Editorial:मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता से हैं दिल्ली की जनता को तमाम उम्मीदें
- By Habib --
- Thursday, 20 Feb, 2025
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The people of Delhi have a lot of expectations from Chief Minister Rekha Gupta
The people of Delhi have a lot of expectations from Chief Minister Rekha Gupta: आखिर देश का दिल और राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भाजपा ने अपना मुख्यमंत्री जनता के समक्ष पेश कर ही दिया। दिल्ली का वजूद उसके पड़ोसी राज्यों और विशेषकर हरियाणा पर केंद्रित है। दिल्ली में एक बार फिर हरियाणा आधारित राजनेता ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की ताजपोशी से हरियाणा की जनता भी गौरवान्वित महसूस कर रही है। हरियाणा के जुलाना से दिल्ली जाकर बसे परिवार की बेटी अब दिल्ली सरकार की सर्वेसर्वा होंगी। राजनीतिक रूप से हरियाणा की जनता की परिपक्वता उसके यहां से दूसरे प्रदेशों में जाकर बसे लोगों की समाज सेवा के जज्बे को पुष्ट कर रही है। आरएसएस से जुड़ी और महिला मोर्चा में अहम पदों पर रही रेखा गुप्ता की ताजपोशी से भाजपा ने एक तीर से अनेक निशाने साधे हैं।
आजकल किसी राज्य में भाजपा की जीत के बाद वहां तमाम नाम सामने आने लगते हैं, लेकिन फिर जब विधायक दल की बैठक होती है तो ऐसा नाम सामने आता है, जिसके बारे सुना तक नहीं गया। भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने दिल्ली विधानसभा के चुनाव में प्रचंड जीत के बाद मुख्यमंत्री के चयन में जो राजनीतिक सूझबूझ और सटीकता अपनाई है, वह पार्टी की भविष्य की जीत को और मजबूत करती प्रतीत हो रही है। करीब बीस साल का राजनीतिक वनवास भोग कर सत्ता में लौटी पार्टी ने एक महिला विधायक को मुख्यमंत्री बनाकर महिला समाज के प्रति जो सम्मान दर्शाया है, वह उल्लेखनीय है और अन्य राजनीतिक दलों के लिए प्रेरक भी।
रेखा गुप्ता दिल्ली की चौथी और वर्तमान में देश की दूसरी महिला मुख्यमंत्री हैं। दिल्ली भाजपा में मुख्यमंत्री पद के कई दावेदार सामने आ रहे थे। हालांकि हर बार की तरह इस बार भी केंद्रीय नेतृत्व ने सभी को चौंकाते हुए एक निर्विवाद नाम को आगे बढ़ाया। भाजपा में जीत के बाद असंतोष जैसी स्थिति भी नहीं रहती, क्योंकि केंद्रीय नेतृत्व जिसके नाम पर मुहर लगा देता है, वही सीएम की कुर्सी पर विराजमान हो जाता है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के समक्ष भी ऐसी कोई चुनौती नहीं रहने वाली है, हालांकि राजनीतिक रूप से दिल्ली में सरकार का संचालन एक चुनौती जरूर रहेगी और उसमें भी दिल्ली की जनता से किए वादों को पूरा करना। पार्टी नेतृत्व चाहता तो किसी अनुभवी को यह जिम्मेदारी सौंप सकता था। लेकिन उसने पहली बार विधायक चुनी गईं रेखा गुप्ता को यह जिम्मेदारी दी, यानी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं दिल्ली में किए उन सभी वादों और घोषणाओं को पूरा करने पर नजर रखना चाहते हैं, जिनकी दरकार इस प्रदेश को लंबे समय से है। दिल्ली में इस बार भाजपा को महिला मतदाताओं से 45 फीसदी वोट मिला है, जाहिर है यह प्रभावित करने वाला आंकड़ा है और इन्हीं मतदाताओं की भावनाओं का सम्मान करते हुए पार्टी ने एक महिला विधायक को मुख्यमंत्री बनाया है।
रेखा गुप्ता वैश्य समाज से हैं, इस वर्ग का दिल्ली में व्यापक वोट शेयर है और यह भाजपा का काडर वोट भी है। ऐसे में पार्टी ने इस वर्ग की भावनाओं का भी सम्मान रखा है। इस समय देश के 21 राज्यों में भाजपा और एनडीए की सरकारें हैं, लेकिन कहीं भी महिला मुख्यमंत्री नहीं है, अब दिल्ली के जरिये भाजपा ने यह संदेश दे दिया है कि वह अपने इस प्रमुख समर्थक वर्ग को खुश करने के लिए सब कुछ करेगी।
दिल्ली में भाजपा ने 48 सीटें जीती हैं, यह पूर्ण बहुमत से भी आगे का आंकड़ा है। आप से पहले कांग्रेस ने दस साल तक दिल्ली पर शासन किया, उस समय शीला दीक्षित की सरकार को जनता आज तक याद करती है। हालांकि उनसे पहले भाजपा ने यहां राज किया। क्या यह माना जाना चाहिए कि कांग्रेस और आप के बाद अब जनता इतनी विह्लल हो चुकी थी कि उसने भाजपा को फिर मौका देने का निर्णय लिया। अगर ऐसा है तो मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और उनकी सरकार को बहुत मेहनत से काम करना होगा। यमुना की सफाई, शुद्ध पेयजल, अतिक्रमण, रोड-सडक़ें, अस्पताल, स्कूल आदि को लेकर नई सरकार के पास तमाम काम हैं। दिल्ली एवं केंद्र सरकार के लिए यह परीक्षा काल है, क्योंकि अगर दोनों ने दिल्ली के हालात बदलने के लिए जल्दी कदम नहीं उठाए तो विपक्ष को कहने का मौका मिलेगा। जाहिर है, दिल्ली की जनता ने बदलाव को चुना है और अब मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता का परिवार पूरी दिल्ली है, जिसकी उन्हें संभाल करनी है।
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