Chandigarh: पंजाब यूनिवर्सिटी के बाद अब जामिया, जेएनयू व अंबेडकर यूनिवर्सिटी में भी बवाल, देखें आगे क्या होगा
- By Vinod --
- Friday, 27 Jan, 2023
There is a ruckus in Punjab University
There is a ruckus in Punjab University- दिल्ली के विश्वविद्यालयों में बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री 'इंडिया, द मोदी क्वेश्चन' से उपजा विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है। जामिया और जेएनयू के बाद अब शुक्रवार को अंबेडकर यूनिवर्सिटी में डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग रोकने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने बिजली काट दी।
उधर दिल्ली यूनिवर्सिटी में भी कुछ छात्र संगठनों ने बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग का ऐलान किया है। छात्रों का कहना है कि शुक्रवार शाम 4 बजे आर्ट्स डिपार्टमेंट के गेट नंबर 4 पर डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग की जानी है। हालांकि, दिल्ली विश्वविद्यालय का कहना है कि उन्होंने ऐसे किसी भी आयोजन की अनुमति नहीं दी है।
वहीं दिल्ली की अंबेडकर यूनिवर्सिटी के कुछ छात्र छात्र शुक्रवार दोपहर यहां बीबीसी द्वारा प्रधानमंत्री मोदी पर आधारित डॉक्यूमेंट्री 'इंडिया, द मोदी क्वेश्चन' दिखाना चाहते थे। विश्वविद्यालय प्रशासन ने इसकी इजाजत नहीं दी, बावजूद इसके छात्र स्क्रीनिंग की जिद पर अड़े रहे जिसके बाद विश्वविद्यालय ने बिजली का कनेक्शन काट दिया।
कैंपस में बिजली काटने पर छात्रों ने अपने लैपटॉप पर ही डॉक्यूमेंट्री देखनी शुरू कर दी, छात्र लगातार विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी भी करते रहे।
इस दौरान छात्रों के दो अलग-अलग गुटों में डॉक्यूमेंट्री दिखाने और स्क्रीनिंग रोकने को लेकर झड़प भी हुई। इसको देखते हुए विश्वविद्यालय में व्यापक इंतजाम किए गए और स्वयं वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे।
इससे पहले ऐसी ही घटनाएं जामिया मिलिया इस्लामिया और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में हो चुकी हैं। यहां कुछ छात्र गुजरात पर बनी बीबीसी की यह डॉक्यूमेंट्री दिखाना चाहते थे, लेकिन यह स्क्रीनिंग रोकने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्र संघ कार्यालय की बिजली और इंटरनेट कनेक्शन काट दिया। विश्वविद्यालय ने छात्रों को कैंपस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से संबंधित बीबीसी की डाक्यूमेंट्री 'इंडिया, द मोदी क्वेश्चन' की स्क्रीनिंग को रद्द करने को कहा है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्रों से सख्त लहजे में कहा है कि स्क्रीनिंग करने वाले छात्रों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है।
विश्वविद्यालय प्रशासन का मानना है कि कैंपस में ऐसी अनाधिकृत गतिविधियों से विश्वविद्यालय की शांति और सद्भाव भंग हो सकती है। साथ ही विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्रों से कहा है कि इस डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग के कार्यक्रम को तुरंत रद्द कर दें, ऐसा न करने पर विश्वविद्यालय के नियमों के अनुसार सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की जा सकती है। हालांकि इस चेतावनी के बाद भी जब साथ अपनी जिद पर अड़े रहे तो विश्वविद्यालय प्रशासन ने कक्ष की बिजली और इंटरनेट कनेक्शन काटने का निर्णय लिया।
गौरतलब है कि इससे पहले भारत सरकार, बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री को प्रधानमंत्री और देश के खिलाफ प्रोपेगेंडा बता चुका है। विदेश मंत्रालय इस संबंध में कह चुका है कि हम नहीं जानते कि डॉक्यूमेंट्री के पीछे क्या एजेंडा है, लेकिन यह निष्पक्ष नहीं है, यह दुष्प्रचार है।
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