The Storyteller, सत्यजीत रे द्वारा लिखी कहानी में परेश रावल की शानदार एक्टिंग दिलों पर राज़ करने के लिए काफ़ी है

The Storyteller, सत्यजीत रे द्वारा लिखी कहानी में परेश रावल की शानदार एक्टिंग दिलों पर राज़ करने के लिए काफ़ी है

फिल्म निर्माता सत्यजीत रे की शॉर्ट स्टोरी गोलपो बोलिए तारिणी खुरो पर आधारित है।

 

Hotstar: बॉलीवुड में अभिनय तो सभी करते हैं लेकिन किसका अभिनय किस फिल्म में किस कैरेक्टर पर फिट बैठेगा यह बोल पाना मुश्किल होता है। फिलहाल बॉलीवुड अभिनेता परेश रावल एक दिल छू देने वाली फिल्म से वापस आ गए हैं, जो आपको एक जगह लाकर खड़ा कर देती है। यह विचारों के साथ काफी छेड़खानी करती है और उन कहानियों के लिए एक नाजुक श्रद्धांजलि है जिनका हम सामना करते हैं। हम बात कर रहे हैं disney+ हॉटस्टार के द स्टोरी टेलर की जिसमें रेवती और आदिल हुसैन भी हैं। यह OTT फिल्म हर किसी के लिए नहीं है, लेकिन यह उन लोगों के दिलों को छू जाएगी जो इस फिल्म से कनेक्ट कर सकते है।

 

क्या है स्टोरीटेलर की कहानी

 

सबसे पहले तो आपको बता दें कि यह फिल्म महान फिल्म निर्माता सत्यजीत रे की शॉर्ट स्टोरी गोलपो बोलिए तारिणी खुरो पर आधारित है। फिल्म में परेश रावल ने कोलकाता निवासी तारिणी बंदोपाध्याय का किरदार निभाया है जो रिटायर हैं और उन्हें कहानी कहने का शौक है। तारिणी बंदोपाध्याय को अहमदाबाद में नौकरी का प्रस्ताव मिलता है लेकिन यह ऐसा प्रस्ताव नहीं है जो हर किसी को मिला। काम एक अमीर व्यापारी रतन गोराडिया को कहानी सुनना है जिसका किरदार आदिल हुसैन ने निभाया है। जिसे नींद ना आने की बीमारी है और उसे लगता है कि कुछ अच्छी कहानियां ही उसे सुला सकती हैं। द स्टोरीटेलर दरअसल तब शुरू होती है जब यह दोनों मिलते हैं और जिंदगी के दो अलग-अलग पहलू देखने को मिलते हैं। निर्देशक अनंत महादेव के बंगाली बनाम गुजराती परंपराओं और जीवन शैली के मजाकिया चित्रण को बराबर स्क्रीन पर स्पेस दिया गया है, जो फिल्म को और भी दिलचस्प बनती है ।

 

कौन कौन आयेगे नज़र

बंगाली कहानीकार के तौर पर परेश रावल का काम जबरदस्त है। हालांकि शायद ही किसी ने सोचा होगा कि आदिल और परेश को यह भूमिकाएं दी जा सकती थी परेश रावल के एक्सप्रेशंस, बॉडी लैंग्वेज और डायलॉग डिलीवरी देखने के बाद आपको हेरा फेरी के बाबू भैया कहीं नजर नहीं आएंगे आपको परेश रावल में सिर्फ तारिणी ही नजर आते हैं। आदिल हुसैन का काम भी बहुत अच्छा है वह हर फ्रेम में अपने किरदार में कमल के लगते हैं। इसके अलावा रेवती अद्भुत है और तनीषा चटर्जी का काम भी सराहनीय है। इस फिल्म को अनंत महादेवन ने निर्देश किया है और इनका निर्देशन भी काफी दमदार है क्योंकि वह बिना ज्यादा कमर्शियल हुए हर फ्रेम में बहुत कुछ कहते हैं।