ये है खास तेल जिसकी कीमतें 18.3 फीसदी बढ़ीं, पहले कभी नहीं हुआ था इतना महंगा
ये है खास तेल जिसकी कीमतें 18.3 फीसदी बढ़ीं, पहले कभी नहीं हुआ था इतना महंगा
नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेल की कीमतों के कई साल के उच्चतम स्तर पर पहुंचने के बाद बुधवार को जेट ईंधन की कीमतों में 18 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी हुई, जो अब तक की सबसे तेज वृद्धि है। इस साल लगातार छठी वृद्धि ने जेट ईंधन की कीमतों को पहली बार 1 लाख रुपये प्रति किलोलीटर के निशान से ऊपर पहुंचा दिया। सरकारी ईंधन खुदरा विक्रेताओं द्वारा जारी मूल्य अधिसूचना के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी में विमानन टरबाइन ईंधन (ATF) 17,135.63 प्रति किलोलीटर या 18.3 प्रतिशत बढ़ाकर 110,666.29 रुपये प्रति किलोलीटर कर दिया गया है। बता दें कि हवाई जहाज में उड़ान के लिए ATF का ही इस्तेमाल होता है।
पिछले पखवाड़े में बेंचमार्क ईंधन के औसत अंतरराष्ट्रीय मूल्य के आधार पर हर महीने की पहली और 16वीं तारीख को जेट ईंधन की कीमतों में संशोधन किया जाता है। यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद आपूर्ति बाधित होने की आशंकाओं से अंतरराष्ट्रीय तेल की कीमतें पिछले सप्ताह 140 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गई थीं, जो करीब 14 साल का उच्च स्तर है। हालांकि, अब कीमतें घटकर लगभग 100 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल तक आ गई हैं। बुधवार को ब्रेंट क्रूड ऑयल 100 डॉलर प्रति बैरल के ठीक ऊपर कारोबार कर रहा था।
मुंबई में एटीएफ की कीमत 109,119.83 रुपये प्रति किलोलीटर हो गई और कोलकाता में इसकी कीमत 114,979.70 रुपये है। चेन्नई में जेट ईंधन की कीमत 114,133.73 रुपये प्रति किलोलीटर है। जेट ईंधन किसी भी एयरलाइन की परिचालन लागत का लगभग 40 प्रतिशत हिस्सा होता है। इस साल यह नई ऊंचाई पर पहुंच गया है। यह आखिरी बार 2008 में अपने उच्च स्तर 71,028.26 रुपये प्रति किलोलीटर पर दर्ज किया गया था, तब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतें 147 डॉलर प्रति बैरल को छू गई थीं।
2022 की शुरुआत से हर पखवाड़े में एटीएफ की कीमतों में वृद्धि हुई है। 1 जनवरी से अब तक यह छह बढ़ोतरी हुई है, इस साल एटीएफ की कीमतों में 36,643.88 किलोलीटर या लगभग 50 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। वहीं, एटीएफ के विपरीत पेट्रोल और डीजल की कीमतें बुधवार को रिकॉर्ड 132वें दिन लगातार स्थिर बनी हुई हैं।