बाघ को कुल्हाड़ी के एक वार से मारने वाली महिला ने दुनिया को कहा अलविदा, कैंसर से जंग हारीं

बाघ को कुल्हाड़ी के एक वार से मारने वाली महिला ने दुनिया को कहा अलविदा, कैंसर से जंग हारीं

Honoured with the Shaurya Chakra

Honoured with the Shaurya Chakra

आइजल। Honoured with the Shaurya Chakra: वीर महिलाओं की सूची में अपना नाम दर्ज कराने वाली मिजोरम की महिला जादिंगी शुक्रवार को कैंसर से हार गईं और सदा के लिए आंखें मूंद लीं। वह 72 वर्ष की थीं। उन्होंने 46 वर्ष पूर्व जंगल में बाघ से लड़ते हुए उसे कुल्हाड़ी से मारकर शोहरत हासिल की थी। इस घटना के बाद उन्हें अदम्य बहादुरी के लिए भारत सरकार ने शौर्य चक्र से सम्मानित किया था।

बांग्लादेश सीमा के करीब रहती थीं जादिंगी

मिजोरम के मुख्यमंत्री लालदूहोमा ने जादिंगी को राज्य की सबसे बहादुर महिलाओं में से एक बताया है। जादिंगी बांग्लादेश सीमा के नजदीक मिजोरम के लंगलेई जिले के बुआरपुई गांव की रहने वाली थीं। उनका अंतिम संस्कार शनिवार को उनके गांव में ही किया गया।

जब बाघ से हुआ जादिंगी का सामना

युवावस्था में जादिंगी जब जंगल में लकड़ी काटने के लिए गई थीं तभी उनका सामना बाघ से हुआ था। जब उन्हें पास में बाघ के होने का पता चला तो उन्होंने मदद के लिए साथ गईं महिलाओं को आवाज लगाई लेकिन कोई नहीं आया। इसके बाद जादिंगी ने साहस बटोरकर महज तीन फीट दूर से हमले के लिए उद्यत बाघ के सिर पर कुल्हाड़ी से वार किया था।

1978 की है घटना

जादिंगी ने महज एक वार से बाघ को बुरी तरह से घायल कर दिया था। मगर वह खुद को उसके हमले से नहीं बचा पाईं, बाघ के पंजे की चपेट में आने से उनका हाथ कई जगह से फट गया था। बाद में कुछ दूरी पर घायल बाघ की लाश मिली थी। यह घटना तीन जुलाई, 1978 की थी।

म्यूजियम में रखी है बाघ की ममी

यह घटना उस समय देश में बहुचर्चित हुई। जादिंगी का नाम कुल्हाड़ी से बाघ को मारने वाली देश की इकलौती महिला के रूप में दर्ज हुआ। घटना के करीब दो वर्ष बाद उन्हें शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया। मिजोरम की सरकार ने बाघ की लाश की ममी बनाकर उसे मिजोरम के स्टेट म्यूजियम में रखा है।