बेरोजगार होम्योपैथी फार्मासिस्ट पहुंचे मुख्यमंत्री आवास, पुलिस ने रोका, हिरासत में लिया
Demonstration of Homeopathic Pharmacist
लखनऊ: Demonstration of Homeopathic Pharmacist: होम्योपैथिक फार्मासिस्ट ने नियुक्ति की मांग को लेकर शनिवार को सीएम आवास के बाहर प्रदर्शन(Demonstration outside CM residence) किया. अभ्यर्थी सुबह 11 बजे से ही जुटने लगे थे. संख्या बढ़ने के बाद सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी. बवाल बढ़ता देख पुलिस ने अभ्यर्थियों को समझाने की कोशिश की. लेकिन अभ्यर्थियों के न मानने पर पुलिस ने उन्हें बल पूर्वक गाड़ियों में भरकर इको गार्डन पहुंचा दिया. इस दौरान कई प्रदर्शनकारी चोटिल भी हुए(protesters were also injured). सीएम आवास के बाहर भारी संख्या में अभ्यर्थी एकत्रित होकर प्रदर्शन किया और नारे लगाए. बता दें कि बीते चार साल से इन अभ्यर्थियों की नियुक्ति नहीं हुई है और यह दर-दर की ठोकर खा रहे हैं.
सीएम आवास के बाहर छात्रों का प्रदर्शन (Demonstration of students outside CM residence)
चयनित अभ्यर्थियों में शामिल राहुल ने बताया कि 2019 में इस उम्मीद से परीक्षा दी थी कि नौकरी मिलने पर भविष्य सुरक्षित हो जाएगा. चयन के तीन साल बाद भी नियुक्ति नहीं मिल सकी है. मजबूरी में एक मेडिकल स्टोर पर काम करके किसी तरह परिवार का पेट भर रहे हैं. महज आठ हजार के वेतन में बच्चे को पढ़ाना और घर चलाना मुश्किल होता जा रहा है. अकेले एक ही नहीं परीक्षा पास करने वाले अन्य अभ्यर्थी भी इसी दर्द से गुजर रहे हैं. सबका कहना है कि इतने साल बीतने के बावजूद न्याय नहीं मिल सका है.
फार्मेसिस्ट फेडरेशन ने स्वास्थ्य कर्मियों की आवश्यकता को देखते हुए तत्काल चयन सूची विभाग को सौंपने की मांग की है. फार्मेसिस्ट फेडरेशन के अध्यक्ष सुनील यादव ने बताया कि होम्योपैथ फार्मेसिस्ट के 420 पदों पर भर्ती के लिए फरवरी 2019 में विज्ञापन संख्या 02/परीक्षा/2019 द्वाराआवेदन आमंत्रित किये गए थे, 24 अक्टूबर 2019 को प्रतियोगात्मक परीक्षा संपन्न हुई थी. 1 वर्ष से अधिक समय बीतने के बाद 17 दिसम्बर 2020 को परिणाम आया. उत्तीर्ण परीक्षार्थियों के सभी शैक्षणिक प्रपत्रों का परीक्षण भी आयोग द्वारा 16 मार्च 2021 से 20 मार्च 2021 तक किया गया. लेकिन सभी औपचारिकताओं के पूरा होने के बाद भी चयन सूची अभी तक होम्योपैथिक विभाग को नहीं सौंपी गई है, जिससे नियुक्ति पत्र जारी नहीं हो पा रहा है. उन्होंने कहा कि चिकित्सा विभाग में मानव संसाधन की बहुत कमी है ऐसे में जो 600 से अधिक पद रिक्त है, लगातार लोग सेवानिवृत्त हो रहे हैं. एक फार्मेसिस्ट के पास कई चिकित्सालयों का प्रभार है. और इन रिक्त पदों को तत्काल भरा जाना चाहिए.
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