आज पृथ्वी से टकराएगा सूर्य से उठा भू-चुंबकीय तूफान, कई देशों में हो सकता है रेडियो ब्लैकआउट, जानिए क्या है ये खगोलीय घटना
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आज पृथ्वी से टकराएगा सूर्य से उठा भू-चुंबकीय तूफान, कई देशों में हो सकता है रेडियो ब्लैकआउट, जानिए क्या है ये खगोलीय घटना

आज पृथ्वी से टकराएगा सूर्य से उठा भू-चुंबकीय तूफान

आज पृथ्वी से टकराएगा सूर्य से उठा भू-चुंबकीय तूफान, कई देशों में हो सकता है रेडियो ब्लैकआउट, जानिए क

नई दिल्ली: सूर्य की सतह पर मची खलबली से शुक्रवार को पृथ्वी पर भू-चुंबकीय तूफान की संभावना जताई गई। इस तूफान का असर शनिवार को भी बना रह सकता है। इसके चलते कई देशों में रेडियो सिग्नल गड़बड़ाने के साथ कमजोर पावर ग्रिड में खराबी पैदा होने की आशंका जताई जा रही है।

तूफान की रफ्तार 16,13,520 किलोमीटर प्रति घंटे की होगी

अमेरिका स्थित स्पेस वेदर प्रेडिक्शन सेंटर (एसडब्ल्यूपीसी) के अनुसार सूर्य की सतह पर स्थित मृत सनस्पाट (धब्बा) एआर 2987 से अत्यधिक ऊर्जा वाली सामग्री उछलकर अंतरिक्ष के निर्वात में गिरेगी। यह स्पाट पिछले कुछ दिनों से अचानक सक्रिय हो गया था। इस घटना से 14 अप्रैल को जीएस श्रेणी का भू-चुंबकीय तूफान उठेगा जो पृथ्वी तक असर करेगा। इस तूफान की रफ्तार 16,13,520 किलोमीटर प्रति घंटे की होगी।

पृथ्वी का चुंबकीय क्षेत्र तूफान का असर झेलने को तैयार 

एसडब्ल्यूपीसी ने अपने अलर्ट में 14 अप्रैल 2022 के लिए जियोमैग्नेटिक स्टार्म वाच और 15 अप्रैल 2022 के लिए जी1 (माइनर) जियोमैग्नेटिक स्टार्म वाच जारी की है। विज्ञानियों के अनुसार पृथ्वी का चुंबकीय क्षेत्र इसका असर झेलने को तैयार है। इस टकराव से मध्यम भू-चुंबकीय तूफान आएगा और दुनिया के कुछ हिस्सों में रेडियो सिग्नल गायब हो सकते हैं। पावर ग्रिडों में भी गड़बड़ी हो सकती है।

पृथ्वी के मैग्नेटोस्फीयर की बड़ी गड़बड़ी

भू-चुंबकीय तूफान पृथ्वी के मैग्नेटोस्फीयर की एक बड़ी गड़बड़ी है जो तब होती है जब सौर हवा से पृथ्वी के आसपास के अंतरिक्ष वातावरण में ऊर्जा का बहुत ही कुशल आदान-प्रदान होता है। एसडब्ल्यूपीसी ने 15 अप्रैल को तूफान का असर जारी रहने की संभावना व्यक्त की है।

क्या यह भू-चुंबकीय तूफान हो सकता है गंभीर

अमेरिकी एजेंसी नेशनल ओशनिक एंड एटमास्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (एनओएए) ने कहा है कि पृथ्वी पर अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बिजली गुल होने और रेडियो सिग्नल में व्यवधान का सामना करने की आशंका है। मध्य-ऊंचाई वाले क्षेत्रों में शायद उतना नुकसान न हो, लेकिन कुछ इलाकों में बिजली बाधित होने की आशंका है।