7th Pay Commission: केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने कर दी कई घोषणा , कर्मचारियों को महंगाई भत्ते अन्य भी कई ..

7th Pay Commission: केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने कर दी कई घोषणा , कर्मचारियों को महंगाई भत्ते अन्य भी कई ..

7th Pay Commission

7th Pay Commission: केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने कर दी कई घोषणा , कर्मचारियों को महंगाई भत्ते अन्य भी कई

दिल्ली। 7th Pay Commission: प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने जून, 2022 को समाप्त होने वाली अवधि के लिए अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के 12 महीने के औसत में प्रतिशत वृद्धि के आधार पर 01 जुलाई 2022 से देय केन्द्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को चार प्रतिशत की दर से महंगाई भत्ते और महंगाई राहत की अतिरिक्त किस्त जारी करने को मंजूरी दे दी है।

केन्द्र सरकार के कर्मचारी और पेंशनभोगी क्रमश: महंगाई भत्ते और महंगाई राहत की बढ़ी हुई राशि के लिए दिनांक 01 जुलाई 2022 से हकदार हो जायेंगे।

केन्द्र सरकार के कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में इस वृद्धि के कारण प्रति वर्ष 6,591.36 करोड़ रुपये और वित्तीय वर्ष 2022-23 (यानी जुलाई, 2022 से लेकर फरवरी, 2023 तक की आठ महीने की अवधि) में 4,394.24 करोड़ रुपये का अतिरिक्त वित्तीय बोझ पड़ने का अनुमान है।

पेंशनभोगियों को महंगाई राहत में इस वृद्धि के कारण प्रति वर्ष 6,261.20 करोड़ रुपये और वित्तीय वर्ष 2022-23 (यानी जुलाई, 2022 से लेकर फरवरी, 2023 तक की आठ महीने की अवधि) में 4,174.12 करोड़ रुपये का अतिरिक्त वित्तीय बोझ पड़ने का अनुमान है।

महंगाई भत्ता और महंगाई राहत दोनों के कारण राजकोष पर संयुक्त रूप से प्रति वर्ष 12,852.56 करोड़ रुपये और वित्तीय वर्ष 2022-23 (यानी जुलाई, 2022 से लेकर फरवरी, 2023 तक की आठ महीने की अवधि) में 8,568.36 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा।

मंत्रिमण्‍डल
azadi ka amrit mahotsav

केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) को अगले तीन महीनों (अक्टूबर 2022 से दिसंबर 2022 तक) के लिए बढ़ाने की मंजूरी दी

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के सभी लाभार्थियों को दिसंबर, 2022 तक 5 किलो प्रति व्यक्ति प्रति माह की दर से मुफ्त खाद्यान्न देना जारी रहेगा

पीएमजीकेएवाई के अब तक के छह चरणों में कुल 3.45 लाख करोड़ रुपये की अनुमानित सब्सिडी का प्रावधान किया गया

अक्टूबर से दिसंबर तक पीएमजीकेएवाई के 7वें चरण में 44,762 करोड़ रुपये की अनुमानित सब्सिडी दी गई है

सातवें चरण में खाद्यान्नों का कुल आवंटन 122 एलएमटी होने की उम्मीद है

यह निर्णय आगामी प्रमुख त्योहारों के दौरान समाज के गरीब और कमजोर  वर्गों के लिए सहायता सुनिश्चित करेगा

-गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई-चरण-7) को अगले तीन महीने की अवधि यानी अक्टूबर से दिसंबर 2022 तक बढ़ाने की मंजूरी दी है।

ऐसे समय में जब पूरी दुनिया कोविड के खात्‍मे के बाद इसके प्रतिकूल प्रभावों और विभिन्न कारणों से असुरक्षा से जूझ रही है, भारत ने अपने यहां समाज के कमजोर वर्गों के लिए खाद्य सुरक्षा को सफलतापूर्वक बरकरार रखा है और इसके साथ ही भारत आम आदमी के लिए किफायती खाद्यान्‍न की उपलब्धता को निरंतर बनाए रखने के लिए आवश्यक कदम उठा रहा है।

