मुख्यमंत्री के नेतृत्व में पंजाब सरकार ने मात्र 36 महीनों में युवाओं को 52,606 सरकारी नौकरियां देकर इतिहास रचा

Punjab Government Created history by giving 52,606 Government Jobs
लुधियाना में 951 ई.टी.टी. शिक्षकों को नियुक्ति पत्र सौंपे
मुख्यमंत्री ने राज्य के सामाजिक-आर्थिक विकास में युवाओं को अभिन्न अंग बनाने की प्रतिबद्धता दोहराई
नव-नियुक्त शिक्षकों को राज्य में शिक्षा क्रांति के दूत के रूप में कार्य करने के लिए प्रेरित किया
कहा, राज्य में नशे के पूर्ण उन्मूलन के लिए व्यापक अभियान शुरू हो चुका है
गैर-लोकतांत्रिक सीमाओं का विरोध करने के लिए 'आप' समान विचारधारा वाली पार्टियों से हाथ मिलाएगी
लुधियाना, 19 मार्च: Punjab Government Created history by giving 52,606 Government Jobs: युवाओं को सरकारी नौकरियां देने में एक नया मील का पत्थर स्थापित करते हुए, मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने सत्ता संभालने के मात्र 36 महीनों के भीतर राज्य के युवाओं को 52,606 नौकरियां प्रदान कर इतिहास रच दिया है।
आज यहां गुरु नानक देव भवन में 951 ई.टी.टी. शिक्षकों को नियुक्ति पत्र सौंपने के लिए आयोजित समारोह में संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने सभी नव-नियुक्त शिक्षकों को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह कदम पंजाब के सामाजिक और आर्थिक विकास को नई ऊंचाइयों तक ले जाने में सहायक होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार पंजाब के समग्र विकास के लिए अथक परिश्रम कर रही है, जिसके लिए योग्य युवाओं की आवश्यकता है। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए पंजाब सरकार ने व्यापक भर्ती अभियान शुरू किया है ताकि राज्य को विकास की नई दिशाओं में अग्रसर किया जा सके।
मुख्यमंत्री ने नव-नियुक्त शिक्षकों से शिक्षा के स्तर को और ऊंचा उठाकर राज्य में शिक्षा क्रांति के दूत के रूप में कार्य करने का आह्वान किया। उन्होंने उम्मीद जताई कि आधुनिक शिक्षण विधियों से सुसज्जित ये शिक्षक विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करेंगे, जिससे वे अपने जीवन में नई ऊंचाइयां हासिल कर सकें। मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे राज्य की समग्र शिक्षा प्रणाली को सशक्त बनाने में मदद मिलेगी, क्योंकि ये शिक्षक शिक्षा क्षेत्र में सुधार लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वह स्वयं एक शिक्षक के बेटे हैं और भली-भांति जानते हैं कि शिक्षक राष्ट्र निर्माता होते हैं, जो विद्यार्थियों को अधिकारी, इंजीनियर, डॉक्टर और अन्य नेता बनने के लिए तैयार करते हैं। उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों के शिक्षक अत्यधिक योग्य और सक्षम हैं, लेकिन पिछली सरकारों ने उन्हें कुछ गैर-शैक्षणिक कार्यों में भी लगा दिया था। मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया कि उनकी सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि शिक्षकों की सेवाओं का उपयोग केवल शिक्षण कार्यों के लिए ही किया जाए।
उन्होंने कहा कि पहले स्कूल खाली रहते थे, लेकिन स्कूलों के सामने पानी की टंकियों पर शिक्षक धरना देते थे, क्योंकि वे अपने अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे थे। हालांकि, उनकी सरकार ने युवाओं को नौकरियां देकर इस प्रवृत्ति को बदल दिया है, जिससे अब शिक्षक विद्यार्थियों को पढ़ा रहे हैं और राज्य के विकास में अहम योगदान दे रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले राज्य की जमीनी हकीकत से अनजान कॉन्वेंट स्कूलों में पढ़े-लिखे नेताओं ने इस महत्वपूर्ण क्षेत्र की अनदेखी कर दी थी, जिससे पंजाब विकास की दौड़ में पीछे रह गया था।
