साल 2025 में 2 सूर्य ग्रहण और 2 चंद्र ग्रहण; भारत में क्या होगा प्रभाव? अभी से नोट कर लें तारीख और टाइमिंग, आइए यहां जानिए
Two Surya Chandra Grahan in Year 2025 Date and Timing Astronomical Events
Surya Chandra Grahan 2025: साल 2024 अब हमें अलविदा कह रहा है और इसी के साथ अब नए साल 2025 की शुरुवात हो रही है। एक तरफ जहां नए साल को लेकर जश्न और उत्साह का माहौल बना हुआ है तो वहीं यह साल 2025 खगोलीय घटनाओं के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण और खास होने वाला है। नए साल यानी 2025 में सूर्य और चंद्र को मिलाकर कुल 4 ग्रहण लगेंगे। साल 2025 में 2 सूर्य ग्रहण और 2 चंद्र ग्रहण होंगे।
14 मार्च से होगी ग्रहणों की शुरुआत
साल 2025 में 14 मार्च से ग्रहणों की शुरुआत होगी। यानि साल 2025 का पहला ग्रहण 14 मार्च को लगेगा। जबकि 21 सितंबर 2025 को साल का अंतिम ग्रहण लगेगा। वहीं आपको बता दें कि 2 सूर्य ग्रहण और 2 चंद्र ग्रहण में केवल 1 चंद्र ग्रहण ही भारत में दिखाई देगा। जिसमें भारत में सूतक काल भी मान्य होगा। वहीं 3 अन्य ग्रहण (एक चंद्र ग्रहण, और 2 सूर्य ग्रहण) भारत में नहीं दिखेंगे। इसलिए भारत में इनका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा।
14 मार्च 2025 को पहला पूर्ण चंद्र ग्रहण
ज्योतिष और साइंस के अनुसार, साल 2025 का पहला ग्रहण 'चंद्र ग्रहण' 14 मार्च को लगेगा। यह पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा। मगर यह पहला चंद्र ग्रहण भारत में नहीं देखा जा सकेगा। क्योंकि इस खगोलीय घटना के वक्त देश में दिन का समय होगा। दरअसल, भारतीय समय के मुताबिक, पूर्ण चंद्र ग्रहण की शुरुआत 14 मार्च 2025 को प्रातः 10 बजकर 39 मिनट 3 सेकेंड पर होगी और ग्रहण 2 बजकर 18 मिनट 2 सेकेंड पर खत्म होगा। यानि चंद्र ग्रहण की अवधि लगभग 3 घंटे से ज्यादा की होगी।
पहला पूर्ण चंद्र ग्रहण कहां-कहां दिखाई देगा?
साल 2025 का पहला पूर्ण चंद्र ग्रहण अमेरिका, पश्चिमी यूरोप, पश्चिमी अफ्रीका और उत्तरी और दक्षिणी अटलांटिक महासागर में दिखाई देगा। मतलब भारत में लोग इस पूर्ण चंद्र ग्रहण का नजारा नहीं देख सकेंगे। ऐसे में भारत के खगोलप्रेमियों को यह थोड़ा निराश कर सकता है। आखिरी बार 8 नवंबर 2022 को भारत ने पूर्ण चंद्र ग्रहण देखा था।
29 मार्च 2025 को पहला आंशिक सूर्य ग्रहण
साल 2025 का दूसरा ग्रहण 'सूर्य ग्रहण' 29 मार्च को लगेगा। यह आंशिक सूर्य ग्रहण होगा। 29 मार्च को लगने वाला आंशिक सूर्यग्रहण भी भारत में नहीं देखा जा सकेगा। साल 2025 का पहला आंशिक सूर्य ग्रहण नॉर्थ-वेस्ट अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका, ग्रीनलैंड, आईस लैंड, उत्तरी अटलांटिक महासागर, पूरे यूरोप और उत्तर-पश्चिमी रूस में देखा जा सकेगा।
भारतीय समय के मुताबिक, आंशिक सूर्य ग्रहण 29 मार्च को 2 बजकर 20 मिनट के आसपास शुरू होगा और 6 बजकर 13 मिनट के करीब समाप्त होगा। आंशिक सूर्य ग्रहण की अवधि लगभग 3 घंटे से ज्यादा की होगी।
7 और 8 सितंबर को दूसरा पूर्ण चंद्र ग्रहण?
