जूता चुराई की रस्म बनी जंग का मैदान! दूल्हा-साली की नोंकझोंक ने बारात को पहुंचाया थाने

जूता चुराई की रस्म बनी जंग का मैदान! दूल्हा-साली की नोंकझोंक ने बारात को पहुंचाया थाने

The Ritual of Stealing Shoes became a Battlefield

The Ritual of Stealing Shoes became a Battlefield

The Ritual of Stealing Shoes became a Battlefield: वैसे तो शादियों में दूल्हे का जूता चुराने की पुरानी परंपरा है. सालियां जूते चुराती हैं और दूल्हे से मुंहमांगा नेग वसूल करती हैं. लेकिन उत्तर प्रदेश के बिजनौर में इसी परंपरा की वजह से बड़ा बवाल हो गया. नौबत यहां तक आ गई कि दूल्हे ने शादी से इंकार कर दिया. वहीं लड़की वालों ने बारातियों को बंधक बना लिया. बवाल बढ़ा तो पुलिस पहुंची. इसके बाद बड़ी मुश्किल से मामला निपटा, लेकिन चढ़ी बारात भी उतर गई. बिना दुल्हन के ही दूल्हे के वापस लौटना पड़ा. इस बवाल में दूल्हा सहित सात लोग घायल भी हो गए हैं.

मामला बिजनौर के नजीबाबाद तहसील के गढ़मलपुर गांव का है. यहां देहरादून के चकरोता से मोहम्मद साबिर की बारात आई थी. लड़की पक्ष के लोगों ने बारात का खूब स्वागत किया. खुशनुमा माहौल में निकाह भी पढा गया और दोनों पक्षों ने छुआरे और किशमिश भी बांटे. अब दुल्हन की रुखसती की तैयारी हो रही थी. इसी दौरान दुल्हन की बहनों ने दूल्हे का जूता चुरा लिया और नेग मांगने लगी. नेग भी मांगा तो 50 हजार रुपये का. अब दूल्हे मियां मौहम्मद साबिर परेशान हो गए. बड़ी मुश्किल से मोलभाव किया और पांच हजार रुपये पर रूक गए.

गरीब गुरबा कहने पर भड़का दूल्हा

इतने में किसी लड़की ने दबी जबान से भिखारी शब्द बोल दिया. यह सुनते ही दूल्हा बने साबिर विफर उठे. हालांकि साबिर के भाई ने यह कहते हुए मामला संभालने की कोशिश की कि कल तुम भी हमारे घर देहरादून आओगे इस बात बदला लिया जाएगा. इतने में किसी ने कह दिया कि चलो गरीब गुरबा हैं रख लो. इस बात पर दूल्हा और दुल्हन पक्ष के बीच पहले कहासुनी और फिर मारपीट होने लगी. देखते ही देखते दुल्हन पक्ष के लोगों ने साबिर और उसके परिवार वालों को पकड़ कर बुरी तरह पिटाई कर दी. इससे गुस्साए दूल्हे साबिर ने भी दुल्हन को विदा कराने से इंकार कर दिया. इधर, लड़की पक्ष वालों ने बारातियों को बंधक बना लिया.

थाने में निपटा मामला, लेकिन टूट गई शादी

सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों पक्ष नजीबाबाद थाने ले आयी. यहां दुल्हन पक्ष ने दहेज मांगने का आरोप लगाया. बाद में दूल्हा और उसके परिवार के लोगों ने हाथ जोड़ कर माफी मांगी, लेकिन दूलहन को ले जाने से मना कर दिया. इसके बाद थाने में ही निकाह पढ़ाने वाले मौलवी को बुलाया गया और उससे निकाह खारिज कराया गया. इसके बाद दोनों पक्षों ने एक दूसरे से मिले सामान को वापस किया और अपने अपने घर लौट गए.