मोहाली में डाली जा रही सीवरेज लाइन का मामला पहुंचा सीएम के द्वार

मोहाली में डाली जा रही सीवरेज लाइन का मामला पहुंचा सीएम के द्वार

मोहाली में डाली जा रही सीवरेज लाइन का मामला पहुंचा सीएम के द्वार

मोहाली में डाली जा रही सीवरेज लाइन का मामला पहुंचा सीएम के द्वार

विधायक कुलवंत स‌िंह ने पत्र लिखकर लगाई विजिलेंस जांच की मांग
विधायक का आरोप लाइन बिछाने के प्रोजेक्ट में हुई धोखाधड़ी

मोहाली। शहर में डाली जा रही सीवरेज लाइन का मामला मुख्यमंत्री भगवंत मान के द्वार पहुंच गया है। इस मामले में विधायक कुलवंत स‌िंह ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। साथ ही आरो‌प लगाया कि प्रोजेक्ट की लागत बढ़ाकर अधिकारियों ने सरकारी खजाने पर बोझ डाला है। ऐसे में इस प्रोजेक्ट की विजिलेंस जांच करवाकर जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है।  विधायक की तरफ से मुख्यमंत्री को लिखे गए पत्र में कहा गया है कि अधिकारियों ने बिना किसी कारण से 975.42 लाख रुपये में पास हुए प्रोजेक्ट को मनमर्जी से लगभग डेढ़ करोड़ रुपये तक बढ़ाकर सरकारी खजाने पर आर्थिक बोझ डाला है। पहले ही अलॉट हो चुके प्रोजेक्ट के टेंडरों में बढ़ोतरी करने का कोई कारण नहीं था। प्रोजेक्ट की डीपीआर में हर वह काम शामिल ‌था, जिसे नगर निगम के अधिकारियों में अपनी मर्जी से से डेढ़ करोड़ रुपये तक बढ़ा दिया है। उन्होंने कहा क‌ि जब काम के क्षेत्र में बढ़ोतरी नहीं की गई तो बजट में बढ़ोतरी क्यों की गई। विधायक ने बताया कि 48 इंच के मुंह वाली सीवरेज लाइन का प्रोजक्ट 975.42 लाख में पास किया गया था। जबकि बाद में नए बने मेयर के काल में इस प्रोजेक्ट का पैसा बढ़ाने के लिए फेज-3बी2 से पांच की मिट्टी की किस्म, इसके रास्ते में पड़ते बहुत सारे चौराहे व इंटर सेक्शन के कारण पहले बजट को 945.42 लाख से बढ़ाकर 1110.48 लाख किया गया।‌फिर सीवरेज लाइन की खुदाई के क्षेत्र बढ़ोतरी करने के नाम पर 19 लाख रुपये और मिट्टी को उठाने के डाले गए। जो‌ कि कुल 1.5 करोड़ के करीब बन गया है। ऐसे में प्रोजेक्ट की जांच होनी चाहिए।
विधायक ने कहा कि इस सीवरेज लाइन को बिछाने का उदेश्य फेज-3बी2, पांच व सात फेज के गंदे पानी को इस सीवरेज लाइन में डालना था, जो अभी तक लखनौर चो में डाला जा रहा है। प्रोजेक्ट को देखने से साफ लग रहा है कि अधिकारियों की वजह से प्रोजेक्ट की राशि बढ़ी है। इस प्रोजेक्ट की जल्दी से जल्दी जांच करवाकर उचित कार्रवाई उक्त अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए। प्रोजेक्ट में हो रही देरी से लोग परेशान हो रहे हैं।