साल 2025 का तीसरा ग्रहण 'चंद्र ग्रहण' 7 और 8 सितंबर को लगेगा। यह 'चंद्र ग्रहण' भी पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा। भारत के खगोलप्रेमियों के लिए अच्छी खबर यह है कि, इस पूर्ण चंद्र ग्रहण को भारत में देखा जा सकेगा। यह ग्रहण भारत और एशिया के अन्य देशों के साथ ही यूरोप, अफ्रीका, अंटाकर्टिका, पश्चिमी प्रशांत महासागर, ऑस्ट्रेलिया और हिंद महासागर क्षेत्र में भी दिखाई देगा।
भारतीय समय के मुताबिक, साल 2025 का यह दूसरा पूर्ण चंद्र ग्रहण 7 सितंबर 2025 को रात 9 बजकर 56 मिनट के आसपास शुरू होगा और यह मध्य रात्रि 1 बजकर 26 मिनट के करीब समाप्त होगा। यानि इस पूर्ण चंद्र ग्रहण की अवधि लगभग 3 घंटे से ज्यादा की होगी।
21 और 22 सितंबर को दूसरा आंशिक सूर्य ग्रहण
साल 2025 का चौथा और आखिरी ग्रहण 'सूर्य ग्रहण' 21 और 22 सितंबर को लेगेगा। यह भी आंशिक सूर्य ग्रहण होगा। यह सूर्य ग्रहण भारत में नहीं देखा जा सकेगा। क्योंकि इस खगोलीय घटना के वक्त देश में रात का समय होगा। भारतीय समय के मुताबिक, यह आंशिक सूर्य ग्रहण 21 सितंबर 2025 को रात 11 बजे के आसपास लगेगा और तड़के 3 बजकर 24 मिनट पर समाप्त होगा। इस सूर्य ग्रहण की अवधि 4 घंटे से ज्यादा की होगी।
दूसरा आंशिक सूर्य ग्रहण कहां-कहां दिखाई देगा?
पहले आंशिक सूर्य ग्रहण की तरह यह ग्रहण भी भारत में नहीं दिखाई देगा। यह आंशिक सूर्य ग्रहण न्यूजीलैंड, पूर्वी मेलानेशिया, दक्षिणी पोलिनेशिया और पश्चिम अंटार्कटिका में नजर आएगा। बता दें कि साल 2024 में भी उपच्छाया चंद्र ग्रहण, पूर्ण सूर्यग्रहण, आंशिक चंद्र ग्रहण और वलयाकार सूर्य ग्रहण की चार खगोलीय घटनायें हुईं थीं। आखिरी बार 8 अप्रैल 2024 को पूर्ण सूर्य ग्रहण दिखा था। हालांकि, इसे भारत में नहीं देखा गया था। 54 सालों में यह अब तक का सबसे लंबा पूर्ण सूर्य ग्रहण था।
क्यों लगता सूर्य ग्रहण?