यह स्वीकार करते हुए कि लोगों को महामारी के कठिन दौर से गुजरना पड़ा है, सरकार ने पीएमजीकेएवाई की अवधि तीन माह और बढ़ाने का निर्णय लिया है ताकि समाज के गरीब और कमजोर वर्गों को आने वाले प्रमुख त्योहारों जैसे कि नवरात्रि, दशहरा, मिलाद-उन-नबी, दीपावली, छठ पूजा, गुरुनानक देव जयंती, क्रिसमस, इत्‍यादि के लिए आवश्‍यक सहायता दी जा सके जिन्‍हें वे समस्‍त समुदाय के साथ मिलकर बड़े उल्लास से मना सकते हैं। इसे सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने पीएमजीकेएवाई की अवधि तीन माह और बढ़ाने को मंजूरी दे दी है, ताकि वे बिना किसी वित्तीय संकट के खाद्यान्न की आसान उपलब्धता का लाभ निरंतर उठा सकें

इस कल्याणकारी योजना के तहत प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के अंतर्गत शामिल व्यक्तियों सहित राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) (अंत्योदय अन्न योजना और प्राथमिकता वाले परिवार) के तहत शामिल सभी लाभार्थियों को प्रति व्यक्ति प्रति माह 5 किलो खाद्यान्न मुफ्त दिया जाता है।

पीएमजीकेएवाई के छठे चरण तक भारत सरकार के लिए वित्तीय व्यय लगभग 3.45 लाख करोड़ रुपये रहा है। इस योजना के 7वें चरण के लिए लगभग 44,762 करोड़ रुपये के अतिरिक्त व्यय को मिलाकर सभी चरणों के लिए पीएमजीकेएवाई का कुल व्यय लगभग 3.91 लाख करोड़ रुपये हो जाएगा।

पीएमजीकेएवाई के 7वें चरण के लिए खाद्यान्नों के मामले में कुल आवंटन लगभग 122 एलएमटी होने की संभावना है। चरण 1 से 7 तक खाद्यान्नों का कुल आवंटन लगभग 1,121 एलएमटी है।

अभी तक पीएमजीकेएवाई 25 महीनों से निम्नानुसार परिचालन में है-

(i) चरण-1 और 2 (8 महीने): अप्रैल 2020 से नवंबर 2020 तक

(ii) चरण- 3 से 5 (11 महीने): मई 2021 से मार्च 2022 तक

(iii) चरण-6 (6 महीने): अप्रैल 2022 से सितंबर 2022 तक

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) कोविड-19 संकट के दौरान मुश्किल समय में शुरू हुई थी, जिसने गरीबों, जरूरतमंदों, गरीब परिवारों/लाभार्थियों को खाद्य सुरक्षा उपलब्ध कराई है ताकि इन लोगों को खाद्यान्नों की पर्याप्त उपलब्धता न होने से कोई परेशानी न हों। इस योजना ने लाभार्थियों को सामान्य रूप से वितरित की जाने वाली मासिक खाद्यान्न पात्रता की मात्रा को प्रभावी रूप से दोगुना कर दिया है।

पहले के चरणों के अनुभव के अनुसार पीएमजीकेएवाई-चरण-7 का प्रदर्शन भी पहले चरणों के समान उच्चस्तर का होने की उम्मीद है।


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केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने आज भारत और बांग्लादेश के बीच उस समझौता-ज्ञापन को कार्योत्तर मंजूरी दे दी है, जिसके तहत भारत और बांग्लादेश की साझी सीमा से होकर गुजरने वाली कुशियारा नदी से प्रत्येक पक्ष 153 क्यूसेक तक पानी निकाल सकेगा।

भारत के जल शक्ति मंत्रालय और बांग्लादेश के जल संसाधन मंत्रालय ने छह सितंबर, 2022 को समझौता-ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये थे, जिसके तहत सूखे मौसम (01 नवंबर से 31 मई तक) के दौरान साझी सीमा से होकर गुजरने वाली कुशियारा नदी से दोनों देश 153-153 क्यूसेक तक पानी निकाल सकेंगे, ताकि दोनों देश अपनी-अपनी खपत योग्य जल संबंधी आवश्यकता पूरी कर सकें।

इस समझौता-ज्ञापन से असम सूखे मौसम (01 नवंबर से 31 मई तक) के दौरान अपनी खपत योग्य आवश्यकता पूरी करने के लिये कुशियारा नदी के साझा विस्तार से 153 क्यूसेक तक का पानी निकाल सकेगा।

