथपाने से आती है डमरू की आवाज, यहां पढ़े इसका रहस्य
- By Sheena --
- Tuesday, 23 May, 2023
Unique Temple The Sound of Damru Comes from Tapping the Stones
Unique Temple : भारत में रहस्यमय और प्राचीन मंदिरों की कोई कमी नहीं है। देश के कोने-कोने में आपको कई प्रसिद्ध मंदिर मिल जाएंगे। इनमें से कई मंदिरों को लोग चमत्कारी और रहस्यमयी भी मानते हैं। आज हम आपको एक ऐसे ही मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे रहस्यमयी कहा जाए तो गलत नहीं होगा। क्योंकि कहा जाता है कि इस मंदिर में पत्थरों को थपथपाने पर ढोल जैसी आवाज आती है। दरअसल, यह एक शिव मंदिर है, जिसके बारे में दावा किया जाता है कि यह एशिया का सबसे ऊंचा शिव मंदिर है।
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यह अनोखा मंदिर हिमाचल के सोलन में है
जटोली शिव मंदिर भारत के हिमाचल प्रदेश राज्य के सोलन जिले में स्थित है, जिसे जटोली शिव मंदिर के नाम से जाना जाता है। दक्षिण द्रविड़ शैली में निर्मित इस मंदिर की ऊंचाई लगभग 111 फीट है। मंदिर का निर्माण कला का अनुपम नमूना है, जो देखते ही बनता है।
पौराणिक कथा
इस मंदिर के बारे में मान्यता है कि पौराणिक काल में भगवान शिव यहां आए थे और कुछ समय के लिए रुके थे। बाद में स्वामी कृष्णानंद परमहंस 1950 में जटोली आए। जिनके मार्गदर्शन और दिशा में जटोली शिव मंदिर का निर्माण कार्य 1008 में प्रारंभ हुआ। उन्होंने इस मंदिर की नींव वर्ष 1974 में रखी।हालांकि, उन्होंने साल 1983 में समाधि ले ली, लेकिन मंदिर का निर्माण कार्य नहीं रुका, बल्कि मंदिर प्रबंधन समिति ने इसका काम देखना शुरू किया।
जटोली शिव मंदिर को पूरी तरह से तैयार होने में करीब 39 साल का समय लगा था। करोड़ों रुपए की लागत से बने इस मंदिर की सबसे खास बात यह है कि इसे देश-विदेश के श्रद्धालुओं द्वारा दान किए गए धन से बनाया गया है। यही वजह है कि इसे बनाने में तीन दशक से ज्यादा का वक्त लगा।
सबसे ऊंचा शिव मंदिर
स्वामी कृष्णानंद के समाधि लेने के बाद, मंदिर प्रबंधन समिति ने मंदिर का निर्माण जारी रखा। हाल ही में मंदिर में 11 फीट ऊंचा स्वर्ण कलश चढ़ाया गया है। इससे मंदिर की ऊंचाई करीब 122 फीट तक पहुंच गई। समिति का दावा है कि यह उत्तर भारत का सबसे ऊंचा शिव मंदिर है। जटोली स्थित शिव मंदिर में जल्द ही 17 लाख रुपये की लागत से स्फटिक शिवलिंग स्थापित कर उसका अभिषेक किया जाएगा।
अद्भुत है यहां का पानी, दूर करता है गंभीर रोग
माना जाता है कि जटोली में पानी की किल्लत थी। इससे राहत पाने के लिए स्वामी कृष्णानंद परमहंस ने भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए घोर तपस्या की। इसके बाद त्रिशूल के प्रहार से जमीन से पानी निकाला गया। तब से लेकर आज तक जटोली में कभी पानी की समस्या नहीं हुई। इतना ही नहीं कहा जाता है कि इस पानी को पीने से गंभीर से गंभीर रोग भी ठीक हो जाते हैं।
जटोली शिव मंदिर कैसे पहुंचे
जटोली शिव मंदिर भारत के हिमाचल प्रदेश में सोलन के पास जटोली गांव में स्थित है। मंदिर तक पहुँचने के लिए परिवहन के विभिन्न साधन इस प्रकार हैं।
सड़क द्वारा
मंदिर तक सड़क मार्ग द्वारा आसानी से पहुँचा जा सकता है क्योंकि यह सड़कों के नेटवर्क से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। सोलन निकटतम शहर है और वहां से मंदिर लगभग 10 किलोमीटर दूर है। कोई टैक्सी किराए पर ले सकता है या मंदिर तक पहुँचने के लिए सोलन से बस ले सकता है।
हवाईजहाज से
निकटतम हवाई अड्डा चंडीगढ़ अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है, जो मंदिर से लगभग 55 किलोमीटर दूर है। हवाई अड्डे से, कोई भी टैक्सी किराए पर ले सकता है या मंदिर तक पहुँचने के लिए बस ले सकता है।
ट्रेन से
निकटतम रेलवे स्टेशन कालका रेलवे स्टेशन है, जो मंदिर से लगभग 45 किलोमीटर दूर है। वहां से कोई टैक्सी किराए पर ले सकता है या मंदिर तक पहुंचने के लिए बस ले सकता है।