हजारों वर्ष पूर्व दी गयी भगवान महावीर स्वामी की शिक्षाएं आज भी प्रासंगिक-------बनवारीलाल पुरोहित

हजारों वर्ष पूर्व दी गयी भगवान महावीर स्वामी की शिक्षाएं आज भी प्रासंगिक-------बनवारीलाल पुरोहित

हजारों वर्ष पूर्व दी गयी  भगवान महावीर स्वामी की शिक्षाएं आज भी प्रासंगिक-------बनवारीलाल पुरोहित

हजारों वर्ष पूर्व दी गयी भगवान महावीर स्वामी की शिक्षाएं आज भी प्रासंगिक-------बनवारीलाल पुरोहित

चंडीगढ 14 अप्रैल।
 एसएस जैन सभा द्वारा जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी की जन्म जयंती जैन स्थानक सेक्टर 18 मे मुनि श्री समन्तभद्र जी महाराज ससंघ ठाणे3 व साध्वी प्रियंका जी महाराज ठाणे 4 के सानिंध्य में  बड़ी धूमधाम से मनाई गई जिसमें पंजाब के राज्यपाल एवं चंडीगढ़ के प्रशासक बनवारीलाल पुरोहित ने मुख्य अतिथि के रूप में  हिस्सा लिया।
 इस अवसर पर बोलते हुए प्रशासक बनवारीलाल पुरोहित ने कहा कि हजारों वर्ष पहले दी गई भगवान महावीर की शिक्षाएं आज के दौर में भी पूरी तरह से प्रासंगिक  है।  दुनिया को जियो और जीने दे का संदेश  देने वाले 
 भगवान महावीर ने अपने उपदेश और प्रवचनों के माध्यम से पूरी दुनिया को सही राह दिखाई । महावीर स्वामी का सबसे बड़ा सिद्धांत अहिंसा का है, जिनके समस्त दर्शन, चरित्र, आचार−विचार का आधार एक इसी अहिंसा सिद्धांत पर है।

हजारों वर्ष पूर्व दी गयी  भगवान महावीर स्वामी की शिक्षाएं आज भी प्रासंगिक-------बनवारीलाल पुरोहित
वैसे उन्होंने अपने अनुयायी प्रत्येक साधु और गृहस्थ के लिए अहिंसा, सत्य, अचौर्य, ब्रह्मचर्य, अपरिग्रह के पांच व्रतों का पालन करना आवश्यक बताया है, पर इन सबमें अहिंसा की भावना सम्मिलित है। इसलिए जैन विद्वानों का प्रमुख उपदेश यही होता है− 'अहिंसा ही परम धर्म है। अहिंसा ही परम ब्रह्म है। अहिंसा ही सुख शांति देने वाली है। अहिंसा ही संसार का उद्धार करने वाली है। यही मानव का सच्चा धर्म है। यही मानव का सच्चा कर्म है। अहिंसा जैनाचार का तो प्राण ही है।'
जैनियों के आचार−विचार, अहिंसा के विषय में चाहे जैसे रूढिवादी बन गये हों, पर इसमें संदेह नहीं कि महावीर स्वामी ने अपने समय में जिस अहिंसा के सिद्धांत का प्रचार किया, वह निर्बलता और कायरता उत्पन्न करने के बजाय राष्ट्र का निर्माण और संगठन करके उसे सब प्रकार से सशक्त और विकसित बनाने वाली थी। उसका उद्देश्य मनुष्य मात्र के बीच शांति और प्रेम का व्यवहार स्थापित करना था, जिसके बिना समाज कल्याण और प्रगति की कोई आशा नहीं रखी जा सकती ।  

हजारों वर्ष पूर्व दी गयी  भगवान महावीर स्वामी की शिक्षाएं आज भी प्रासंगिक-------बनवारीलाल पुरोहित
  भगवान महावीर के  आदर्शों पर चलकर आज के युग में भी जैन संत सादा जीवन व्यतीत कर , पैदल विहार कर , कड़ी तपस्या करते हैं तथा लोगों को सत्य अहिंसा की राह पर चलने का उपदेश देते हैं जैन संतों का जीवन स्वयं में अनुकरणीय है। ये जैन संत अपरिग्रह जीवन मे पूरी तरह से आत्मसात किये है। 
 इस अवसर पर उन्होंने उपस्थित महिलाओं से भी कहा कि समाज में महिलाओं की सेहत व तंदरुस्ती का सही ख्याल रखा जाना चाहिए। गर्भवती महिलाओं को पांचवें महीने से ही पोस्टिक आहार देना  शुरू कर देना चाहिए ।
महिला स्वस्थ  होगी तो बच्चा स्वस्थ होगा ओर  बच्चा स्वस्थ होगा तो देश स्वस्थ होगा।

हजारों वर्ष पूर्व दी गयी  भगवान महावीर स्वामी की शिक्षाएं आज भी प्रासंगिक-------बनवारीलाल पुरोहित
इस से पूर्व जैन मुनि सुमंत बुद्ध जी महाराज ने महावीर जयंती के अवसर पर भगवान महावीर की जीवनी पर प्रकाश डालें वह भगवान महावीर जयंती के महत्व के बारे में बताया जैनेंद्र गुरुकुल साध्वी प्रज्ञा प्रियंका जी महाराज ने भी प्रवचन दिए जालंधर गुरुकुल पंचकूला के छात्र-छात्राओं बच्चों ने रंगारंग कार्यक्रम कर भगवान महावीर के प्रति अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की इस अवसर पर भारत सरकार के एडिशनल सॉलिसिटर जनरल पूर्व सांसद सत्यपाल जैन व पंजाब के मुख्यमंत्री बने मुख्यमंत्री पंजाब के एडिशनल प्रिंसिपल सेक्टरी हिमांशु जैन ने विशिष्ट अतिथि के रूप में हिस्सा लिया जबकि भाजपा प्रदेश प्रवक्ता कैलाश चन्द जैन भी उपस्थित रहे।
इस अवसर पर दानवीर सेठ ओमप्रकाश जैन  ने ध्वजारोहण किया ,महेंद्र कुमार जैन सभा अध्यक्ष थे तथा हरिंदर पाल सिंगला स्वागताध्यक्ष थे।
 इस अवसर पर एसएस जैन सभा के प्रधान बीड़ी बंसल जैन,  महासचिव सुकेश जैन, उपप्रधान जेके जैन, केशियर वी के जैन, नरेश जैन,  श्री महावीर  जैन युवक मंडल के प्रधान आदीश  जैन व डॉक्टर संदीप बंसल आदि सहित बड़ी संख्या में श्रावक उपस्थित रहे।