Union Energy Minister R.K. Singh met Bhagwant Mann

केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आर.के. सिंह से मिले भगवंत मान, राज्य की कई मांगे उठाई, कहा राज्य को कोयले की सप्लाई 100 प्रतिशत सीधी रेलवे से हो  

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Union Energy Minister R.K. Singh met Bhagwant Mann

चंडीगढ़/नई दिल्ली। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आर.के. सिंह को भारत सरकार के फ़ैसले की समीक्षा (Review of the decision of the Government of India) करने और राज्य को मौजूदा ‘रेल-समुद्री जहाज़-रेल (आर.एस.आर.) की बजाय सीधा रेल के द्वारा कोयले की 100 प्रतिशत सप्लाई (100 percent supply) की इजाज़त देने की माँग की।  यहाँ केंद्रीय मंत्री आर.के. सिंह के दफ़्तर में शुक्रवार को मीटिंग के दौरान मुख्यमंत्री ने बताया कि ऊर्जा मंत्रालय ने महानदी कोलफील्ड्ज़ लिमिटेड (Mahanadi Coalfields Limited) (एम.सी.एल./तलचर खदानों) से जनवरी 2023 से पंजाब को 15-20 प्रतिशत घरेलू कोयले की लिफ्टिंग (Domestic coal lifting) ‘रेल-समुद्री जहाज़-रेल’ ('Rail-Ship-Rail') (आर.एस.आर.) माध्यम के द्वारा शुरू करने के लिए कहा है। भगवंत मान (Bhagwant Man) ने कहा कि तलवंडी साबो पावर लिमिटेड (टी.एस.पी.एल.) के पास एम.सी.एल./तलचर से 67.20 लाख मीट्रिक टन कोयले की लिंकेज़ है। उन्होंने कहा कि इस एडवाइजरी के मुताबिक तकरीबन 12-13 लाख मीट्रिक टन कोयला (12-13 lakh metric tonnes of coal) आर.एस.आर. के माघ्यम के द्वारा लाना पड़ेगा।  

आरएसआर के माध्यम से कोयले पड़ता है महंगा / Coal becomes costlier through RSR

मुख्यमंत्री (Chief Minister) ने रोष प्रकट किया कि आर.एस.आर. माध्यम के द्वारा कोयले के पहुँच मूल्य में तकरीबन 1600 रुपए प्रति मीट्रिक टन (Rs. 1600 per metric ton) की बड़ी वृद्धि होगी, जिससे हर साल तकरीबन 200 करोड़ रुपए का अतिरिक्त वित्तीय बोझ (Financial Burden) बर्दाश्त करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि एम.सी.एल. और पंजाब के बीच रेल-मार्ग के द्वारा दूरी तकरीबन 1900 किलोमीटर है, जबकि प्रस्तावित आर.एस.आर. माध्यम के द्वारा रेल-मार्ग तकरीबन 1700-1800 किलोमीटर के साथ-साथ परादीप और मुन्दरा (Paradeep and Mundra) के बीच तकरीबन 4360 किलोमीटर का अतिरिक्त समुद्री सफऱ पड़ेगा। भगवंत मान ने कहा कि एम.सी.एल. से पंजाब काफ़ी दूर (MCL far away from punjab) स्थित है, जिस कारण कोयले की कुल पहुंच लागत का 60 प्रतिशत तो ढुलाई (60 percent then freight) की ही लागत है।  

कोयले की गुणवत्ता में भी गिरावट आई /Coal quality also declined

मुख्यमंत्री ने यह भी रोष प्रकट किया कि 1400 किलोमीटर से ज़्यादा दूर स्थित ताप बिजली घरों (thermal power houses) को रेलवे द्वारा किराये में दी गई राहत 31 दिसंबर, 2021 में ख़त्म होने के बाद से बढ़ाई नहीं गई, जिसके नतीजे के तौर पर रेलवे के भाड़े में एकदम वृद्धि हुई। भगवंत मान (Bhagwant Man) ने कहा कि आर.एस.आर. माध्यम के द्वारा कोयले की ढुलाई के दौरान लादने और उतारने के लिए कई साधन लगेंगे, जिससे ट्रांजिट नुकसान (Transit Loss) 0.8 प्रतिशत से बढकऱ 1.4 प्रतिशत हो जाएगा। इसके अलावा ढुलाई और उतरवाई के ज़्यादा साधन होने के कारण कोयले की गुणवत्ता में भी गिरावट (Decline in Quality) आने के साथ-साथ खदान (एम.सी.एल.) से लोडिंग होने से ताप बिजली घर तक पहुँचने में लगने वाला ढुलाई समय रेल माध्यम के चार से पाँच दिनों के मुकाबले तकरीबन 25 दिनों का हो जाएगा। उन्होंने कहा कि इन चिंताओं को ध्यान में रखते हुए आर.एस.आर. माध्यम के द्वारा पंजाब के ताप बिजली घरों के लिए घरेलू कोयले की ट्रांसपोर्टेशन लाभप्रद (Transportation Advantage) नहीं होगी, क्योंकि इससे पंजाब के लोगों पर बिजली दरों का बोझ बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि अगर रेलवे के पास ढुलाई के लिए उचित रैक्स लाने में बुनियादी ढांचे की कमी है तो इसका बोझ सभी राज्यों को बराबर उठाना चाहिए।  

बीबीएमबी में मैंबर पावर नियुक्त करने का मुद्दा भी उठाया / Raised the issue of appointing member power in BBMB

इस दौरान मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री आर.के. सिंह (Union Minister R.K. Lion) के पास राज्य के कोटे में से बीबीएमबी में मैंबर पावर नियुक्त करने का मुद्दा भी उठाया। दोनों नेता बीबीएमबी (BBMB) के मामलों को सुचारू बनाने के लिए जल्द से जल्द मैंबर नियुक्त करने के लिए भी सहमत हुए। उन्होंने इस बात पर भी रज़ामंदी अभिव्यक्त की कि मैंबर की नियुक्ति की समूची प्रक्रिया जल्द ही मुकम्मल कर ली जाएगी।  

पछवाड़ा केंद्रीय खदान से कोयले का उत्पादन शुरू  / Coal production started from Pachhwada central mine

एक और मसला उठाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब को आवंटित हुई पछवाड़ा केंद्रीय खदान (Pachwara Central Mine) से कोयले का उत्पादन शुरू हो चुका है और इस खदान के पास राज्य के ताप बिजली घरों की ज़रूरतों को पूरी करने के लिए टी.एस.पी.एल. को देने के लिए उचित मात्रा में कोयला मौजूद है, जिस कारण भविष्य में पंजाब के बिजली घरों के लिए कोयले का विदेशों से आयात करने की कोई ज़रूरत नहीं पड़ेगी। भगवंत मान (Bhagwant Man) ने केंद्रीय मंत्री को कहा कि पंजाब को अपनी निर्धारित पछवाड़ा खदान का कोयला 50 प्रतिशत ट्रांसफर हद और रॉयल्टी (Royalties) के बगैर दोनों टी.एस.पी.एल. और नाभा पावर लिमिटेड (एन.पी.एल.) के लिए बरतने की मंजूरी दी जाए। उन्होंने कहा कि पछवाड़ा कोयला खदान (Pachwara Central Mine) का कोयला उच्च गुणवत्ता वाला है, जो 4300 के.सी.ए.एल./किलोग्राम की उच्च जी.सी.वी. और 29 प्रतिशत के ऐश कंटैंट वाला है, जबकि एम.सी.एल. का कोयला 3000 के.सी.ए.एल./किलोग्राम और 41 प्रतिशत ऐश कंटैंट वाला है।

 

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