जनजातीय विश्वविद्यालय, हल्दी बोर्ड चुनाव स्टंट हैं।
Haldi Board
(अर्थप्रकाश / बोम्मा रेडड्डी)
हैदराबाद :: Haldi Board: (तेलंगाना) भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) के राज्य सचिव चाढा वेंकट रेड्डी ने आलोचना की है कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा तेलंगाना के लिए घोषित आदिवासी विश्वविद्यालय और हल्दी बोर्ड सिर्फ एक चुनावी हथकंडा है जबकि राज्य विभाजन के समय ही यह निर्णय लेना था लेकिन टाला गया कहा।
यहाँ मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के मन में आदिवासियों के प्रति कोई नैतिक ईमानदारी नहीं है एक तरफ पूर्वी राज्यों के मणिपुर में आदिवासियों की जीवन यापन पर आज उड़ेल दिया गोलियां चलवाई अब यहां हित की बात कर रहे हैं इनके दिमाग में राष्ट्रीय आदिवासी हित नहीं दिखता है क्षेत्रीय स्वार्थ से काम करते हैं और क्षेत्रीय प्रांतीयता में भाजपा आग उड़लने का काम करती है कहा . उन्होंने सवाल किया कि।
पलामुरु-रंगा रेड्डी परियोजना को राष्ट्रीय दर्जा क्यों नहीं दिया गया ? काजीपेट कोच के मामले में इनकार किया कि फैक्ट्री गारंटी का क्या हल हुआ कहते हुए प्रश्न चिन्ह लगाया। उन्होंने इस बात पर गुस्सा जताया कि केंद्र को पिछड़े जिलों को जो वस्तुत मौजूद परिस्थितियों के हिसाब से मदद देनी चाहिए उसे मोदी क्यों भूल गए कहा।
उन्होंने आगे कहा कि आगामी चुनाव में जनता बीजेपी को नकारने के लिए तैयार है तथा पिछले 10 वर्ष की चुनाव के आंकड़े उठाया जाए तो भारतीय जनता पार्टी का मतदान प्रतिशत काफी हद तक गिर चुका है पिछले चुनाव के आंकड़ों के हिसाब से उनकी स्थिति या बहुत ही नाजुक है की हमेशा जाति धर्म भेदभाव उच्च नीच की प्रथा को कहीं बढ़ावा देते हैं कहीं नीचा दिखाते हैं जिसके वजह से सभी वर्ग के लोग उनकी नीति को समझ चुके हैं इनको अपना राज्य गुजरात के विकास के सिवा अन्य राज्य का कोई ध्यान नहीं है यह चीज पूरा देश समझता है गृहमंत्री प्रधानमंत्री और प्रधानमंत्री कार्यालय में स्थित अधिकारी गुजरात के बोल बाला पर चलते हैं यह देश का दुर्भाग्य है की पिछड़ा इलाका पिछड़ी जाति को भाजपा हमेशा उनकी नीतियों में ही स्वार्थ दिखता है कहा दिखाने के लिए सिर्फ पर कुछ लोगों को बिठाकर पीछे से उनकी संघवाद काम करता है यह आम जनता समझ चुकी है अब आगे इनको विश्वास नहीं करने वाली है का कर भी मीडिया से कहा है
प्रधानमंत्री की टिप्पणी गलत है
सीपीआई के राष्ट्रीय नेता नारायण ने कहा कि
तेलंगाना ब्यूरो: सीपीआई के राष्ट्रीय सचिव के. नारायण ने कहा कि यह सबसे दुर्भाग्यपूर्ण है कि प्रधानमंत्री ने अपना शिष्टाचार खो दिया और मंगलवार को निज़ामाबाद में सार्वजनिक सभा में बात किया । उन्होंने ये टिप्पणी ट्विटर पर भी की. इस देश के सर्वोच्च पद पर बैठे व्यक्ति का इस तरह स्वयं की असहाय स्थिति को देखते हुए ऐसा बोलना राजनीतिक नैतिकता के खिलाफ है।' आगे उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की टिप्पणी पर जवाब देने की बारी सीएम केसीआर की है.
यह पढ़ें:
चंद्रबाबू नायडू की न्यायिक हिरासत 19 अक्टूबर तक बढ़ा दी गई
विधायक द्वारमपुडी ने कहा कि जन सेना और टीडीपी वोट-बैंक हेतू प्रतिस्पर्धा में लगे हैं