खट्टर-चैटाला सरकार की गलत नीतियों की सजा भुगत रहे हैं हरियाणा के युवा

खट्टर-चैटाला सरकार की गलत नीतियों की सजा भुगत रहे हैं हरियाणा के युवा

खट्टर-चैटाला सरकार की गलत नीतियों की सजा भुगत रहे हैं हरियाणा के युवा

खट्टर-चैटाला सरकार की गलत नीतियों की सजा भुगत रहे हैं हरियाणा के युवा

चंडीगढ़। कांग्रेसी नेता रणदीप सूरजेवाला ने कहा हे की 
हरियाणा का हर तीसरा ग्रेजुएट है बेरोजगार, 25 लाख युवा हैं बिना नौकरी के
हरियाणा में बेरोजगारी बनी महामारी - शिक्षित होना बना अभिशाप
बेरोजगारी के ताजा आंकड़ों ने खट्टर-चैटाला सरकार की गलत ‘‘युवा विरोधी’’ नीतियों का पर्दाफ़ाश कर दिया है। साल, 2021 में हरियाणा में बेरोजगारी की दर देश में सर्वाधिक यानि 34.1 प्रतिशत है। पिछले साल 2020 में भी हरियाणा में बेरोजगारी की दर देश में सबसे ज्यादा यानि 32.5 प्रतिशत थी। सेंटर फाॅर माॅनिटरिंग आॅफ इंडियन इकाॅनाॅमी ;ब्डप्म्द्ध के ताजा आंकड़ों के मुताबिक हरियाणा में बेरोजगारी आसमान छू रही है और हर तीन में से एक ग्रेजुएट बेरोजगार है और प्रदेश में 25 लाख युवाओं के पास कोई रोजगार नहीं है।
यह भयंकर बेरोजगारी हरियाणा की भाजपा-जजपा सरकार के निकम्मेपन, नाकारापन व युवाओं तथा रोजगार सृजन के प्रति नकारात्मक सोच व नीतियों की पोल खोल रही है। खट्टर-चैटाला सरकार की गलत नीतियों ने हरियाणा को बेरोजगारी के मामले में देश में सबसे निचले पायदान पर लाकर खड़ा कर दिया है और हरियाणा का युवा दर-दर की ठोकरें खा रहा है।
हरियाणा में भीषण बेरोजगारी का कारण साफ हैः-
1. हज़ारों पदों की भर्ती प्रक्रिया जानबूझकर सालों तक लंबित रखना और अन्य हज़ारों पदों की भर्ती प्रक्रिया सालों के बाद रद्द कर देना
पिछले सात सालों में खट्टर-चैटाला सरकार ने युवाओं के प्रति दुर्भावनापूर्वक गलत नीतियां बनाई हैं, जिसका खामियाज़ा प्रदेश के लाखों युवा भुगत रहे हैं, और उनका भविष्य अंधकारमय हो गया है। पहले तो सरकारी नौकरियां निकलती ही नहीं। फिर सालों साल तक विज्ञापन या विज्ञापित हुई नौकरियों की लिखित परीक्षा और इंटरव्यू लिए नहीं जाते। और परीक्षा या इंटरव्यू हो भी जाए, तो रिज़ल्ट निकालने की बजाय भर्तियां कैंसल कर दी जाती हैं। कुछ उदाहरण निम्नलिखित हैं:
Post Name
Year of Advertisement
Number of Posts
Date of Exam
Status
TGT (English)
2015
1035
--
Withdrawn in February 2021
TGT (Sanskrit)
2015
626
-
Withdrawn in February 2021
Junior Lecturer Assistant
2017
62
November, 2020
Withdrawn in  2021
Gram Sachiv
2019
697
January, 2021
Cancelled in January, 2021
2. ईज़ आफ डूईंग बिज़नेस में हरियाणा गिरकर पहुंचा 16 वें पायदान पर
खट्टर-चैटाला सरकार की गलत नीतियों के कारण हरियाणा में ‘ईज़ आफ डूईंग बिज़नेस’ साल, 2018 में पाँचवें पायदान से गिरकर साल, 2020 में 16 वें स्थान पर पहुंच गया। नतीजतन न तो नई कंपनियां हरियाणा में आने को इच्छुक हैं और न ही पुरानी कंपनियों में नौकरियां निकल रही हैं और इसका नुकसान यहां के युवा ग्रेजुएट्स उठा रहे हैं।
3. हज़ारों युवाओं का भविष्य जानबूझकर अधर में लटकाया
2006 में भर्ती 816 आर्ट एंड क्राफ्ट अध्यापकों को 2015 में यानि लगभग 10 साल बाद हाईकोर्ट से निकाल दिया गया। खट्टर सरकार ने आश्वासन दिया कि हल निकालेंगे, पर हुआ कुछ नहीं। हरियाणा में 1983 पीटीआई अध्यापक लगभग 10 वर्ष काम करने के बाद आज सड़कों पर हैं? धरना प्रदर्शन कर रहे हैं और महीनों से दर दर की ठोकरें खा रहे हैं। खट्टर सरकार ने आश्वासन दिया कि उनकी जाॅब सिक्योर करेंगे, पर हुआ कुछ नहीं। ग्रुप डी के भर्ती 1,518 स्पोटर््सपर्सन श्रेणी के युवाओं को पहले भर्ती कर लिया तथा बाद में उन्हें अयोग्य करार दे दिया। बड़ोदा उपचुनाव में आश्वासन दिया की नौकरी सिक्योर करेंगे, पर हुआ कुछ नहीं।
2019 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले युवाओं को बेवकूफ बनाने के लिए 5,000 पुरुष काॅन्स्टेबल और 1,000 महिला काॅन्स्टेबल की भर्ती निकाली। 18 महीने तक कोई कार्यवाही नहीं की और फिर नई भर्ती निकालने के नाम पर उसे वापस ले लिया।  
4. पेपर माफिया हावी - धांधली, धोखा और घोटाला चारों तरफ फैला
पिछले सात वर्षों में 35 से ज्यादा पेपर लीक हुए व पूरा प्रदेश पेपर व नकल माफिया का अड्डा बन गया। जनवरी, 2019 में हरियाणा के स्टाफ सलेक्शन कमीशन में ‘कैश फाॅर जाॅब’ घोटाला सामने आया और दिसंबर, 2021 में हरियाणा पब्लिक सर्विस कमीशन में अटैची कांड का खुलासा हुआ, लेकिन सभी मामलों में सरकार ने लीपा-पोती की और असली गुनाहगारों और सफेदपोशों को क्लीन चिट देने का प्रयास सबने देखा।  
इसी प्रकार, एचटेट परीक्षा, क्लर्क परीक्षा, एक्साईज़ इंस्पेक्टर परीक्षा, एचसीएस ज्यूडिशियल परीक्षा, कंडक्टर परीक्षा, पटवारी परीक्षा, नायब तहसीलदार परीक्षा व आईटीआई इंस्पेक्टर परीक्षा, बिजली बोर्ड परीक्षा सहित अनेकों परीक्षाओं के पेपर लीक हुए तथा युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ हुआ। पर किसी को आज तक सजा नहीं मिली। जब मामले मीडिया में उठते हैं तो उन्हें दबाने के लिए सरकार द्वारा कोई एसआईटी या जांच कमेटी बना दी जाती है। लेकिन होता कुछ नहीं।
हमारी स्पष्ट मांग है कि सरकार हरियाणा के युवाओं के साथ खिलवाड़ बंद करे और उनके रोजगार के लिए साथर्क प्रयास किए जाएं।