शराबबंदी कानून को लेकर बिहार की सियासत में मचा है घमाशान

शराबबंदी कानून को लेकर बिहार की सियासत में मचा है घमाशान

शराबबंदी कानून को लेकर बिहार की सियासत में मचा है घमाशान

शराबबंदी कानून को लेकर बिहार की सियासत में मचा है घमाशान

चिराग पासवान बिहार में राष्ट्रपति शासन की कर रहे हैं मांग, तो आरजेडी ने अविश्वास प्रस्ताव लाने का दिया अल्टीमेटम

पटना (बिहार) : पिछले साल बिहार के कुछ जिलों में जहरीली शराब पीने से सौ से अधिक लोगों की मौत हो गई थी। उस समय भी बिहार में जम कर हाय-तौबा मचा था लेकिन मामला धीरे-धीरे शांत हो गया था। लेकिन इस बार, नालंदा में जहरीली शराब से हुई मौत के बाद, बिहार में एक बार फिर शराबबंदी कानून को वापिस लेने और व्यापक संशोधन करने की माँग उठने लगी है। गौरतलब है कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इस गम्भीर मसले पर सीएम नीतीश कुमार से पहले ही इस्तीफे तक की माँग कर डाली थी। अब राष्ट्रीय जनता दल ने सीधे नीतीश सरकार को अल्टीमेटम दे दिया है। नीतीश सरकार पर निशाना साधते हुए आरजेडी विधायक और पार्टी प्रवक्ता भाई वीरेंद्र ने कहा है कि इस बार बजट सत्र में आरजेडी अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी कर रहा है। शराबबंदी कानून में संशोधन पर भाई वीरेंद्र ने कहा है कि पहले हम लोग इस संशोधन को देखेंगे, फिर इस पर आगे की रणनीति तय होगी।  इस बार बजट सत्र में हम लोग सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव भी लाएंगे। भाई वीरेंद्र ने कहा कि आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने शराबबंदी कानून लाने से पहले भी कहा था कि कानून ऐसा ना हो जिससे लोगों को परेशानी हो। लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नहीं माने और ऐसा शराबबंदी कानून लागू कर दिया, जिसमें जनता जेल भी जा रही है और लोग जहरीली शराब पीकर मर भी रहे हैं। भाई वीरेंद्र ने कहा कि नीतीश कुमार के शराबबंदी कानून से लगातार गरीबों को जेल भेजा जा रहा है। अमीर और पदाधिकारी वर्ग आराम से अपने घर में शराब मंगा कर पी रहे हैं। उन पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। इससे स्पष्ट है कि शराबबंदी कानून जनता के हक में नहीं है और अब इसको लेकर संशोधन की बात हो रही है। संशोधन तो जरूरी है लेकिन किस तरह से सरकार संशोधन कर रही है, ये देखने के बाद ही पता चलेगा। उन्होंने यह भी कहा कि शराबबंदी कानून सरकार से संभल नहीं रहा है। यही कारण है कि शराबबंदी कानून के बावजूद, जहरीली शराब पीने से लोगों की मौत हो रही है। यह जग जाहिर है कि सत्ता के संरक्षण में शराब बिक रहा है और सरकार मौन है। ईधर, लोजपा (रा) के चीफ चिराग पासवान ने नीतीश कुमार को जम कर लताड़ा है। चिराग पासवान ने कहा है कि जहरीली शराब से होने वाली सारी मौतें, हत्या है और इसके लिए बिहार के सीएम नीतीश कुमार जिम्मेवार हैं। चिराग ने महामहिम राष्ट्रपति और राज्यपाल को पत्र लिख कर बिहार में शराबबन्दी को ना केवल प्राणघाती कानून बताया है बल्कि बिहार में राष्ट्रपति शासन लागू करने की माँग भी कर दी है। हद बात तो यह है कि शराबबन्दी को लेकर बीजेपी और कांग्रेस, दोनों एक साथ सरकार पर हमलावर हैं। एक तरह से कहें तो बीजेपी और कांग्रेस, शराबबन्दी कानून के वापिस लिए जाने के पक्ष में हैं। अब यह देखना बेहद दिलचस्प 
है कि सीएम नीतीश कुमार, अपनी जिद और अपने हठ से ईतर इस शराबबन्दी कानून को लेकर कैसा फैसला लेते हैं। अगर कानून में संशोधन का मसौदा तैयार होता है, तो उसे एनडीए में शामिल घटक दल मसलन बीजेपी, हम और वीआईपी का क्या रुख होता है, इसे देखना भी काफी महत्वपूर्ण होगा। साथ ही, यह देखना भी बेहद जरूरी होगा कि आरजेडी और कांग्रेस संसोधन से खुश होती है, या फिर शराबबन्दी कानून को वापिस लेने की जिद पर अड़ी रहती है।
वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार सिंह