दिगम्बर जैन मुनि जी की निर्वस्त्र और नंगे पांव पद यात्रा का ठहराव कालका में
Naked and Barefoot March
दिगम्बर जैन मुनि जी से हमारे प्रतिनिधि हरजीत सिंह जग्गी की विशेष मुलाकात
3 कालका
अर्थ प्रकाश/ हरजीत सिंह जग्गी
कालका, 4 दिसंबर (जग्गी) Naked and Barefoot March: अखण्ड ब्रह्मचारी मुनि दिगम्बर जैन जो निर्वस्त्र रहते हैं और नंगे पांव पैदल यात्रा पर रहते हैं, आज चण्डीगढ़ से शिमला जाते समय रात्रि विश्राम यहां दिगम्बर जैन धर्मशाला में रुके।
मुनि दिगम्बर जैन जी के बारे में उल्लेखनीय है कि वे तन पर वस्त्र तो क्या धागा तक भी नहीं पहनते। वह बारह महीने नंगे तन ही रहते हैं। वह पैदल अर्थात नंगे पांव पद यात्रा करते हैं। किसी वाहन का प्रयोग नहीं करते। अभी तक जीवन भर की यात्रा में उन्होंने किसी वाहन का प्रयोग नहीं किया। उनका अपना न घर है, न कोई दुकान है, न ही अपना कोई कारोबार है, न किसी से कोई लेना-देना है, न बैंक खाता है, न मोबाइल रखते हैं, न कोई पक्का ठिकाना है।
वह चौबीस घंटे में केवल एक बार दिन के समय आहार ग्रहण करते हैं, उसी वक्त जल लेते हैं। वे खड़े हो कर पात्र, हाथों में ही आहार पानी लेते हैं। किसी बर्तन आदि का प्रयोग नहीं करते।
उसके पश्चात कुछ नहीं हुई लेते।
उल्लेखनीय पहलू है कि मुनि जी के पास न कोई जमीन है, न धन दौलत। मुनि दिगम्बर जैन जी के बारे में उल्लेखनीय है कि वह अहिंसा धर्म का पालन करते हैं और जन कल्याण की भावना हेतु हर शण हर पल विहार करते हैं।
दिगम्बर जैन मुनि जी ने भले ही जैन धर्म में जन्म लिया लेकिन वो हर जीव के कल्याण की भावना रखते हैं।
आज रात्रि उनका ठहराव कालका स्थित जैन धर्मशाला में हुआ और वे आगामी सुबह ठीक सात बजे सड़क मार्ग से पैदल नंगे पांव शिमला के लिए प्रस्थान करेंगे।
एक मुलाकात के दौरान उन्होंने आमजन को एक संदेश दिया कि मांसाहार का त्याग किया जाये और शाकाहारी बने।
विदेशी यात्रा पर पूछे गये सवाल पर उन्होंने कहा कि वे केवल सड़क के सम्पर्क पर ही पैदल यात्रा करते हैं।
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