छठी मैया और भगवान सूर्य का आशीर्वाद पाने के लिए छठ पर्व पर करें यह उपाय
- By Habib --
- Saturday, 29 Oct, 2022
chhathee maiya and Lord Surya,
देशभर में छठ पूजा की धूम शुरू हो चुकि है। हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि के दिन भगवान सूर्य और छठी माता की विशेष पूजा की जाती है। इस पर्व को सूर्य षष्ठी के नाम से भी जाना जाता है। इस वर्ष यह पर्व 30 अक्टूबर, रविवार के दिन हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। यह पर्व मुख्यत: भारत के बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। चार दिनों तक चलने वाले इस पर्व में महिलाएं अपने संतान के दीर्घायु के लिए और अपने परिवार की खुशहाली के लिए 24 घंटे से अधिक समय तक निर्जला उपवास रखती हैं।
छठ पूजा के तीसरे दिन डूबते हुए सूर्य की विशेष पूजा की जाती है और उन्हें अर्घ्य देने का विधान है। मान्यता है कि भगवान सूर्य की पूजा करने से भक्तों को विशेष लाभ मिलता है और उनकी सभी मनोकामना पूर्ण हो जाती है। ज्योतिष शास्त्र में इस दिन के सन्दर्भ में कुछ विशेष नियमों को बताया गया है। जिन्हें करने से सूर्य से जुड़े दोष समाप्त हो जाते हैं और सभी कार्य सफल होते हैं। आइए जानते हैं छठ पूजा के दिन किन उपायों को करने से भक्तों को विशेष लाभ मिलता है।
छठ पूजा के दिन करें यह उपाय
छठ पूजा के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान-ध्यान करें और इसके तुरंत बाद भगवान सूर्य को अर्घ्य दें। इस दिन कच्चे चावल व गुड़ को बहते हुए पानी में प्रवाहित करने से भक्तों को विशेष लाभ होता है। साथ ही इस दिन चावल, दूध और गुड़ से बनी खीर का सेवन जरूर करना चाहिए। ऐसा करने से सूर्य देव अत्यंत प्रसन्न होते हैं।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार छठ पूजा के दिन स्नान-ध्यान करने के बाद पूर्व दिशा में एक चौकी रखें और उसपर सफेद वस्त्र बिछाकर भगवान सूर्य की फोटो या प्रतिमा स्थापित करें। इस बात का ध्यान रखें कि आपका मुख पूर्व दिशा की तरफ हो। इसके बाद भगवान सूर्य की पूजा करें और उन्हें गुड़ का भोग जरूर लगाएं। इसके साथ उन्हें लाल पुष्प जरूर अर्पित करें।
ज्योतिष शास्त्र में एक उपाय यह भी बताया गया है कि छठ पूजा के दिन ताम्बे से बना सिक्का बहते हुए पानी में प्रवाहित करने से भक्तों को विशेष लाभ मिलता है। साथ ही ऐसा करने से सूर्य से जुड़े दोष से भी निवारण मिलता है। इसके साथ व्यक्ति लाल कपड़े में बंधे गेहूं और गुड़ का दान अवश्य करे। यह कार्य मनोकामना पूर्ति के लिए सबसे उचित माना जाता है।