विदेश से आने वाले बरतें सावधानी, मंकीपॉक्स पर स्वास्थ्य मंत्रालय नई की गाइडलाइन जारी
- By Vinod --
- Friday, 15 Jul, 2022
Those coming from abroad should be careful, health ministry issued new guidelines on monkeypox
नई दिल्ली। केरल में संक्रामक व घातक मंकीपॉक्स बीमारी का पहला केस मिलने के बाद सरकार ने उससे निपटने की तैयारी शुरू कर दी है। इस बीमारी का पता लगाने के लिए पुणे स्थित आईसीएमआर-एनआईवी (राष्ट्रीय संचारी रोग संस्थान, पुणे ने ) देश भर में 15 लैब को परीक्षण का प्रशिक्षण दे दिया है।
दुनियाभर में मंकीपॉक्स के मामलों को बढ़ता देख स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने मंकीपॉक्स रोग के मैनेजमेंट के लिए दिशानिर्देश जारी किया है। मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के अनुसार, विदेश से आए लोगों को बीमार लोगों के साथ निकट संपर्क से बचना चाहिए. इसके अलावा मृत या जीवित जंगली जानवरों और अन्य लोगों के संपर्क में आने से भी बचना चाहिए
देश में मंकीपॉक्स के संक्रमण का पहला मामला केरल के कोल्लम में मिला है। यह मरीज संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से केरल लौटा है। वह यूएई में मंकीपॉक्स से संक्रमित एक मरीज के संपर्क में था। उसके नमूने जांच के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी भेजे गए थे, वहां इसकी पुष्टि हो चुकी है। मरीज को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उसका इलाज जारी है। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने राज्य के स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ सहयोग करने के लिए एक उच्च स्तरीय टीम केरल भेजी है। इसमें राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) डॉ. आरएमएल अस्पताल, नई दिल्ली के विशेषज्ञ और स्वास्थ्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं।
गाइडलाइंस के प्रमुख अंश
- विदेश से आए लोग बीमार लोगों के साथ निकट संपर्क में न आएं। खासकर त्वचा व जननांग में घाव वाले लोगों से दूर रहें।
- बंदर, चूहे, छछुंदर, वानर प्रजाति के अन्य जीवों से दूर रहें।
- मृत या जीवित जंगली जानवरों और अन्य लोगों के संपर्क में आने से भी बचे।
- मंकीपॉक्स एक वायरल जूनोटिक बीमारी है। इसमें बुखार के साथ शरीर पर रेशेस आते हैं।
- इसके लक्षण चेचक के समान होते हैं।
- यह वायरस मुख्यतया मध्य और पश्चिम अफ्रीका में होता है। 2003 में मंकीपॉक्स का पहला केस सामने आया था।
- जंगली जीवों का मांस नहीं खाने और अफ्रीका के जंगली जानवरों से प्राप्त उत्पाद जिनमें क्रीम, लोशन, पाउडर शामिल से नहीं करने की सलाह दी गई है।
- बीमार लोगों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली दूषित सामग्री जैसे कपड़े, बिस्तर आदि के संपर्क में न आएं।
- देश में आगमन के हर प्वाइंट पर संदिग्ध मरीजों की जांच, लक्षण वाले और बिना लक्षण के मरीजों की टेस्टिंग, ट्रेसिंग और सर्विलांस टीम का गठन किया जाए।
- अस्पतालों में मेडिकल तय प्रोटोकॉल के तहत इलाज और क्लिनिकल मैनेजमेंट हो।
- सभी संदिग्ध मामलों की टेस्टिंग और स्क्रीनिंग एंट्री प्वाइंट्स और कम्युनिटी में की जाएगी
- आइसोलेशन में रखे गए मरीज के जब तक सभी घाव ठीक नहीं होते और पपड़ी पूरी तरह से गिर नहीं जाती है को छुट्टी न दी जाए।
- मंकीपॉक्स के संदिग्ध मामलों के प्रबंधन के लिए चिन्हित अस्पतालों में पर्याप्त मानव संसाधन और रसद सहायता सुनिश्चित की जाए।