This is called companionship from birth to birth

इसे कहते हैं जन्म-जन्म का साथ, 40 मिनट के अंतराल पर प्रभुधाम पहुंचे पति-पत्नी

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This is called companionship from birth to birth

This is called companionship from birth to birth- फरीदाबाद (दयाराम वशिष्ठ)। कहते हैं जोडय़िां स्वर्ग से बनकर आती है। जिंदगी और मौत का समय भी ऊपर से लिखकर आता है। लेकिन ऐसे जोड़े विरले ही होते हैं, जो साथ जीने-मरने की तकदीर लिखवाकर धरती पर आते हैं। ऐसी ही एक जोड़ी थी फरीदाबाद के गांव फतेहपुर बिल्लौच में 90 वर्षीय मास्टर चंदीराम शर्मा व 90 वर्षीय भगवती देवी की। भगवती देवी की मौत के ठीक 40 मिनट बाद पति मास्टर चंदीराम शर्मा भी विदा हो गए। इन दोनों की मौत इलाके में चर्चा बनी हुई है।

और पत्नी के जाते ही बढती चली गई 90 वर्षीय पति की धडकन

मास्टर चंदीराम शर्मा कौराली सीनियर सेकेंडरी स्कूल से लेक्चरार रिटायर्ड हुए थे। उनकी पत्नी भगवती देवी का कुछ महीने पूर्व कुल्हा टूट गया था, इसके चलते वह चारपाई पर थीं। जबकि मास्टर चंदीराम शर्मा वृद्धावस्था के कारण अपनी पत्नी को इस हालत में देख मन ही मन में चिंतित रहते थे। उनके बेटे विवेक रतन गौड भी ऊंचा गांव सीनियर सेकेंडरी स्कूल में लेक्चरार हैं। परिवार में उनकी चार बेटियां दयावती, मधुबाला, संतोष कुमार व गीता देवी हैं। 2 दिसंबर  की शाम करीब 7 बजे अचानक उनकी मां भगवती देवी चल बसी। उस दिन उनकी पौती इंदू शर्मा सीटेट की परीक्षा देने के चलते ससुराल से घर आई हुई थीं। दादी के मरने की खबर उनकी पौती ने अपने दादा को दी तो इसके बाद ही वे गफलत में चले गए। धडकनें बढती चली गईं। उनके बेटे विवेक रतन गौड ने बताया कि मां के मरने की खबर सुनकर गांव के लोग व रिश्तेदार पहुंचने ही शुरू हुए थे कि करीब 40 मिनट बाद उनके पिता ने भी इस संसार को छोडकर चले गए। इसके बाद दूर दराज के रिश्तेदारों को फिर से पिता के चले जाने की सूचना दी। जिसे सुन सभी लोग दंग रह गए।

बैंड बाजे के साथ निकाली शव यात्रा, लोगों ने लिया आशीर्वाद

बैंड बाजे के साथ अगले दिन सुबह दोनों की शव यात्रा निकाली गई। जहां से यह शव यात्रा निकली, लोग उन्हें हाथ जोड नमन करते रहे। कुछ लोग अपने बच्चों को शवों के नीचे से निकालकर उनका आर्शीवाद ले रहे थे। भावुक पल के इस नजारे को देख लोग अचंभित थे।

फतेहपुर बिल्लौच गांव के शमशान घाट में ही दोनों का एक चिता पर दाहसंस्कार किया गया। उस समय इलाके से काफी लोग इसमें शामिल हुए। इस नजारे को देख इलाके के लोग ही नहीं, अपितु दूर दराज के रिश्तेदार भी दंग थे।  इस मौत के बाद दोनों को एक ही चिता पर जलाया गया। बैंड बाजों के बीच दोनों की शवयात्रा भी साथ-साथ निकाली गई। पूरे क्षेत्र में इस घटना की चर्चा हो रही है। यह खबर सुनकर विभिन्न राजनैतिक दलों के लोग भी वहां पहुंचकर उनके परिवार को सांत्वना दे रहे हैं।

तीसरे जन्म में भी एक साथ जिएंगे

मास्टर चंदीराम शर्मा अपने घर अक्सर अपने बच्चों से कहते रहते थे कि भगवती देवी का उनसे पति पत्नी का यह रिश्ता दो जन्मों का है। उनकी इच्छा है कि उनकी अम्मा उनके सामने जानी चाहिए। दो जन्मों का साथ निभा चुके हैं, तीसरे जन्म का साथ अभी निभाना है। उनके बेटे विवेक रतन गौड ने बताया कि परिवार के लोग इसे यह कहते हुए हंसी में टाल देते कि उन्होंने ज्योतिष विद्या थोडी कर रखी है, जो उन्हें इसका आभाष है, लेकिन आज वाकई उनके पिता की बात बिल्कुल सच निकली। गांव के समाजसेवी प्रदीप शर्मा ने बताया कि गांव में एक साथ दोनों की हुई मौत की काफी चर्चा का विषय बना हुआ है। वह एक साथ जन्म की बात गांव में भी करते थे, लेकिन किसी ने उनकी बातों पर यकीन नहीं किया। वे बहुत अच्छे स्वभाव के थे। जब भी उनके घर पर कोई मजदूरी करने आता था तो उसका उसी समय भुगतान करते थे। किसी भी गरीब आदमी को ठेस नहीं पहुंचाते थे।