क़तर की जेल में बंद पूर्व नौसेना कर्मियों की स्वदेश वापसी, भारत की एक बड़ी कूटनीतिक जीत है
India Qatar Relation
India Qatar Relation: भारतीय नौसेना के पूर्व कर्मियों की क़तर जेल से रिहाई के बाद स्वदेश वापसी हो चुकी है। ये भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत है। इससे पहले मोदी सरकार के कूटनीतिक प्रयासों से पूर्व नौसैनिकों की मृत्यु दंड की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया गया था और अब वे रिहा होकर सुरक्षित भारत लौट आए हैं।
कैप्टन नवतेज सिंह गिल, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कमांडर पूर्णेंदु तिवारी, कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा, कमांडर सुगुनाकर पकाला, कमांडर संजीव गुप्ता, कमांडर अमित नागपाल और नाविक रागेश को अगस्त 2022 में गिरफ्तार किया गया था और तभी से वे कतर की जेल में थे।
26 अक्टूबर 2023 को कतर की अदालत ने सभी आठ भारतीयों को मृत्यु दंड की सजा सुनाई।
गौरतलब है कि सीओपी28 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी ने कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी से मुलाकात करते हुए इस मुद्दे पर चर्चा की।
इसके बाद दिसंबर में मृत्यु दंड की सज़ा को कम कर दिया गया था।
नौसेना के इन वरिष्ठ कर्मियों ने स्वदेश वापसी के लिए अपनी रिहाई सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी और सरकार को धन्यवाद दिया है। इनमें से एक ने कहा, "हम बहुत खुश हैं कि हम सुरक्षित रूप से भारत वापस आ गए हैं। निश्चित रूप से, हम प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद देना चाहेंगे क्योंकि यह केवल उनके व्यक्तिगत हस्तक्षेप के कारण ही संभव हो सका है।"
यह पहला मौका नहीं है जब संकट के समय में भारत अपने नागरिकों को विदेशी धरती से सुरक्षित स्वदेश वापस लेकर आया है। भारत ने सदैव अपने प्रत्येक नागरिक के जीवन की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने भारतीय नागरिकों को असंभव परिस्थितियों से बचाने और स्वदेश लाने के लिए भारत के सभी संभावित राजनयिक और सैन्य कौशल का उपयोग करते हुए त्वरित और निर्णायक कार्रवाई की है।
विश्व के कई महत्वपूर्ण नेताओं के साथ प्रधानमंत्री के व्यक्तिगत संबंधों और भारत की बढ़ती अंतरराष्ट्रीय छवि ने संघर्ष क्षेत्रों से हजारों भारतीयों की सुरक्षित स्वदेश वापसी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
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