To get more deposits, banks are increasing interest rates on FD

ज्यादा डिपॉजिट हासिल करने के लिए बैंक एफडी पर बढ़ा रहे ब्याज दर 

To get more deposits, banks are increasing interest rates on FD

To get more deposits, banks are increasing interest rates on FD

To get more deposits, banks are increasing interest rates on FD- मुंबई। बैंक अधिक मात्रा में डिपॉजिट को आकर्षित करने के लिए एफडी पर ग्राहकों को अतिरिक्त ब्याज दर ऑफर कर रहे हैं। एसबीआई और एचडीएफसी जैसे बड़े बैंकों के साथ छोटे बैकों ने भी हाल के दिनों में फिक्स्ड डिपॉजिट पर ब्याज दरों को बढ़ाया है। 

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) ने हाल ही में एक नई श्रेणी सुपर सीनियर सिटीजन (80 वर्ष से अधिक) जोड़ी है। बैंक इस वर्ग के जमाकर्ताओं को अतिरिक्त 10 आधार अंक की ब्याज दर ऑफर कर रहा है। इसके जैसी स्कीम आईडीबीआई बैंक द्वारा भी चलाई जा रही है।

आईडीबीआई बैंक ने 'आईडीबीआई चिरंजीवी-सुपर सीनियर सिटीजन एफडी' लॉन्च किया है, जो 80 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों के लिए एक विशेष एफडी है। इस स्कीम में स्टैंडर्ड एफडी दरों से 0.65 प्रतिशत अधिक ब्याज प्रदान किया जा रहा है। इस स्कीम के तहत 555 दिनों की अवधि की एफडी के लिए 8.05 प्रतिशत, 375 दिनों के लिए 7.9 प्रतिशत, 444 दिनों के लिए 8 प्रतिशत और 700 दिनों के लिए 7.85 प्रतिशत का ब्याज दिया जा रहा है।

एसबीआई द्वारा निवेशकों को आकर्षित करने के लिए लगातार कदम उठाए जा रहे हैं। इसके तहत देश के सबसे बड़े बैंक ने 'हर घर लखपति' आरडी स्कीम शुरू की है। इस स्कीम का उद्देश्य तीन से लेकर 10 साल की मासिक जमा के जरिए एक लाख या उससे अधिक का फंड एकत्रित करना है।

इस स्कीम में 10 साल या उससे अधिक कोई भी व्यक्ति खाता खोल सकता है।

इस योजना में 60 वर्ष से कम की आयु के लोगों को तीन और चार साल की अवधि के लिए 6.75 प्रतिशत और पांच से 10 साल की अवधि के लिए 6.50 प्रतिशत की ब्याज दर दी जा रही है। वहीं, 60 वर्ष से अधिक की आयु के लोगों को तीन और चार साल के लिए 7.25 प्रतिशत और पांच से 10 साल के लिए 7 प्रतिशत की ब्याज दर ऑफर की जा रही है।

इसके अलावा बैंक ऑफ बड़ौदा ने लिक्विड फिक्स्ड डिपॉजिट की शुरुआत की है, ग्राहक 5,000 रुपये की शुरुआती जमा के बाद 1,000 रुपये की यूनिट में निकासी कर सकते हैं।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इससे पहले आयोजित समीक्षा बैठक में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रमुखों से कहा कि वे अपनी डिपॉजिट वृद्धि दर में तेजी लाएं, जिससे लोन में हो रही वृद्धि की गति के साथ तालमेल बिठाया जा सके।