अनियंत्रित डायबिटिज किडनी ही नहीं दिल और दिमाग को भी बहुत ज्यादा पहुंचाती है नुकसान
अनियंत्रित डायबिटिज किडनी ही नहीं दिल और दिमाग को भी बहुत ज्यादा पहुंचाती है नुकसान
जब एक रोग के कारण कोई अन्य स्वास्थ्य समस्या व्यक्ति को परेशान करने लगती है तो उसे छाया रोग कहते हैं। मधुमेह भी एक ऐसी समस्या है, जिसे कुछ अन्य गंभीर बीमारियों के लिए जिम्मेदार माना जा रहा है।
हृदय रोग के लिए जिम्मेदार
मधुमेह के लगभग 70 प्रतिशत रोगी ऐसे होते हैं जिन्हें मोटापा, उच्च कोलेस्ट्रॉल और रक्तचाप जैसी समस्याएं भी होती हैं। इससे उनके हृदय की धमनियों की भीतरी दीवारों में कोलेस्ट्रॉल जमा होने लगता है, जिससे वे संकरी हो जाती हैं और रक्त प्रवाह में रुकावट आती है। नतीजतन, शरीर के सभी हिस्सों में ऑक्सीजन युक्त शुद्ध रक्त पहुंचाने के लिए हृदय को अधिक मेहनत करनी पड़ती है, जो शरीर के इस महत्वपूर्ण अंग को धीरे-धीरे कमजोर कर देता है। इसी वजह से आर्टरी ब्लॉकेज, हार्ट फेल्योर, एरिथमिया और हार्ट अटैक जैसी गंभीर समस्याएं भी हो जाती हैं।
दिमाग के लिए हानिकारक
जिस प्रकार मधुमेह के कारण हृदय की रक्त वाहिकाओं में कोलेस्ट्रॉल या अन्य हानिकारक पदार्थ जमा हो जाते हैं, उसी प्रकार मस्तिष्क की नसों में ब्लॉकेज होने का खतरा होता है, जिससे ब्रेन स्ट्रोक हो सकता है। नतीजतन, कभी-कभी शरीर के कुछ अंग काम करना बंद कर देते हैं। इससे मेमोरी लॉस जैसी समस्या भी हो सकती है। चूंकि डायबीटीज के मरीज डाइट कंट्रोल और दवाओं की मदद लेते हैं। इसलिए कभी-कभी लंबे समय तक खाली पेट रहने या किसी अन्य कारण से उनका शुगर लेवल अचानक बहुत कम हो जाता है, जिससे उन्हें चक्कर आने लगते हैं और उनकी आंखों के सामने अंधेरा छा जाता है। शुगर लेवल कम होने पर मरीज कोमा में चला जाता है और कई बार यह स्थिति जानलेवा भी साबित होती है।
किडनी प्रभावित होती है
किडनी खून को फिल्टर करके फिल्टर की तरह काम करती है, लेकिन डायबिटीज के कारण खून में शुगर की मात्रा बढ़ जाने से किडनी की बारीक रक्त वाहिकाओं की नलियां धीरे-धीरे नष्ट होने लगती हैं। जिससे इसकी कार्यक्षमता कम होने लगती है। वैज्ञानिकों द्वारा किए गए शोध में यह पाया गया है कि लगभग 40 प्रतिशत लोगों की किडनी केवल मधुमेह की वजह से खराब होती है। ऐसी समस्या को डायबिटिक नेफ्रोपैथी कहते हैं। ऐसे में सूजन जैसे लक्षण दिखाई देते हैं क्योंकि तरल पदार्थ के रूप में हानिकारक पदार्थ शरीर के अंदर जमा होने लगते हैं।