ट्रेन का सफर सस्ता, एसी-3 इकोनॉमी क्लास का किराया इतना हुआ कम

ट्रेन का सफर सस्ता, एसी-3 इकोनॉमी क्लास का किराया इतना हुआ कम

Indian Railway

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नई दिल्ली। Indian Railway: भारतीय रेलवे ने एसी-3 इकोनामी क्लास (एसी-3) का किराया फिर से सस्ता कर दिया है। एसी-3 के मुकाबले एसी-3 इकोनमी क्लास का किराया अब छह से सात प्रतिशत कम होगा। साथ ही बेडिंग रोल की व्यवस्था पहले की तरह लागू रहेगी। बुधवार से यह फैसला लागू हो गया है।

नए आदेश में इकोनामी क्लास सीट का किराया किया कम (Economy class seat fare reduced in new order)

रेलवे बोर्ड के सर्कुलर के मुताबिक, पुरानी व्यवस्था को बहाल करने का फैसला लिया गया है। फैसले के तहत आनलाइन और काउंटर से टिकट लेने वाले यात्रियों को प्री बुक की गई टिकट का अतिरिक्त पैसा वापस किया जाएगा। रेल अधिकारियों के मुताबिक, नए आदेश में इकोनामी क्लास सीट का ये किराया सामान्य एसी-3 से कम किया गया है।

पिछले साल रेलवे बोर्ड ने जारी किया था एक सर्कुलर (Last year the Railway Board issued a circular)

हालांकि पिछले साल रेलवे बोर्ड ने एक सर्कुलर जारी किया था, उसमें एसी थ्री इकोनामी कोच और एसी थ्री कोच का किराया बराबर कर दिया था। नए सर्कुलर के मुताबिक किराया कम होने के साथ ही इकोनामी कोच में पहले ही तरह कंबल और चादर देने की व्यवस्था लागू रहेगी।

इकोनमी क्लास में होती हैं 80 बर्थ (There are 80 berths in economy class.)

दरअसल इकोनामी एसी-3 कोच सस्ती एयर कंडीशनर रेल यात्रा सेवा है। इकोनामी एसी-3 कोच की शुरुआत शयनयान श्रेणी के यात्रियों को 'सबसे अच्छी और सबसे सस्ती एसी यात्रा' मुहैया कराने के लिए हुई थी। इन कोच का किराया सामान्य एसी-3 सेवा के मुकाबले छह-सात प्रतिशत तक कम रहता है। रेल आधिकारियों के मुताबिक एसी थ्री कोच में बर्थ की संख्या 72 होती है, जबकि एसी थ्री इकोनामी में बर्थ की संख्या 80 होती है। ऐसा इसलिए हो पाता है, क्योंकि एसी थ्री कोच की अपेक्षा एसी थ्री इकोनामी कोच की बर्थ की चौड़ाई थोड़ी कम होती है।

किराया कम करना भी फायदे का सौदा (Rent reduction is also a profitable deal)

किराया कम करना भी फायदे का सौदा है। यही वजह है कि इससे रेलवे ने इकोनामी एसी-3 कोच से पहले ही साल में 231 करोड़ रुपये की कमाई की थी। आंकड़ों के मुताबिक, केवल अप्रैल-अगस्त, 2022 के दौरान इस इकोनामी कोच से 15 लाख लोगों ने यात्रा की और इससे 177 करोड़ रुपये की कमाई हुई थी। इससे ये भी साफ है कि इन कोच की शुरुआत से सामान्य एसी-3 श्रेणी से होने वाली कमाई पर कोई असर नहीं पड़ा।

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