मीटिंग सिर्फ नाम की, बिना बात सुने चल पड़े थे प्रशासक, जल्द बना लेगे आगे की रणनीति : कुलदीप टीटा
Kuldeep Tita
चंडीगढ : Kuldeep Tita: पार्षद कुलदीप टीटा ने प्रशासक द्वारा बुलाई मीटिंग को सिर्फ नाम की बताते हुए कहा है कि चंडीगढ़ प्रशासक द्वारा बुलाई गई मीटिंग सिर्फ औपचारिकता पूरी करने के लिए बुलाई गई थी। असल में तो चंडीगढ़ प्रशासक पहले ही मन बनाकर बैठे थे कि डडूमाजरा में ही सॉलिड वेस्ट प्लांट को लगाना हैं। जैसे ही मैने अपनी बात रखनी चाही वैसे ही चंडीगढ़ प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित मीटिंग से उठकर चल पड़े। मैने प्रशासक जी से आग्रह किया कि एक बार डडूमाजरा में डंपिंग ग्राउंड की वजह से आ रही स्थानिय लोगों की समस्याओं को आकर देखे लेकिन उन्होनें कहा कि सॉलिड वेस्ट प्लांट डडूमाजरा में ही लगेगा बाकि बात रही विरोद्व करने की तो आज की मीटिंग से यह स्पष्ट हो गया हैं कि चंडीगढ़ प्रशासन किसी भी किम्मत पर डडूमाजरा में ही प्लांट लगाने पर अड़ा हैं। अब स्थानिय लोगो से इस संबध में विचार विमर्श कर आगे की रणनीति बनाई जाऐगी।
आम आदमी पार्टी के पार्षदोके मुताबिक बैठक के दौरान प्रशासक से आग्रह किया कि 6 जून को हुई निगम सदन की बैठक में आप के सभी पार्षदों को बाहर निकालकर सॉलिड वेस्ट प्लांट का एजेंडा पास किया गया जोकि गलत था। आप पार्षदो ने प्रशासक को दोबारा निगम सदन की बैठक करने और सॉलिड वेस्ट प्लांट के एजेंडे पर दोबारा चर्चा करने व सभी पार्षदों की सहमति के बाद पास करने का सुझाव दिया। प्रशासक ने कहा है कि सभी पार्षद प्री बिड से पहले नगर निगम में टेक्निकल पॉइंट्स पर सुझाव दे सकते हैं। इस पर अब और विरोध न किया जाए, क्योंकि यह प्लांट पहले ही डेढ़ साल लेट हो चुका है। उन सुझावों पर मीटिंग में चर्चा की जाएगी।
डंपिंग ग्राउंड पर प्रशासक का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण: प्रदीप छाबड़ा
पूर्व मेयर व आप के वरिष्ठ नेता प्रदीप छाबड़ा ने चंडीगढ़ प्रशासक के डड्डूमाजरा में ही सॉलिड वेस्ट प्लांट को लगाने के फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण बताया हैं।
प्रदीप छाबड़ा ने कहा कि मीटिंग नगर निगम के सभी पार्षदों और चंडीगढ़ प्रशासक के बीच होनी थी लेकिन मीटिंग में चंडीगढ़ प्रशासन के सभी बड़े अफसर भी मौजूद थे। बातों बातों में पार्षदो को डराने में कोई कसर नही छोड़ी। चंडीगढ़ प्रशासक पार्षदो को गोवा जाकर प्लांट देखने की बात कह रहे है और डडूमाजरा के लोग की जिंदगी दाव पर लगी हैं।
छाबड़ा ने कहा आम आदमी पार्टी और अन्य पार्षदों को यह लग रहा था कि प्रशासक उनकी बात अकेले में सुनेंगे लेकिन प्रशासन के पूरे अफसरों की फौज मीटिंग में शामिल थी। एडवाइजर होम सेक्रेटरी निगम कमिश्नर निगम के चीफ इंजीनियर के अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर चीफ आर्किटेक्ट को भी मीटिंग में शामिल किया हुआ था। पार्षदों का कहना है कि वह अकेले में प्रशासक को इस प्रोजेक्ट की खामियां वह अफसरों की तानाशाही के बारे में बताना चाहते थे लेकिन प्रशासक ने उन सभी अफसरों को मीटिंग में शामिल कर लिया
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