पंजाब मंत्रिमंडल में संगरूर जिले को लेकर फंसा पेंच, देखें क्या है पूरा मामला
Screw stuck in Punjab cabinet regarding Sangrur district
Arth Parkash /साजन शर्मा
चंडीगढ़। पंजाब के विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी ने बंपर जीत दर्ज की है। जल्द ही मुख्यमंत्री के तौर पर भगवंत मान शहीद भगत सिंह के गांव खटकडक़लां में मंत्रियों के साथ शपथ लेने जा रहे हैं। पंजाब के मंत्रिमंडल में कई बड़े चेहरों को शामिल किया जा सकता है। ऐसे संकेत हैं कि पार्टी से जुड़े जो नेता बीती दो मर्तबा से विधायक हैं उन्हें त्वज्जौ मिल सकती है। लेकिन पार्टी के सामने जो पेंच फंसा है वह है संगरूर जिला। संगरूर जिले से कई विधायक हैं जिनकी मंत्री बनाये जाने को लेकर जबरदस्त दावेदारी है।
संगरूर जिले से लॉटरी किसकी निकलेगी यह तो वक्त ही बतायेगा लेकिन यहां फंसा पेंचा हल करने में पार्टी के बड़े नेताओं के भी पसीने छूट रहे हैं। संगरूर जिले के दिड़बा हलके से हरपाल चीमा पिछली विधानसभा में भी विधायक थे। वह दूसरी मर्तबा जीते हैं और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं में उनका नाम शुमार है। उनके मंत्री बनाये जाने की चर्चा है। इसी तरह डॉ. अमन अरोड़ा भी संगरूर जिले के सुनाम से विधायक हैं। वह भी दूसरी मर्तबा चुने गए हैं। उनकी भी मंत्री पद के लिए जोरदार दावेदारी है। यह भी पंजाब से पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की सूची में हैं। खुद भगवंत मान संगरूर जिले के धुरी से विधायक चुने गए हैं। विधायक तो वह पहली बार चुने गए हैं लेकिन सांसद के तौर पर वह दूसरी बार जीत दर्ज कर चुके हैं। महज 27 साल की नरेंद्र कौर भराज भी संगरूर विधानसभा क्षेत्र से जीती हैं। उन्होंने कांग्रेस के मंत्री रहे विजय इंदर सिंगला को इन चुनावों में करारी शिकस्त दी। यह आप की वो दलेर महिला रही जिन्हें लोकसभा चुनावों के दौरान आप की ओर से उममीदवार बनाया गया था लेकिन उन्हें एक जगह बूथ नहीं लगाने दिया गया था। नरेंद्र कौर भराज ने न केवल अकेले दम वहां बूथ लगाया बल्कि डराने-धमकाने वालों का डटकर सामना किया। मुखयमंत्री के तौर पर शपथ लेने जा रहे भगवंत मान व आम आदमी पार्टी के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल सहित तमाम अन्य फैसला लेने वाले नेताओं के लिए संगरूर जिले को मंत्री का प्रतिनिधित्व देने में दिक्कतें पेश आ रही हैं। एक जिले से कई को मंत्री के तौर पर प्रतिनिधित्व नहीं दिया जा सकता। भगवंत मान के अलावा हरपाल चीमा व अमन अरोड़ा को अगर मंत्रीपद मिलता है तो संगरूर जिले से सीएम के अलावा दो अन्य मंत्री हो जाएंगे। ऐसे में हाईकमान पशोपेश में है कि संगरूर जिले पर क्या फैसला लिया जाए? आप ने चुनावों में 92 सीटें जीत कर अगले-पिछले सारे रिकार्ड तोड़ दिए हैं। 16वीं विधानसभा में इस बार 12 एमबीबीएस डॉक्टर भी चुने गए हैं। इनमें से 9 तो केवल आम आदमी पार्टी से जीते हैं। इतने पढ़े लिखों का विधानसभा के दरवाजे पहुंचना न केवल पंजाब के इतिहास के लिए सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा बल्कि देश के इतिहास में भी दर्ज होगा क्योंकि इतनी बड़ी तादाद में एमबीबीएस डॉक्टर किसी भी राज्य की विधानसभा में एक साथ नहीं पहुंचे।