वॉलिंटियर स्वयंसेवक हटाकर कहा था अनावश्यक और अब...
Volunteer was removed and declared Unnecessary
( अर्थ प्रकाश / बोम्मा रडड्डी )
अमरावती : Volunteer was removed and declared Unnecessary: (आंध्रा प्रदेश) सचिवालय वालंटियर नमक स्वयंसेवकों की सेवाओं की इस बार भयानक प्रभावित इलाके में जरूरत पड़ी तो भी..सीएम चंद्रबाबू को उनकी याद नहीं आई जबकि महीने भर काम करने के बाद उन्हें वह मुश्किल से 8000 रू० वेतन दिया जाता था।
यह पिछली सरकार के शासनकाल में स्वयंसेवकों ने बाढ़ जैसी आपदाओं के दौरान विशेष सेवाएँ प्रदान कीं। जिस दिन से .एनडीए गठबंधन सरकार सत्ता में आई है, उस दिन से राज्य में स्वयंसेवकों को कोई काम दिए बिना, पिछले तीन महीनों से उनके वेतन का भुगतान किए बिना, सीएम चंद्रबाबू ने पिछली सरकार द्वारा बनाई गई नई योजना में वालंटियर व्यवस्था थाजो लोग 50 घरों के लिए एकव्यक्ति के हिसाब से पूरे देश राज्य में वालंटियर नमक स्वयंसेवक प्रणाली को पूरी तरह से किनारे कर दिया है।
लेकिन अब विजयवाड़ा सिंगनगर इलाके के आसपास के बाढ़ से प्रभावित हैं और अधिकारियों द्वारा सोमवार रात को बाढ़ राहत कार्यों में तत्काल भाग लेने के आदेश दिए गए हैं। वह भी केवल विजयवाड़ा क्षेत्र के स्वयंसेवकों को आने के लिए कहा गया था। अधिकारियों का कहना है कि दूसरे क्षेत्रों से ड्यूटी पर आने वाले वॉलिंटियर नौकरी पर करने वाले स्वयंसेवकों के मुद्दे पर सरकार ने .पहले मना कर दिया और हटाने का निर्देश दिया अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया है. लेकिन अब उन्हें वापस सेवाएं लेने की बात कर रहे हैं तो अधिकारीयों यह बात समझ में नहीं आ रही हैकि उनसे कैसी सेवाएं दें क्योंकि हटने का आदेश हो चुका था ?
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