पृथ्वी पर हमें दो तरह के ग्रहण दिखते हैं। एक होता है सूर्य ग्रहण और दूसरा होता है चंद्र ग्रहण। साइंस के अनुसार जब चांद पृथ्वी का चक्कर लगाते हुए सूर्य और पृथ्वी के बीच में आ जाये तो सूर्य ग्रहण होता है। वहीं वलयाकार आंशिक सूर्य ग्रहण की अगर बात करें तो इस घटना के दौरान चंद्रमा के पृथ्वी और सूर्य के बीच आ जाने के कारण सूर्य का कुछ हिस्सा ढक जाएगा।
यानि सूर्य के बाहरी किनारों को छोड़कर लगभर पूरा हिस्सा ढक जाता है। इसी वजह से आसमान में एक जलता हुआ आग का गोला दिखाई देता है यानि एक रिंग आकृति। वहीं पूर्ण सूर्य ग्रहण की बात करें तो ऐसा तब होता है जब पृथ्वी, सूर्य तथा चंद्रमा एक सीधी रेखा में होते हैं, इसके कारण पृथ्वी के एक भाग पर पूरी तरह से अंधेरा छा जाता है, तब पूर्ण सूर्य ग्रहण की स्थिति बनती है।
सूर्य ग्रहण देखना चाहिए?
धार्मिक मान्यता के अनुसार, सूर्य पर लगे ग्रहण की घटना को नहीं देखना चाहिए। हालांकि, साइंस के अनुसार सूर्य ग्रहण देखा जा सकता है लेकिन इस दौरान सुरक्षा का पालन करना जरूरी है। एक्सपर्ट्स कहते हैं कि सूर्य ग्रहण को देखने के दौरान आंखों की सुरक्षा बहुत जरूरी है। विशेष चश्मे, फिल्टर के जरिए सूर्य ग्रहण देखना चाहिए। सुरक्षा का ध्यान न रखने से आंखों को गंभीर नुकसान पहुंच सकता है।
क्यों लगता चंद्र ग्रहण?
ज्योतिष शास्त्र में चंद्र ग्रहण को लेकर कई अलग-अलग तथ्य बताए गए हैं लेकिन साइंस के अनुसार चांद और सूर्य के बीच में जब पृथ्वी आ जाती है तो चंद्र ग्रहण होता है। पृथ्वी की छाया जब चांद पर पड़ती है तो आंशिक चंद्र ग्रहण होता है और जब चांद पूरी तरह से पृथ्वी की छाया में ढंक जाता है तो पूर्ण चंद्र ग्रहण होता है। इस दौरान चंद्रमा लाल या धुंधला दिखाई देता है।
आपको यह भी बता दें कि, चंद्र ग्रहण हमेशा पूर्णिमा तिथि पर होता है। जबकि सूर्य ग्रहण हमेशा अमावस्या तिथि पर होता है। पृथ्वी पर हमें ये दो तरह के ग्रहण दिखते हैं।
ग्रहण के दौरान क्या करें और क्या नहीं?
धार्मिक मान्यता के अनुसार, ग्रहण काल के दौरान गर्भवती महिलाओं को पैरों को मोड़कर नहीं बैठना चाहिए। ग्रहण के दौरान उन्हे घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए और सूर्य की हानिकारक किरणों से बचकर घर में रहना चाहिए। अगर घर में गाय-भैंस जैसे पालतू जनवार हैं तो उन्हें भी अंदर ही रखें। इसके साथ ही ग्रहण के दौरान सुई में धागा नहीं डालना चाहिए।
वहीं किसी भी प्रकार की सामग्री को काटना या छीलना नहीं चाहिए। कुछ छौंकना या बघारना नहीं चाहिए। खाना-पीना नहीं करना चाहिए। सोना नहीं चाहिए। ग्रहण के दौरान शांति रखनी चाहिए और भगवान का भजन करना चाहिए।
ग्रहण खत्म होने के बाद क्या करें?
ग्रहण के खत्म होने के बाद मकान, पूजा घर, दुकान, प्रतिष्ठान की साफ सफाई कर अच्छे से धुलाई करें। संभव हो तो पूरे घर को नमक के पानी से धोएं। इसके बाद खुद भी स्नान कर देवी देवताओं को स्नान कराएं। इसके बाद खाद्य पदार्थों पर गंगाजल छिड़क कर उनको शुद्ध करें और फिर सेवन करें।