शराब घोटाले पर आमने-सामने हुए चाचा-भतीजा, हुड्डा की सीबीबाई जांच की मांग, मनोहर ने किया मना
Haryana Budget Session
मुख्यमंत्री बोले, शराब घोटाले पर सरकार कर रही है सख्त कार्रवाई, गलत कार्य करने वालों को नहीं जाएगा बख्शा
अभय चौटाला ने शराब घोटाले की जांच के लिए एसआईटी, विजिलेंस और मुख्य सचिव की गठित की गई कमेटियों की रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग
अभय बोले, कैग की रिपोर्ट में प्रदेश के राजस्व को लगी 106 करोड़ की चपत
चंडीगढ़। Haryana Budget Session: कोरोना काल में लॉकडाउन के दौरान हुए शराब घोटाले(liquor scam) पर चाचा-भतीजा आमने-सामने हो गए। वहीं नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा(Leader of Opposition Bhupinder Singh Hooda) ने सीबीआई से जांच कराने की मांग की, जिसे मुख्यमंत्री मनोहर लाल(Chief Minister Manohar Lal) ने नकार दिया। उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला(Deputy Chief Minister Dushyant Chautala) ने शराब घोटाले को लेकर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान सदन में विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की, लेकिन ऐलनाबाद से इनेलो विधायक अभय चौटाला ने रिपोर्ट को झूठ का पुलिंदा करार देते हुए शराब घोटाले की जांच के लिए एसआईटी, विजिलेंस और मुख्य सचिव की गठित की गई कमेटियों की रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग की। सरकार के जवाब से असंतुष्ट इनेलो विधायक ने रिपोर्ट पर सवाल खड़े किए। इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष और इनेलो विधायक के बीच शराब घोटाले को लेकर खूब सवाल-जवाब हुए। विस अध्यक्ष ने कई बार इनेलो विधायक को टोका कि मुद्दे की बात ही करें।
हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे चरण की कार्यवाही में शराब घोटाले का मुद्दा गूंजा। इनेलो विधायक ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के दौरान सवाल उठाया कि पहले शीतकालीन सत्र के दौरान सदन में कहा दिया गया था कि जवाब गृह मंत्री देंगे और वो उस दिन उपस्थित नहीं थे, लेकिन आज आबकारी मंत्री इसका जवाब दे रहे हैं जबकि यही आबकारी मंत्री उस दिन सदन में मौजूद थे तब इन्होंने इसका जवाब क्यों नहीं दिया?
अभय ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान व लाकॅडाउन के समय प्रदेश में शराब घोटाले की जांच के लिए गठित की गई एसआईटी की रिपोर्ट का स्टेट्स मांगा था, उस रिपोर्ट को अब तक सार्वजनिक क्यों नहीं किया गया। उसके बाद विजिलेंस की एक टीम का गठन किया गया और विजिलेंस की टीम ने भी अपनी रिपोर्ट भी मुख्यमंत्री को सौंप दी थी। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक सदस्यीय कमेटी बनाई जिसकी रिपोर्ट भी आज तक नहीं आई।
अभय ने सवाल उठाया कि रिपोर्ट में उप-निरीक्षक पर एफआईआर दर्ज की गई, इसके अलावा 7 एईटीओ व 15 आबकारी निरीक्षक को चार्जशीट किया गया, लेकिन इस अवधि के दौरान परमिट स्वीकृत किए थे जबकि सभी डिस्टलरी और शराब की दुकानों को बंद कर दिया गया था। उनके खिलाफ क्या कार्रवाई की गई, उसका भी कहीं जिक्र नहीं किया गया है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि कैग की रिपोर्ट में साफ-साफ लिखा है कि प्रदेश के राजस्व को 106.76 करोड़ रूपए की चपत लगाई गई है।
शराब घोटाले में विजिलेंस रिपोर्ट आनी है बाकी, गलत काम करने वाले नपेंगे (Vigilance report is yet to come in liquor scam, wrongdoers will be measured)
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि कोरोना महामारी तथा लाकडाउन के दौरान शराब घोटाले की जांच के लिए गठित एसईटी की रिपोर्ट के आधार पर दो और कमेटियों का गठन किया गया था। विजिलेंस को भी जांच करने के आदेश दिए गए थे, जिसकी रिपोर्ट अभी आनी है। रिपोर्ट आने पर राज्य सरकार द्वारा उपयुक्त कार्रवाई की जाएगी। मनोहर लाल ने कहा कि इस मामले की जांच के लिए गठित एसईटी ने अपनी रिपोर्ट में उल्लेखित चूकों के लिए अधिकारियों, कर्मचारियों के खिलाफ उचित कार्रवाई करने की सिफारिश की थी। इसके अलावा, इस रिपोर्ट में आबकारी विभाग के कामकाज में व्यवस्थित सुधार के लिए सुझाव, अनुशंसित उपाय भी शामिल हैं।
अवैध शराब बिक्री से होने वाले राजस्व नुकसान को रोकने के लिए उठाए गए कदम : दुष्यंत (Steps taken to prevent revenue loss due to illegal liquor sale: Dushyant)
उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला कहा कि अवैध शराब की बिक्री से होने वाले राजस्व के नुकसान को रोकने व विभाग की प्रणाली में सुधार के लिए अनेक कदम उठाए। राज्य में सभी डिस्टिलरी एवं बाटलिंग संयंत्रों में अत्याधुनिक सीसीटीवी कैमरा प्रणाली स्थापित की गई है, साथ ही मुख्यालय में एक एकीकृत नियंत्रण कक्ष भी स्थापित किया गया है। शराब की अवैध बिक्री न हो इसके लिए विभाग द्वारा नियमित रूप से शराब की दुकानों की चेकिंग की जा रही है। राजस्व की सुरक्षा के लिए वर्ष 2022-23 की आबकारी नीति में भारी मात्रा में अवैध शराब की बिक्री करने वाले ऐसे थोक लाइसेंस धारियों के विरुद्ध कठोर दंडात्मक प्रावधान किए गए हैं। ऐसे मामलों में 2020-21 से अब तक 340 करोड़ रुपये से अधिक का जुर्माना लगाया जा चुका है।
शराब घोटाले पर कांग्रेस विधायक नीरज शर्मा ने सरकार को घेरा (Congress MLA Neeraj Sharma surrounded the government on liquor scam)
एनआइटी फरीदाबाद से कांग्रेस विधायक नीरज शर्मा ने शराब घोटाले पर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के दौरान सरकार को घेरा। शर्मा ने कहा कि लाकडाउन के दौरान 2020-21 में शराब से सरकार को 6786.78 करोड़ और 2021-22 में 7936.71 करोड़ रुपये राजस्व मिला। यानी एक ही साल में सरकार का राजस्व 1250 करोड़ रुपये बढ़ गया। इसलिए यह माना जा रहा है कि 2020-21 में एक हजार करोड़ से ज्यादा का नुकसान घोटाले की वजह से सरकार को हुआ।
2016 और 2020 में हुई मृत्यु का आंकड़ा (Death figures in 2016 and 2020)
जिला मृत्यु-2016 मृत्यु-2020
जींद 02 --
फरीदाबाद -- 05
पानीपत -- 10
सोनीपत -- 15
2016 से 2022 तक दर्ज केस और गिरफ्तारी (Cases and arrests registered from 2016 to 2022)
वर्ष दर्ज केस गिरफ्तारी
2016 16263 18118
2017 14536 15497
2018 11532 12137
2019 10476 10824
2020 11220 13051
2021 10562 11664
2022 13408 13819
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