सूखे मौसम के दौरान दोनों देश अपनी-अपनी तरफ से जल निकासी की निगरानी करने के लिए एक संयुक्त निगरानी दल का गठन करेंगे।

--उपभोक्‍ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय

-प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई-चरण-7) को अगले तीन महीने की अवधि यानी अक्टूबर से दिसंबर 2022 तक बढ़ाने की मंजूरी दी है।

ऐसे समय में जब पूरी दुनिया कोविड के खात्‍मे के बाद इसके प्रतिकूल प्रभावों और विभिन्न कारणों से असुरक्षा से जूझ रही है, भारत ने अपने यहां समाज के कमजोर वर्गों के लिए खाद्य सुरक्षा को सफलतापूर्वक बरकरार रखा है और इसके साथ ही भारत आम आदमी के लिए किफायती खाद्यान्‍न की उपलब्धता को निरंतर बनाए रखने के लिए आवश्यक कदम उठा रहा है।

यह स्वीकार करते हुए कि लोगों को महामारी के कठिन दौर से गुजरना पड़ा है, सरकार ने पीएमजीकेएवाई की अवधि तीन माह और बढ़ाने का निर्णय लिया है ताकि समाज के गरीब और कमजोर वर्गों को आने वाले प्रमुख त्योहारों जैसे कि नवरात्रि, दशहरा, मिलाद-उन-नबी, दीपावली, छठ पूजा, गुरुनानक देव जयंती, क्रिसमस, इत्‍यादि के लिए आवश्‍यक सहायता दी जा सके जिन्‍हें वे समस्‍त समुदाय के साथ मिलकर बड़े उल्लास से मना सकते हैं। इसे सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने पीएमजीकेएवाई की अवधि तीन माह और बढ़ाने को मंजूरी दे दी है, ताकि वे बिना किसी वित्तीय संकट के खाद्यान्न की आसान उपलब्धता का लाभ निरंतर उठा सकें

इस कल्याणकारी योजना के तहत प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के अंतर्गत शामिल व्यक्तियों सहित राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) (अंत्योदय अन्न योजना और प्राथमिकता वाले परिवार) के तहत शामिल सभी लाभार्थियों को प्रति व्यक्ति प्रति माह 5 किलो खाद्यान्न मुफ्त दिया जाता है।

पीएमजीकेएवाई के छठे चरण तक भारत सरकार के लिए वित्तीय व्यय लगभग 3.45 लाख करोड़ रुपये रहा है। इस योजना के 7वें चरण के लिए लगभग 44,762 करोड़ रुपये के अतिरिक्त व्यय को मिलाकर सभी चरणों के लिए पीएमजीकेएवाई का कुल व्यय लगभग 3.91 लाख करोड़ रुपये हो जाएगा।

पीएमजीकेएवाई के 7वें चरण के लिए खाद्यान्नों के मामले में कुल आवंटन लगभग 122 एलएमटी होने की संभावना है। चरण 1 से 7 तक खाद्यान्नों का कुल आवंटन लगभग 1,121 एलएमटी है।

अभी तक पीएमजीकेएवाई 25 महीनों से निम्नानुसार परिचालन में है-

(i) चरण-1 और 2 (8 महीने): अप्रैल 2020 से नवंबर 2020 तक

(ii) चरण- 3 से 5 (11 महीने): मई 2021 से मार्च 2022 तक

(iii) चरण-6 (6 महीने): अप्रैल 2022 से सितंबर 2022 तक

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) कोविड-19 संकट के दौरान मुश्किल समय में शुरू हुई थी, जिसने गरीबों, जरूरतमंदों, गरीब परिवारों/लाभार्थियों को खाद्य सुरक्षा उपलब्ध कराई है ताकि इन लोगों को खाद्यान्नों की पर्याप्त उपलब्धता न होने से कोई परेशानी न हों। इस योजना ने लाभार्थियों को सामान्य रूप से वितरित की जाने वाली मासिक खाद्यान्न पात्रता की मात्रा को प्रभावी रूप से दोगुना कर दिया है।

पहले के चरणों के अनुभव के अनुसार पीएमजीकेएवाई-चरण-7 का प्रदर्शन भी पहले चरणों के समान उच्चस्तर का होने की उम्मीद है