सीएम नीतीश के रार की खबर पहुँची दिल्ली, जेडीयू के बैकफुट पर आने के संकेत
सीएम नीतीश के रार की खबर पहुँची दिल्ली, जेडीयू के बैकफुट पर आने के संकेत
मुकेश कुमार सिंह
पटना (बिहार) : बिहार विधानसभा में बीते सोमवार को जो कुछ भी हुआ, उसे बेहद और काला दिन करार कर छोड़ देना कतई सही नहीं होगा। इसमें कोई शक नहीं है कि सीएम नीतीश कुमार के गुस्से से सदन की मर्यादा तार-तार हो गयी। नीतीश कुमार ने संविधान का हवाला विधानसभा अध्यक्ष बीजेपी के विजय कुमार सिन्हा को इस तरह दिया, मानो कोई क्रोधी ऋषि किसी को श्राप दे रहे हों। बार-बार उंगली दिखाते हुए, सीएम नीतीश कुमार, सिर्फ सुनिए का प्रलाप करते हुए अपने क्रोध की बरसात कर रहे थे। इस घटना से बेहद खफा बीजेपी के विधायकों ने दिल्ली तक अपनी नाराजगी पहुँचा दी है। बीजेपी के एक विधायक ने कहा कि सदन में सोमवार को जो हुआ, उस पर अगर पार्टी नेतृत्व ने घुटने टेक दिये तो बिहार में हमारा सब खत्म हो जाना तय है। उधर जेडीयू के बैकफुट पर आने के भी संकेत मिलने लगे हैं। बिहार विधानसभा में हंगामे के बीच जेडीयू के मंत्रियों ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की तारीफों के पुल बांधने शुरू कर दिए हैं। मंत्री कह रहे हैं कि केंद्र सरकार बिहार को सबसे ज्यादा मदद दे रही है। बिहार विधानसभा में मंगलवार को तब अजब ही नजारा उत्पन्न हो गया था, जब बीजेपी के विधायक खड़े होकर ये सवाल पूछ रहे थे कि विधानसभा अध्यक्ष कहाँ हैं। दरअसल, सोमवार को मुख्यमंत्री ने जिस तरीके से भरे सदन में विधानसभा अध्यक्ष को जलील किया था उसके बाद आहत हुए अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा, मंगलवार को सदन में ही नहीं आये थे। बीजेपी विधायकों के सवाल पूछने के बाद मंत्री रामसूरत राय ने मीडिया के सामने बयान दिया कि ये मामला दिल्ली तक पहुँच गया है। लेकिन आपसी सामंजस्य से इस मामले को सुलझा लिया जायेगा। कोई ऐसी बात नहीं है। दोनों पार्टियों के बड़े नेता आपस में बैठेंगे और मामले को आसानी से सुलझा लेंगे। लेकिन मामला उतना आसान नहीं है, जितना मंत्री रामसूरत राय बता रहे थे। बीजेपी के विधायक कैमरे के सामने तो नहीं बोले लेकिन ऑफ द रिकार्ड कई बातें बोल गये। बीजेपी के एक विधायक ने कहा कि इस सरकार में पार्टी के कुछ नेता मलाई खा रहे हैं। उनके अलावा बाँकि सारे विधायक बेहद नाराज हैं। जब विधानसभा अध्यक्ष की सदन में इतनी फजीहत हो रही हो, तो फिर दूसरे विधायकों का क्या होगा, ये सभी को पता है। पार्टी नेतृत्व को कई विधायकों ने कहा है कि अब अगर नीतीश कुमार के सामने घुटने टेके गये, तो बिहार में बनी सारी साख बर्बाद हो जाएगी। चार बार विधायक रहे बीजेपी के एक नेता ने कहा कि 2020 के चुनाव में बिहार के लोगों ने नीतीश कुमार को रिजेक्ट कर दिया था। नीतीश कुमार चाहे जितने कारण गिना लें लेकिन हकीकत ये है कि जनता ने नरेंद्र मोदी के नाम पर वोट दिया था। आज हालत ये है कि नीतीश कुमार नरेंद्र मोदी के नाम को ही बर्बाद कर रहे हैं। पार्टी नेतृत्व को ये समझना चाहिये। बीजेपी विधायकों के आक्रामक तेवर के बाद, मंगलवार को जेडीयू के बैकफुट पर आने के भी संकेत मिलने लगे। सदन में बिहार के संसदीय कार्य मंत्री औऱ नीतीश कुमार के करीबी मंत्री विजय कुमार चौधरी ने सफाई दी कि मुख्यमंत्री तो हाथ जोड़ कर विधानसभा अध्यक्ष से प्रार्थना कर रहे थे। सदन में ग्रामीण कार्य विभाग का बजट पेश करने के दौरान जेडीयू कोटे के एक और मंत्री श्रवण कुमार ने केंद्र सरकार की तारीफों के जम कर पुल बांधें। श्रवण कुमार ने कहा कि केंद्र सरकार ने इस दफे बिहार में साढ़े 11 लाख प्रधानमंत्री आवास देने का फैसला लिया है। पूरे देश में सबसे ज्यादा आवास बिहार के लोगों को मिला है। यही डबल इंजन की सरकार का फायदा है मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि केंद्र सरकार की योजना मनरेगा के तहत भी बडे पैमाने पर लोगों को रोजगार दिया जा रहा है। ये सभी पैंतरेबाजी, सिर्फ बीजेपी को मनाने की कवायद है। अब आगे यह देखना बेहद दिलचस्प होगा कि बीजेपी, बिहार में नीतीश कुमार के साथ बिहार सरकार में बने रहना चाहती है, या फिर अपने विधायकों के सम्मान में नीतीश से पल्ला झाड़ लेती है।