Unemployment is the biggest epidemic in the country, PM Modi will have to answer

बेरोजगारी देश की सबसे बड़ी महामारी, पीएम मोदी को देना होगा जवाब : रणदीप सुरजेवाला 

Unemployment is the biggest epidemic in the country, PM Modi will have to answer

Unemployment is the biggest epidemic in the country, PM Modi will have to answer

Unemployment is the biggest epidemic in the country, PM Modi will have to answer- नई दिल्ली। इंडियन यूथ कांग्रेस ने रोजगार समेत विभिन्न मुद्दों को लेकर मंगलवार को जंतर-मंतर पर केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन किया। इसमें कांग्रेस के राज्यसभा सांसद रणदीप सुरजेवाला भी शामिल हुए। 

भारतीय युवा कांग्रेस द्वारा आयोजित "नौकरी दो, जंजीरें नहीं" कार्यक्रम के तहत देशभर से आए कार्यकर्ताओं ने बेरोजगारी के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की।

प्रदर्शन के दौरान रणदीप सुरजेवाला ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा, "देश के हजारों युवा बेरोजगारी का मुद्दा संसद तक ले जाने के लिए युवा कांग्रेस के नेतृत्व में यहां जुटे हैं। बेरोजगारी आज देश की सबसे बड़ी बीमारी बन चुकी है। पीएम मोदी इस पर एक शब्द नहीं बोलते। 30 लाख से ज्यादा सरकारी नौकरियां खाली पड़ी हैं। हर दिन पेपर लीक हो रहे हैं। इस सरकार ने युवाओं के भविष्य को अंधेरे में धकेल दिया है। युवा अपने अधिकारों के लिए आवाज उठा रहे हैं, लेकिन सरकार सो रही है।"

सुरजेवाला ने कहा, "आज बेरोजगारी सबसे बड़ी महामारी है और यह 'मोदी मेड बीमारी' है। जंजीरों में जकड़े बच्चों को खदेड़ा जा रहा है, लेकिन मोदी सरकार चुप क्यों है? पीएम मोदी को जवाब देना होगा।"

प्रदर्शन के दौरान कार्यकर्ताओं ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और युवाओं के लिए रोजगार की मांग को प्रमुखता से उठाया।

पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को संसद भवन की ओर बढ़ने से रोकने के लिए बैरिकेड्स लगाए हुए थे और सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे।

कांग्रेस लंबे समय से बेरोजगारी को राष्ट्रीय स्तर पर अपना सबसे बड़ा मुद्दा बनाए हुए है। इंडियन यूथ कांग्रेस के इस प्रदर्शन ने एक बार फिर बेरोजगारी के मुद्दे को राष्ट्रीय चर्चा में ला दिया है।

कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार इन दिनों बिहार में 'पलायन रोको, नौकरी दो' नारों के साथ पदयात्रा कर रहे हैं। उन्होंने केंद्र सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि अगर थाली बजाने से कोरोना जैसी महामारी भाग जाती, तो बेरोजगारी भी तो महामारी है, यह भी थाली बजाने से भाग जाती। हम शाम तक थाली पीटते रहे, लेकिन बेरोजगारी भागी नहीं। वास्तव में थाली बजाने से कोरोना भी नहीं भागी थी।