Shivraj Chouhan: केंद्रीय मंत्री शिवराज चौहान को टूटी सीट पर बैठाया गया; एयर इंडिया फ्लाइट में थे, बोले- अंदर धंसी सीट पर बैठना पड़ा

केंद्रीय मंत्री शिवराज चौहान को टूटी सीट पर बैठाया गया; एयर इंडिया फ्लाइट में थे, बोले- अंदर धंसी सीट पर बैठे तकलीफ होती रही, ये धोखा है

Union Agriculture Minister Shivraj Singh Chouhan Air India Flight News

Union Agriculture Minister Shivraj Singh Chouhan Air India Flight News

Shivraj Singh Chouhan: केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को एयर इंडिया फ्लाइट में यात्रा के दौरान टूटी हुई सीट पर बैठाया गया। वह भोपाल से दिल्ली आ रहे थे। टूटी सीट मिलने के बाद केंद्रीय मंत्री का पारा चढ़ा हुआ है। शिवराज चौहान ने इसके लिए एयर इंडिया एयरलाइंस पर जमकर अपना गुस्सा उतारा है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर फ्लाइट में अपनी यात्रा का पूरा वाकया बयां किया।

केंद्रीय मंत्री शिवराज चौहान ने कहा कि, उन्हें अंदर धंसी सीट पर बैठे तकलीफ होती रही और उन्हें इस तरह से यात्रा करनी पड़ी। यात्रा के पूरे पैसे वसूल कनर के बाद यात्रियों के साथ ये धोखा किया जा रहा है। शिवराज चौहान ने कहा कि, फ्लाइट में बैठे लोगों ने मुझसे सीट बदलने का आग्रह भी किया लेकिन मैं उन्हें तकलीफ नहीं देना चाहता था। इसलिए अपनी ही सीट पर बैठकर यात्रा पूरी करने का फैसला किया।

जानिए शिवराज चौहान ने क्या-क्या कहा?

X पर जानकारी देते हुए शिवराज चौहान ने बताया- ''आज मुझे भोपाल से दिल्ली आना था, पूसा में किसान मेले का उद्घाटन, कुरुक्षेत्र में प्राकृतिक खेती मिशन की बैठक और चंडीगढ़ में किसान संगठन के माननीय प्रतिनिधियों से चर्चा करनी है। मैंने एयर इंडिया की फ्लाइट क्रमांक AI436 में टिकिट करवाया था, मुझे सीट क्रमांक 8C आवंटित हुई। मैं जाकर सीट पर बैठा, सीट टूटी और अंदर धंसी हुई थी. बैठना तकलीफदायक था।''

शिवराज चौहान ने आगे कहा, ''जब मैंने विमानकर्मियों से पूछा कि खराब सीट थी तो आवंटित क्यों की? उन्होंने बताया कि प्रबंधन को पहले सूचित कर दिया था कि ये सीट ठीक नहीं है, इसका टिकट नहीं बेचना चाहिए। ऐसी एक नहीं और भी सीटें हैं।''

वहीं शिवराज चौहान ने बताया, ''सहयात्रियों ने मुझे बहुत आग्रह किया कि मैं उनसे सीट बदल कर अच्छी सीट पर बैठ जाऊं लेकिन मैं अपने लिए किसी और मित्र को तकलीफ क्यों दूं, मैंने फैसला किया कि मैं इसी सीट पर बैठकर अपनी यात्रा पूरी करूंगा।''

शिवराज चौहान ने कहा कि, ''मेरी धारणा थी कि टाटा प्रबंधन के हाथ में लेने के बाद एयर इंडिया की सेवा बेहतर हुई होगी, लेकिन ये मेरा भ्रम निकला। मुझे बैठने में कष्ट की चिंता नहीं है लेकिन यात्रियों से पूरा पैसा वसूलने के बाद उन्हें खराब और कष्टदायक सीट पर बैठाना अनैतिक है। क्या ये यात्रियों के साथ धोखा नहीं है? क्या आगे किसी यात्री को ऐसा कष्ट न हो, इसके लिए एयर इंडिया प्रबंधन कदम उठाएगा या यात्रियों की जल्दी पहुंचने की मजबूरी का फायदा उठाता रहेगा।''

भारत सरकार के मंत्री के साथ ऐसा तो आम लोगों का क्या?

अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि, जब यह सब भारत सरकार के एक मंत्री के साथ हो रहा है तो आम लोगों के लिए भला क्या ही कहा जा सकता है? आम लोग तो ऐसे ही टूटी सीटों पर, भारी भीड़ में दबकर, कुचलकर यात्रा करते रहेंगे और न कोई देखने वाला होगा और न कोई सुनने वाला? एयर इंडिया फ्लाइट से जो वाकया सामने आया है। उससे लगता है कि, किस प्रकार एयरलाइंस आम जनता को लूट रहीं हैं और उनके साथ पैसे लेकर धोखा कर रहीं हैं। वहीं फ्लाइट छोड़िए ट्रेनों में भी आम लोगों की अहमियत गाजर-मूली की तरह ही है। बल्कि अव्यवस्था में रेनों का तो और बुरा हाल है।