threat to the security of the country

देश की सुरक्षा को खतरा

threat to the security of the country

देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव का दौर जारी है, वहीं गणतंत्र दिवस की तैयारियों को भी पूरा किया जा रहा है, लेकिन तीन राज्यों में एक साथ विस्फोटक की बरामदगी कुछ संकेत दे रही है। राजधानी दिल्ली, पंजाब और कश्मीर में आतंकियों ने जिस प्रकार विस्फोटक लगाकर अपनी साजिश को अंजाम देने की योजना बनाई थी, वह सुरक्षाबलों ने विफल कर दी। हालांकि यह अंतिम कोशिश नहीं हो सकती, संभव है दूसरे राज्यों में भी ऐसी ही आतंकी हरकतें अंजाम दी जा रही हों, जिनके लिए सुरक्षा बलों को सतर्क रहने की आवश्यकता है। बेशक, इस संबंध में सुरक्षा एजेंसियों को कोई गाइडलाइन नहीं दी जा सकती, क्योंकि उन्हें अपना काम बखूबी पता है और उनकी वजह से ही देश सुरक्षित है। यह सोचना ही दिल दहलाने के लिए काफी है कि अगर दिल्ली के घनी आबादी वाले इलाके गाजीपुर फूल मंडी में बम का विस्फोट होता तो कितना जान-माल का नुकसान होता। इसके बाद पाकिस्तान सीमा से सटे पंजाब के अमृतसर में पांच किलो आरडीएक्स का बरामद होना भी चौंकाता है। यह जगह पाकिस्तान की सीमा से सटी है और 700 ग्राम के आरडीएक्स के साथ एक लाख रुपये की नकदी भी मिली है। जिससे पता चलता है कि कोई इस आरडीएक्स को उठाकर उसका कहीं इस्तेमाल करने वाला था। यह आरडीएक्स सीमा के निकट खेतों से मिला है, इसलिए यह तो तय है कि इसका इस्तेमाल वहीं नहीं होना था, पंजाब में चुनाव हो रहे हैं और पाकिस्तान की नजर हमेशा से पंजाब पर है। ऐसे में राज्य के उन राजनीतिकों जोकि बीएसएफ का दायरा बढ़ाने का विरोध कर रहे हैं या फिर प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक जैसी किसी भारी भूल से पल्ला झाड़ते हैं, क्या कोई जवाब दे पाएंगे कि उन्हें इसका अंदाजा था कि पंजाब में ड्रोन के जरिए बम फेंके जा रहे हैं। आशंका है कि आईएसआई और खालिस्तानी आतंकियों ने चुनाव के दौरान धमाकों के लिए यह विस्फोटक सामग्री भेजी है। इसके अलावा श्रीनगर के ख्वाजा बाजार में आम लोगों को निशाना बनाने के लिए बोरी में छिपाकर रखी गई प्रेशर कुकर आईईडी भी बरामद हुई।

गाजीपुर में फूल मंडी वह जगह है, जोकि अंतरराज्यीय मंडी के रूप में काम करती है, यहां से देशभर की मंडियों के लिए कारोबार होता है। ऐसे में काफी बड़ी तादाद में लोग यहां पहुंचते हैं। इस दौरान यहां बम लगाकर उसमें विस्फोट करने की साजिश रचने वाला भारी नुकसान पहुंचाने का इरादा रखता था। अभी तक किसी भी आतंकी संगठन ने इस बम की जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन घाटी से निकल कर देश के दूसरे हिस्सों में आतंक फैलाने की यह साजिश वही आतंकी रच रहे हैं, जिनके लिए घाटी अब उनके खात्मे की जगह बन चुकी है। घाटी में बीते कुछ महीने के अंदर सुरक्षाबलों ने जो कार्रवाई अंजाम दी है, उसमें सैकड़ों आतंकियों को मार गिराया गया है, इसके बाद यहां से बचकर निकले आतंकी अब संभवत: देश के दूसरे राज्यों में अपने कारनामे अंजाम देने की कोशिश में है। गाजीपुर फूल मंडी में मिला बम करीब दो किलो का था। इस बीच सबसे चिंताजनक बात पंजाब को लेकर है, पंजाब वह राज्य है जोकि आतंकवाद की तपिश झेल चुका है और खालिस्तानी आतंकियों ने पाकिस्तान की शह पर राज्य की शांति-व्यवस्था को नुकसान पहुंचाया है। अब फिर उसी दौर को लौटाने की जुगत में लगी पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई राज्य में ड्रोन से हथियार, ड्रग्स और रुपये भेज रही है। यह सब सामान किसके लिए होता है, उसका पता बेशक भारतीय सुरक्षा एजेंसियां लगा ही लेंगी लेकिन राज्य के राजनीतिकों को अब राजनीति से बाज आना चाहिए। पंजाब भारत के लिए अति संवेदनशील राज्य है, यही वजह है कि केंद्र सरकार तीन कृषि कानूनों को अगर वापस भी लेती है तो उसका आधार भी पंजाब की सुरक्षा ही बनती है।

बावजूद इसके स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) और दूसरी सुरक्षा एजेंसियों की राज्य में चौकसी काबिले तारीफ है, उनकी सतर्कता की वजह से राज्य में  पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई और पाक में बैठे आतंकियों की बड़ी साजिश बेनकाब हो गई। अभी कुछ दिन पहले लुधियाना की कोर्ट में हुए बम धमाके में भी निर्दोष लोगों की जान चली गई थी, इसके बाद इस विस्फोट के तार पाकिस्तान और जर्मनी में बैठे आतंकियों से जुड़े हैं। अब पंजाब पुलिस के अधिकारी बता रहे हैं कि बम और नकदी की यह खेप पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के मार्फत पंजाब में बैठे खालिस्तानी आतंकियों के लिए भारत भेजी गई है। पुलिस को आशंका है कि आरडीएक्स का इस्तेमाल चुनाव रैलियों या फिर भीड़ वाले क्षेत्रों में किया जाना था। एसटीएफ ने पूछताछ के लिए तीन संदिग्ध युवकों को हिरासत में लिया है। वे सीमा के साथ सटे गांवों में ही रहते हैं।

मालूम हो, इससे 10 जनवरी को नवांशहर पुलिस ने इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन के छह सदस्यों को गिरफ्तार किया था। इनसे पूछताछ के बाद गुरदासपुर से 13 जनवरी को ढाई किलो आरडीएक्स बरामद किया गया था। यह खेप पाक में बैठे आतंकी लखबीर सिंह रोडे ने अपने साथी की मदद से भारत पहुंचाई थी।  पूरे देश की सुरक्षा सर्वोपरि है, लेकिन पंजाब के संदर्भ में यह और भी संजीदा मामला हो जाता है। पंजाब की सियासत उन दहशतगर्दों को इसकी मोहलत देती है, जोकि भारत विरोधी गतिविधियों में लिप्त हैं। खालिस्तान अब एक बुरा सपना भर है, जोकि कभी पूरा नहीं हो सकता, लेकिन उसके जरिए पंजाब में अलगाववाद की आग फैलाने वाले भी बहुत हैं। पंजाब की सुरक्षा को और पुख्ता किए जाने की जरूरत है।