होटलों को डिस्मेंटल करने का काम जारी, आपदा प्रबंधन की टीम पहुंची जोशीमठ
Joshimath Sinking
Joshimath Sinking: सीबीआरआई के वैज्ञानिकों की देखरेख में होटल माउंट व्यू(Hotel Mount View) और मलारी इन को ढहाने की कार्रवाई रविवार चौथे दिन भी जारी है। दो दिनों तक टीम ने होटल में रखीं सामग्री(hotel supplies) को क्रेन के सहारे जमीन पर उतारा और उसके बाद पानी की टंकियों(water tanks) को खाली करवाया। आज पीएमओ से सचिव मंगेश घिल्डियाल जोशीमठ पहुंच गए हैं।
शनिवार को हथौड़े से होटल का डिस्मेंटल का काम शुरू हो गया है। दोनों होटलों को चरणबद्घ तरीके से अगले पांच दिनों में ध्वस्त कर दिया जाएगा। इन होटलों को लोक निर्माण विभाग के मजदूरों व एसडीआरएफ की टीम डिस्मेंटल कर रही है। मजदूरों के द्वारा होटल की खिड़की व दरवाजों के साथ ही अन्य सामान को निकालने के बाद अब हथौड़े और घन के सहारे होटल की दीवारों को तोड़ा जा रहा है।
होटलों के दोनों ओर से बदरीनाथ हाईवे पर बैरिकटिंग कर वाहनों और आम लोगों की आवाजाही पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है। होटल के मलबे को वाहनों के जरिए निस्तारित किया जा रहा है। जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने बताया कि होटल के छत की टिन से लेकर सभी छोटी सामग्री को भी सुरक्षित निकाला जा रहा है। मलबे को सुरक्षित स्थानों पर निस्तारित किया जा रहा है।
याचिका पर सुप्रीम कोर्ट करेगा कल सुनवाई / The Supreme Court will hear the petition tomorrow
दूसरी तरफ उत्तराखंड के जोशीमठ में आए संकट को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने के लिए अदालत के हस्तक्षेप की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सोमवार को सुनवाई करेगा।
Joshimath Is Sinking: होटलों को ढहाने की कार्रवाई जारी, राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट करेगा कल सुनवाई
जोशीमठ अपडेट / joshimath update
- होटल माउंट व्यू और मलारी इन के डिस्मेंटल करने का काम जारी है। अब होटल की दीवारों को तोड़ने का काम चल रहा है।
- -आज पीएमओ से सचिव मंगेश घिल्डियाल पहुंचे जोशीमठ।
- प्रभारी मंत्री धन सिंह रावत भी जोशीमठ में डटे हुए हैं।
- तहसील परिसर में आज भी आपदा प्रभावितों का धरना-प्रदर्शन।
- जोशीमठ नृसिंह मंदिर में यज्ञ का आयोजन।
- ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज भी पहुंचेंगे जोशीमठ।
- रातभर राहत शिविरों में रहने के बाद सुबह ही अपने घरों को लौट रहे प्रभावित।
जिले के प्रभारी मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि सरकार जोशीमठ की जनता के साथ खड़ी है। प्रभावित परिवारों को किसी भी प्रकार की समस्या नहीं होने दी जाएगी। उन्होंने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार की सात एजेंसियां जोशीमठ भू-धंसाव पर काम कर रही है। जोशीमठ के एक होटल में पत्रकार वार्ता में प्रभारी मंत्री ने कहा कि इसरो ने अपनी वेबसाइट में जो तस्वीरें डाली थी उन्हें तत्काल हटवा लिया गया है।
मामले पर देश व प्रदेश की सात एजेंसियां कार्य कर रही हैं जिससे किसी को भी घबराने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा के बदरीनाथ धाम और हेमकुंड साहिब व पर्यटन स्थल औली का प्रमुख केंद्र जोशीमठ है। इसके संरक्षण के भरपूर प्रयास किए जा रहे हैं। नगर को पूर्व अवस्था में लाया जाएगा। आगामी फरवरी में औली में शीतकालीन स्कीइंग खेल भी होने हैं।
प्रभावित परिवारों और संघर्ष समिति के लोगों के सुझाव के आधार पर ही कैबिनेट में जनहित में फैसले लिए जा रहे हैं। आपदाग्रस्त सभी परिवारों और प्रभावित भवनों में रह रहे किरायेदारों को भी किराये का भुगतान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जोशीमठ की तरह ही कर्णप्रयाग के आपदा प्रभावितों को भी सुविधाएं मुहैया कराई जाएगी।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि सरकार और संगठन आपसी समन्वय से आपदा पीड़ितों की मदद में जुटे हैं। पांच से सात दिन के भीतर आपदा प्रभावितों को मुआवजा पैकेज का आवंटन कर दिया जाएगा। इस पर तेजी से काम चल रहा है। भाजपा संगठन की ओर से सरकार को जो सुझाव दिए गए थे। उन पर भी प्राथमिकता के साथ काम किया जा रहा है। सरकार का पहला फोकस जानमाल की सुरक्षा करना है। सभी आपदा प्रभावितों को आपदा शिविरों में शिफ्ट किया गया है।
210 लोगों को 1 करोड़ 9 लाख 77 हजार की धनराशि वितरित कर दी गई है। अब दूसरी प्राथमिकता लोगों के मन से भय का वातावरण दूर करना है। सरकारी तंत्र के साथ ही भाजपा कार्यकर्ता इस भय के माहौल को दूर करने में लगे हैं। औली में शीतकालीन स्कीइंग खेलों के आयोजन को शुरू कराना भी सरकार की प्राथमिकता है। नगर के दो क्षेत्र सर्वाधिक प्रभावित हुए हैं जबकि जोशीमठ का बढ़ा हिस्सा सुरक्षित है। उन्होंने कहा कि विस्थापन आपद प्रभावितों की इच्छानुसार किया जाएगा। पुनर्वास स्थल के लिए पांच जगहों का विकल्प रखा गया है।
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