विद्वान ब्राह्मणों ने घोषित की आने वाले त्यौहारों की तिथियां
विद्वान ब्राह्मणों ने घोषित की आने वाले त्यौहारों की तिथियां
इस बार राखी के त्यौहार पर लगी है भद्रा
दीपावली को लगेगा सूर्य ग्रहण
विधानसभा क्षेत्र डेराबस्सी में वैदिक शास्त्रों के ज्ञाता एवं विभिन्न मंदिरों में पूजा पाठ करने वाले विद्वान ब्राह्मणों की एक बैठक श्री राधा कृष्णा मंदिर ,ग्रीन एस्टेट, बरवाला रोड, डेरा बस्सी में राष्ट्रीय हिंदू शक्ति संगठन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री रविंद्र वैष्णव जी की अध्यक्षता में संपन्न हुई । जिसमें पंडित हंसराज जी, पंडित गजेंद्र प्रसाद लखेड़ा, आचार्य विमलेश सेमवाल, पंडित अरविंद भट्ट, पंडित राम कुमार, पंडित अरुण कुमार अत्री, पंडित गोविंद शर्मा इत्यादि ने उत्तर भारत के प्रसिद्ध पंचांग श्री देव दयाल जी के आधार पर आने वाले दिनों में सनातनी हिंदू त्यौहारों की तिथियों की घोषणा की, जिसमें राष्ट्रीय हिंदू शक्ति संगठन की तरफ से पंडित अतुल कुमार चौबे, श्री दिनेश वैष्णव, योगेश अत्री के साथ प्रदेश कोषाध्यक्ष उपेश बंसल, भाजपा नेता मनदीप कौर सैनी मोना, पवन भटनागर, अमन राणा, श्री राधा कृष्ण मंदिर कमेटी के प्रधान मोहन सैनी, कोषाध्यक्ष सुरेंद्र सिंह राणा के साथ मनीष त्यागी, मोहित धीमान, नवनीत गोयल, कमल राणा, टोनी वर्मा, अजीत सिंह सिरोही, पतंजलि ट्रस्ट की तरफ से विराजमान थे ।
इस अवसर पर विद्वान ब्राह्मणों ने पंचांग के अनुसार जानकारी देते हुए बताया कि सावन की शिवरात्रि 26 जुलाई को मनाई जाएगी और भगवान को जलाभिषेक 25 जुलाई सायंकाल 7:24 से 26 जुलाई की रात 9:28 तक किया जाएगा ।
हरियाली तीज जिसको उत्तर भारत में संधारा तीज के रूप में मनाया जाता है, वह 30 जुलाई को होगी ,गणेश चतुर्थी 1 अगस्त को रक्षाबंधन की तारीख 11 अगस्त है ,लेकिन उस दिन भद्रा लगी होने के कारण सारा दिन बहन का भाई को तिलक करना या राखी बांधना अशुभ माना जाता है ,इसलिए पंचांग के अनुसार और ब्राह्मणों के एकमत से तय हुआ कि रक्षाबंधन के लिए 11 अगस्त रात 8:52 से 9:50 तक का शुभ मुहूर्त है और उसके साथ 12 अगस्त को सुबह 5:55 से 7:06 तक का समय रक्षाबंधन के लिए शुभ है । श्री कृष्ण जन्माष्टमी 18 अगस्त वीरवार को दिन में व्रत और रात को जन्म उत्सव मनाया जाएगा और हमेशा की तरह 18 तारीख को आम जन के लिए व 19 अगस्त को संत -बैरागी- सन्यासी- वैष्णव -समर्थ समाज के लिए नंद उत्सव के रूप में जन्माष्टमी का त्यौहार मनाया जाएगा । गुग्गा नवमी 20 अगस्त को श्री राधा अष्टमी 3 सितंबर को वामन द्वादशी 7 सितंबर को। पितृपक्ष शुरू यानी श्राद्ध 10 सितंबर से 25 सितंबर तक। नवरात्रि 26 सितंबर से शुरू, 1 अक्टूबर को तारा अस्त होने के कारण कोई भी शुभ कार्य करना वर्जित होगा । 3 अक्टूबर को श्री दुर्गा अष्टमी , 4 अक्टूबर को नवमी एवं 5 अक्टूबर को विजयादशमी यानी दशहरा पर्व मनाया जाएगा । 9 अक्टूबर को भगवान बाल्मीकि जयंती शरद पूर्णिमा होगी और करवा चौथ 13 अक्टूबर को होगा लेकिन इस बार करवा चौथ के दिन शुक्र अस्त होने के कारण नवविवाहित जोड़ों का उद्यापन नहीं हो पाएगा ,अगले बरस यह उद्यापन होगा । अहोई अष्टमी 17 अक्टूबर को होगी , धनतेरस 23 अक्टूबर दीपावली इस बार सूर्य ग्रहण होने के कारण 24 अक्टूबर को मनाई जाएगी, क्योंकि 24 अक्टूबर सायंकाल 5:28 पर अमावस शुरू हो जाएगी और वह 25 अक्टूबर सायंकाल 4:19 पर खत्म होगी । लेकिन 25 अक्टूबर को दिन में ग्रहण है इसलिए दीपावली का पूजन 24 तारीख को करना उचित रहेगा। गोवर्धन पूजा- अन्नकूट का भंडारा , भाई दूज 26 अक्टूबर को होगा । भगवान विश्वकर्मा पूजा 27 अक्टूबर गोपाल अष्टमी 1 नवंबर हरि प्रबोधिनी देव उठैयनी एकादशी एवं तुलसी विवाह 4 नवंबर और कार्तिक पूर्णिमा जिसको गुरु नानक जयंती के रूप में भी मनाया जाता है वह 8 नवंबर को होगी ।इस अवसर पर उपस्थित सभी विद्वान ब्राह्मणों ने निर्णय लिया कि शीघ्र ही एक बड़े मंच पर आयोजन करके शास्त्रार्थ करने के लिए ब्राह्मण ज्योतिष सम्मेलन का आयोजन भी किया जाएगा ।