अधिकारी से 5 लाख रुपए की जबरन वसूली करने वाला प्राईवेट व्यक्ति विजीलैंस ब्यूरो द्वारा काबू
- By Vinod --
- Tuesday, 31 Jan, 2023
Vigilance Bureau nabs private person who extorted Rs 5 lakh from officer
Vigilance Bureau nabs private person who extorted Rs 5 lakh from officer- पंजाब विजीलैंस ब्यूरो ने आज एक प्राईवेट व्यक्ति लाल चंद बांसल, निवासी गूगा माडी कॉलोनी, खरड़, जि़ला एस.ए.एस. नगर को पटियाला के म्यूनिसिपल इंजीनियर बलदेव राज वर्मा से विजीलैंस ब्यूरो को शिकायत करने की धमकी देकर जबरन पैसे वसूलने के दोष अधीन गिरफ़्तार किया है।
इस सम्बन्धी जानकारी देते हुए विजीलैंस ब्यूरो के प्रवक्ता ने बताया कि उपरोक्त अधिकारी ने ब्यूरो को दी शिकायत में दोष लगाया है कि उक्त प्राईवेट व्यक्ति उसे ब्यूरो के पास शिकायत करने की धमकी देकर ब्लैकमेल कर रहा है। उसने बताया कि उक्त कथित ब्लैकमेलर शिकायत वापस लेने के बदले उससे 2 करोड़ रुपए की माँग कर रहा है, जिसमें से 50 लाख रुपए नकद और 1.50 करोड़ रुपए की जायदाद देने के लिए कह रहा है। शिकायतकर्ता अधिकारी ने इस सम्बन्धी सारी बातचीत रिकॉर्ड कर ली, क्योंकि वह जबरन वसूली की रकम नहीं देना चाहता था, परन्तु उसने दोषी को टोकन मनी के तौर पर 5 लाख रुपए देने का झूठा वादा किया है।
शिकायतकर्ता ने यह भी दोष लगाया है कि इससे पहले मुलजि़म लाल चंद बांसल ने उसके खि़लाफ़ साल 2015 और 2017 में भी दो शिकायतें दर्ज करवाई थीं, परन्तु विजीलैंस ब्यूरो ने पड़ताल के बाद में दोनों शिकायतें दफ़्तर दाखि़ल कर दी थीं।
प्रवक्ता ने आगे बताया कि इस शिकायत की प्राथमिक जाँच के उपरांत विजीलैंस ब्यूरो की टीम ने जाल बिछाया और दोषी लाल चंद को दो सरकारी गवाहों की हाजिऱी में 5 लाख रुपए लेते हुए टी.डी.आई. कॉलोनी खरड़ के पास से गिरफ़्तार कर लिया। इस सम्बन्धी विजीलैंस ब्यूरो के थाना उडन दस्ता-1 पंजाब, एस.ए.एस. नगर में आई.पी.सी. की धारा 419, 420, 384 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया और इस मामले की अगली जाँच जारी है।
उन्होंने आगे बताया कि उपरोक्त दोषी की गिरफ़्तारी के उपरांत विजीलैंस ब्यूरो की टीम ने उसके घर की तलाशी ली, जिस दौरान 70 के करीब फाइलें, अलग-अलग दस्तावेज़ और नोट गिनने वाली मशीन के अलावा एक लैपटॉप भी बरामद किया, जिसमें अलग-अलग सरकारी अधिकारियों के खि़लाफ़ दर्ज शिकायतों सम्बन्धी डिजिटल फाइलें हैं। पुलिस द्वारा पहले भी उसके विरुद्ध धोखाधड़ी के दो अलग-अलग मुकदमे दर्ज किए गए थे।
प्राथमिक जाँच के दौरान यह बात सामने आई है कि उपरोक्त दोषी सरकारी कर्मचारियों के विरुद्ध आर.टी.आई. और शिकायतें दर्ज करवाता था और बाद में वह सम्बन्धित अधिकारियों के विरुद्ध कोई जाँच/शिकायत ना करवाने संबंधी घोषणा पत्र देकर ऐसी शिकायतें वापस ले लेता था। पहले भी उक्त मुलजि़म ने नगर काऊंसिल, खरड़ में घोषणा पत्र दिया था कि वह शिकायतकर्ता बलदेव राज वर्मा के खि़लाफ़ आर.टी.आई. के तहत कोई जानकारी नहीं चाहता।