Lord Tungnath Doors Closed: आज तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ के कपाट भी हुए बंद, अब शीतकालीन यहाँ होंगे दर्शन

Lord Tungnath Doors Closed: आज तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ के कपाट भी हुए बंद, अब शीतकालीन यहाँ होंगे दर्शन

Lord Tungnath Doors Closed

Lord Tungnath Doors Closed

Lord Tungnath Doors Closed: पंच केदारों के सबसे ऊंचे हिस्से में विराजमान तीसरे केदार भगवान तुंगनाथ धाम के कपाट बंद करने की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. आज सुबह 11.30 बजे भगवान तुंगनाथ के कपाट वेदों और कर्मकांडों के चलते सर्दी के लिए बंद कर दिए जाएंगे। वहीं तुंगनाथ धाम में क्षमता से अधिक श्रद्धालुओं के आने से इस बार नया कीर्तिमान स्थापित किया गया है. पहले तुंगनाथ धाम जाने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या 10 हजार तक कम हो जाती थी, लेकिन इस बार यहां एक लाख से ज्यादा श्रद्धालु पहुंच चुके हैं।

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मंदिर समिति के सदस्य श्रीनिवास पोस्ती ने जानकारी देते हुए बताया कि भगवान तुंगनाथ के कपाट बंद करने के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. उन्होंने कहा कि सोमवार को भगवान तुंगनाथ के कपाट बंद होने के बाद भगवान तुंगनाथ की चलती फिरती देवी उत्सव डोली कैलाश से प्रस्थान कर प्रथम रात्रि प्रवास के लिए चोपता पहुंचेगी, विभिन्न तीर्थ स्थलों पर भक्तों को आशीर्वाद देकर सुरम्य मखमली नृत्य करती हुई बुग्याल

उन्होंने बताया कि 8 नवंबर को भगवान तुंगनाथ का चल विग्रह पर्व डोली बनियाकुंड, दुगलबिट्टा, मक्कू बैंड होते हुए हुंहू और वनटोली पहुंचेगा. जहां ग्रामीण तुंगनाथ की तैरती विग्रह उत्सव डोली को अर्घ्य देकर क्षेत्र की समृद्धि के लिए प्रार्थना करेंगे और भगवान तुंगनाथ की मोबाइल विग्रह उत्सव डोली अंतिम रात्रि प्रवास के लिए भानकुंड पहुंचेंगे.

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इसके बाद 9 नवंबर को भगवान तुंगनाथ की चल देवता उत्सव डोली को मक्कुमठ के शीतकालीन आसन पर विराजमान किया जाएगा और 10 नवंबर से मक्कुमठ में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ भगवान तुंगनाथ की शीतकालीन पूजा शुरू होगी. जिसके बाद भक्त सर्दियों में यहां भगवान तुंगनाथ के दर्शन कर सकेंगे।