डीएपी खाद पर चौतरफा हाहाकार - षडयंत्रकारी भाजपा सरकार है जिम्मेदार : रणदीप सुरजेवाला

डीएपी खाद पर चौतरफा हाहाकार - षडयंत्रकारी भाजपा सरकार है जिम्मेदार : रणदीप सुरजेवाला

 Surjewala spoke on the shortage of DAP

Surjewala spoke on the shortage of DAP

कहा - डीएपी पर संकट है “Manmade Disaster” -  ‘‘सब्सिडी काटी, DAP इंपोर्ट व DAP बिक्री, दोनों कीं बंद’’ !

बोले - भाजपाई ‘‘षडयंत्र’’ - ’’कुप्रबंधन’’ - ‘‘किसान विरोधी नीतियाँ’’ बनीं जान की आफत !

चंडीगढ़, 07 नवंबर 2024: Surjewala spoke on the shortage of DAP: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस महासचिव एवं सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने भाजपा सरकार पर किसान विरोधी होने का आरोप लगाया। सुरजेवाला ने भाजपा सरकार पर प्रहार करते हुए कहा कि हरियाणा-पंजाब सहित पूरे देश में DAP खाद को लेकर हाहाकार मचा है। रबी के सीज़न में हरियाणा-पंजाब सहित देश का किसान ‘काली दिवाली’ मनाने को मजबूर हो गया। 

कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि हरियाणा - पंजाब - मध्य प्रदेश - राजस्थान - उत्तर प्रदेश में लाखों किसान पूरी-पूरी रात व सुबह 4 बजे से लाईनों में खड़ा पिट रहा है। कहीं लाठीचार्ज का शिकार है, कहीं थानों में DAP खाद बाँटा जा रहा है, कहीं किसान DAP खाद का एक बैग ब्लैक में ₹1900 पर लेने को मजबूर है, तो कहीं औने-पौने दामों पर कीटनाशक दवाई व बीज भी जबरन DAP खाद के साथ लेना पड़ रहा है। 

सुरजेवाला ने कुछ उदाहरण देते हुए भाजपा सरकार पर हमला बोला। 26 अक्टूबर, 2024 – उचाना, जिला जींद, हरियाणा में DAP खाद की लाईनों में लगे किसानों पर पुलिस लाठीचार्ज हुआ, तो नरवाना में किसान धरने पर बैठने को मजबूर हुए। DAP की कमी के चलते गुहला-चीका व कैथल में भी किसानों ने धरना लगाया। 27 अक्टूबर, 2024 - भिवानी, चरखी दादरी, नारनौल में DAP की कमी व आंदोलन के चलते सीमित मात्रा में उपलब्ध DAP खाद को थानों में बाँटना पड़ा। 04 नवंबर, 2024 - सिरसा में DAP खाद की कमी के चलते किसानों ने धरना लगाया। 05 नवंबर, 2024 - बाढड़ा, भिवानी में DAP संकट चरम पर पहुँचा, एसडीएम को पुलिस सहित दीवार पर खड़े होकर DAP खाद बँटवानी पड़ी। 

उन्होंने कहा कि यही हाल पंजाब का है, व यही हाल मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान का है। यहाँ तक कि 20 अक्टूबर, 2024 को कृषि मंत्रियों की बैठक में उत्तर प्रदेश बीजेपी सरकार के कृषि मंत्री, सूर्य प्रताप साही ने देश के कृषि मंत्री, शिवराज चौहान व खाद मंत्री, जेपी नड्डा पर उत्तर प्रदेश के कोटे का केवल 25 प्रतिशत DAP खाद देने का इल्ज़ाम लगा डाला। इन सब संकटों के बावजूद भाजपा की केंद्र सरकार व प्रांतीय सरकारें किसान की बेबसी, बेजारी व लाचारी पर आँख मूंदे बैठी है।

उन्होंने कहा कि DAP संकट का असली कारण है - मोदी सरकार द्वारा खाद की सब्सिडी ₹87,238 करोड़ काटकर कम कर देना, DAP खाद का आयात 15 लाख टन कम कर देना, DAP खाद की माहवार बिक्री में कटौती करना, DAP खाद के स्टॉक में 14 लाख टन की कमी कर देना। यह सब किसानों से बदला लेने के लिए किया जा रहा है।

किसान को DAP खाद से वंचित करने के इस भाजपाई षडयंत्र का जिक्र करते हुए सुरजेवाला ने आंकड़ों के माध्यम से बताया कि भाजपा सरकार ने खाद की सब्सिडी’ में ₹87,238 करोड़ की कटौती व ‘न्यूट्रिएंट सब्सिडी’ में ₹ 41,122 करोड़ की कटौती कर दी है। साल 2024-25 में DAP के स्टॉक में 14 लाख टन की कमी आ चुकी है। केंद्रीय भाजपा सरकार द्वारा जानबूझकर 15 लाख टन DAP का आयात कम किया गया जिससे उनके किसान विरोधी षडयंत्र का साफ नजारा देखा जा सकता है।bकिसान को DAP की बिक्री में 17 लाख टन की कमी खेती के लिए घातक साबित हुई। भाजपा के किसान विरोध का सबूत यह है कि सिर्फ सितंबर 2024 में DAP की बिक्री 7.5 लाख टन कम हो चुकी है। 

उन्होंने कहा कि सच्चाई यह है कि देश में 60 प्रतिशत DAP का आयात होता है। मई 2024 में DAP की अंतर्राष्ट्रीय कीमत थी अमेरिकी डॉलर 510 प्रति टन। केंद्रीय भाजपा सरकार ने तब जरूरत के मुताबिक DAP का आयात नहीं किया। नवंबर 2024 में अंतर्राष्ट्रीय बाजार में DAP की कीमत बढ़कर हो गई अमेरिकी डॉलर 645 प्रति टन। एक तरफ सब्सिडी काट दी गई, फिर क़ीमत बढ़ गई, तथा आयात भी नहीं किया। हरियाणा में 4.35 लाख टन DAP की जरूरत है परन्तु सरकार केवल गुमराह करने में लगी हुई है। 

सुरजेवाला ने कहा कि हरियाणा में नवंबर माह तक DAP की जरूरत है = 4.35 लाख टन, जबकि अक्टूबर तक DAP की सप्लाई है = 1.85 लाख टन। तो अकेले नवंबर में 2.50 लाख टन कहाँ से सप्लाई होगी, वो भी तब जब खुद हरियाणा सरकार मानती है कि 1 लाख टन से ज्यादा DAP उपलब्ध ही नहीं। उन्होंने कहा कि यह सब देश के किसान, खासतौर से हरियाणा व पंजाब के किसान से बदला लेने के लिए किया जा रहा है। यह छल अब मंजूर नहीं किया जा सकता। प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री व हरियाणा तथा पंजाब की सरकारें आगे आकर जवाब दें।