मुख्यमंत्री ने नव-नियुक्त शिक्षकों से कहा कि वे विद्यार्थियों को उनकी रुचि के अनुसार शिक्षा ग्रहण करने के लिए प्रेरित करें ताकि वे अपने लिए उपयुक्त करियर का चयन कर सकें। उन्होंने शिक्षकों को अपनी जिम्मेदारी ईमानदारी से निभाने और विद्यार्थियों के लिए रोल मॉडल बनने की सलाह दी, जिससे वे भी जीवन में उच्च मुकाम हासिल कर सकें। उन्होंने कहा कि शिक्षक यदि अपने कर्तव्यों का निर्वहन पूरी निष्ठा से करें तो लोग उन्हें उनके अच्छे कार्यों के लिए हमेशा याद रखेंगे।
मुख्यमंत्री ने दोहराया कि राज्य सरकार विभिन्न विभागों में खाली पदों को तुरंत भरा जा रहा है। उन्होंने बताया कि पूरी भर्ती प्रक्रिया को निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से अंजाम दिया गया है, जिससे अब तक इन 52,000 से अधिक नौकरियों में से किसी एक की भी नियुक्ति को अदालत में चुनौती नहीं दी गई है। उन्होंने कहा कि यह पंजाब सरकार के लिए गर्व की बात है कि इन युवाओं को पूरी योग्यता के आधार पर सरकारी नौकरियां दी गई हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक क्षण है, क्योंकि ये युवा अब पंजाब सरकार का हिस्सा बन रहे हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि ये युवा संबंधित विभागों के माध्यम से राज्य के सामाजिक-आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान देंगे। उन्होंने कहा कि पंजाब के इतिहास में पहली बार किसी सरकार ने मात्र 36 महीनों में 52,000 से अधिक नौकरियां दी हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह उनके लिए बड़े गर्व और संतोष की बात है कि सभी नौकरियां पूरी तरह से योग्यता के आधार पर और बिना किसी भ्रष्टाचार या भाई-भतीजावाद के प्रदान की गई हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि पंजाब का कोई भी व्यक्ति मजबूरी में विदेश न जाए, जिससे हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के सपने पूरे हो सकें। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार के अथक प्रयासों से अब विदेश जाने की प्रवृत्ति में कमी आई है और युवा विदेश से लौटकर पंजाब में सेवा करने की रुचि दिखा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा द्वारा अपनी विरोधी राजनीतिक पार्टियों को खत्म करने के लिए किए जा रहे सीमा निर्धारण का कड़ा विरोध करने के लिए आम आदमी पार्टी समान विचारधारा वाली राजनीतिक पार्टियों के साथ हाथ मिलाएगी। उन्होंने कहा कि वह केंद्र सरकार की गैर-लोकतांत्रिक कार्यशैली का विरोध करने के लिए चेन्नई का दौरा करेंगे, जिससे भाजपा और उसके गठबंधन की संदेहास्पद नीयत उजागर हुई है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र को कुचलने वाले केंद्र सरकार के इस कदम के खिलाफ सभी दल एकजुट होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार पिछली सरकारों द्वारा पैदा की गई अव्यवस्थाओं को समाप्त कर रही है। उन्होंने कहा कि ड्रग माफिया को पिछली सरकारों का संरक्षण प्राप्त था, लेकिन उनकी सरकार ने नशे के खिलाफ व्यापक अभियान छेड़ा है। उन्होंने कहा कि राज्य से नशे की लानत को जड़ से खत्म करने के लिए ठोस रणनीति अपनाई गई है और अब नशे के खिलाफ जंग पूरे जोर-शोर से शुरू हो चुकी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने नशे की आपूर्ति श्रृंखला को तोड़ने के अलावा इस अपराध में शामिल बड़े अपराधियों को जेल में डाल दिया है। उन्होंने कहा कि नशे के शिकार लोगों के पुनर्वास की दिशा में भी पूरा ध्यान दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब नशा तस्करों की संपत्तियों को जब्त कर उन्हें नष्ट किया जा रहा है और यह नेक कार्य जनता के सहयोग के बिना पूरा नहीं किया जा सकता।
इस अवसर पर शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस, आवास एवं शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह मुंडियां और राज्यसभा सांसद संजीव अरोड़ा भी उपस्थित थे।