पीले पंजे ने चंद घंटों में उजाड़े संजय कालोनी के आशियाने

पीले पंजे ने चंद घंटों में उजाड़े संजय कालोनी के आशियाने

Destroyed the Houses of Sanjay Colony

Destroyed the Houses of Sanjay Colony

चंडीगढ़ में एक हजार से भी ज्यादा झुग्गियों पर चला बुलडोजर
मंगलवार रात को ही काट दिये थे प्रशासन ने बिजली और पानी के कनेक्शन

चंडीगढ़, 23 अप्रैल (साजन शर्मा): Destroyed the Houses of Sanjay Colony: चंडीगढ़ के इंडस्ट्रियल एरिया में बुधवार सुबह प्रशासन की बड़ी कार्रवाई शुरू हुई। यहां अवैध तौर पर बनी संजय कालोनी को प्रशासन के लाव-लश्कर ने चंद घंटे में कई आशियानों को उजाड़ दिया। पीले पंजे से शुरू हुई कार्रवाई तब तक निर्बाध चलती रही जब तक यहां अंतिम झुग्गी जमींदोज नहीं कर दी गई। इस दौरान कुछ परिवारों की पुलिस के साथ हाथापाई भी हुई लेकिन उन्हें लाठीचार्ज कर हटा दिया गया। प्रशासन के अधिकारियों की दलील है कि कालोनी हटाने की कार्रवाई बड़े शांतिपूर्ण तरीके से हुई लेकिन लोगों का आरोप है कि मंगलवार रात को ही उनके बिजली व पानी के कनेक्शन काट दिये गये थे। बुधवार सुबह वह उठे ही थे कि प्रशासन पूरे लाव लश्कर और पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंच गया। लोग मंगलवार रात से भूखे थे, उन्हें सामान भी हटाने नहीं दिया। प्रशासन की ओर से सुबह 8 बजे से कार्रवाई करने का नोटिस दिया गया था लेकिन उससे पहले ही कार्रवाई शुरू कर दी गई जिसके चलते उनका सामान टूटी झुग्गियों में ही दब गया। उसे उठाने का मौका भी नहीं दिया गया। लोगों ने सामान उठाने की तैयारी कर रखी थी।

इंडस्ट्रियल एरिया स्थित संजय कॉलोनी में बुधवार को प्रशासन ने अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू की। करीब 1 हजार झुग्गियों पर बुलडोजर चला और लोग अपने सामान के साथ बेघर होते नजर आए। फिलहाल इन लोगों को नहीं मालूम कि ये कहां जाएंगे। कहीं किराये पर जाकर रहेंगे या किसी रिश्तेदार के यहां पनाह लेंगे। लोगों का कहना है कि किराये पर मकान लेना भी उनके बूते से बाहर है क्योंकि उनसे मोटा     किराया लिया जा रहा है। हालांकि संजय कालोनी के बाशिंदे कार्रवाई से एक दिन पहले यानि मंगलवार को भी रिक्शा, ऑटो और रेहडिय़ों में अपना सामान समेटते दिखे। बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक असहाय हालात में मिले। भरी दोपहर में जब पारा 38 डिग्री या इसके पार पहुंच  गया तो यहां से उजड़े लोग सिर पर सामान ढ़ो रहे थे। घर छिनने की पीड़ा तो उनमें थी ही लेकिन ये भी फिक्र थी कि अब कहां जाएंगे? बहुत सी महिलाओं व पुरुषों ने बताया कि उनके परिवार की कई पीढिय़ों ने यहीं से सफरनामा शुरू किया। उनके पास सभी कागजात थे। प्रशासन ने उनका बायोमीट्रिक भी किया। यहां मेयर ललित जोशी ने उन्हें बसाया। बाकायदा उन्हें बिजली पानी के कनेक्शन दिये गये लेकिन अब अचानक उन्हें बेघर कर दिया गया। प्रशासन को कोई रहम नहीं कि बुजुर्ग व बच्चे भी परिवारों के साथ हैं। कई का अस्पतालों में इलाज चल रहा है। दुर्गा नाम की महिला ने बताया कि उसके बच्चे यहीं पैदा हुए, शादियां यहीं हुईं, अब उनके बच्चे भी यहीं रहते हैं, लेकिन अब   कोई ठिकाना नहीं बचा।

किराए के लिये मकान देख रहे

लोग मजबूरी में मलोया, हल्लोमाजरा, मौलीजागरां और दड़वा की ओर रुख कर रहे हैं, लेकिन मनमाना किराया एक बड़ी चुनौती बन गया है। प्रवीण नामक के व्यक्ति ने बताया कि उसे हल्लोमाजरा में 4 हजार रुपए में एक छोटा कमरा मिला है, जबकि दुर्गा ने मलोया में 10 हजार रुपए महीने किराए पर दो कमरे लिए हैं। विजय ने कहा कि उनके दस्तावेज पूरे हैं, फिर भी प्रशासन उन्हें पक्के मकान देने से इनकार कर रहा है। एक युवक ने तो गुस्से में अपने डॉक्यूमेंट फाडक़र वहीं फेंक दिए। उसका कहना था कि पहले कॉलोनी नंबर-4 से हटाकर उन्हें यहां बसाया गया था, अब यहां से भी बेदखल कर दिया गया। लोगों का कहना था कि मकान तो छूटा ही, अब बच्चों का स्कूल भी छूट जाएगा। हाल ही में पास के स्कूलों में बच्चों के एडमिशन कराये थे। जहां किराये पर मकान लेंगे वहां से इन स्कूलों की दूरी भी बढ़ जाएगी और उन्हें आने जाने के लिये कोई साधन ढूंढना पड़ेगा। स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि चुनावों में नेता वादा करते हैं कि कोई बेघर नहीं होगा, लेकिन अब कोई नेता सामने नहीं आ रहा। वहीं दूसरी तरफ चंडीगढ़ प्रशासन ने साफ किया है कि झुग्गियों के खिलाफ यह अभियान आगे भी जारी रहेगा। बुधवार को अभियान शुरू करने से पहले बिजली पानी काटी गई और पूरी कार्रवाई में डीसी ऑफिस, नगर निगम और इंजीनियरिंग विभाग के अफसर मौजूद रहे। प्रशासन के अनुसार, धनास, मलोया, मौलीजागरां समेत कई जगहों पर 24 हजार से ज्यादा फ्लैट बनाए गए हैं, जिनमें     करीब 19 हजार परिवारों को बसाया जा चुका है। धनास में बनी सबसे बड़ी रिहैबिलिटेशन हाउसिंग कालोनी में ही करीब 8800 मकान दिए गए हैं। चंडीगढ़ मास्टर प्लान 2031 के अनुसार शहर की 18 प्रमुख कॉलोनियों में से अब अधिकांश हटाई जा चुकी हैं। संजय कॉलोनी हटने के बाद केवल सेक्टर 25 की जनता कॉलोनी बची है, जहां बड़ी संख्या में झुग्गियां मौजूद हैं। जल्द ही यहां भी प्रशासन कालोनी हटाने की कार्रवाई करने जा रहा है। प्रशासन का लक्ष्य चंडीगढ़ को स्लम फ्री सिटी बनाना है।