Editorial: बीमा सखी योजना से बदलेगा ग्रामीण महिलाओं का जीवन
- By Habib --
- Monday, 02 Dec, 2024
Bima Sakhi Scheme
The life of rural women will change with the Bima Sakhi scheme: देश में महिला सशक्तीकरण की दिशा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सदैव तत्पर रहे हंै। वह हरियाणा की ही धरती थी, जब देश में पहली बार बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ मुहिम शुरू की गई थी। इस मुहिम से न केवल हरियाणा अपितु पूरे देश में बेटियों के प्रति समाज की सोच बदली और उनका सशक्तीकरण सुनिश्चित हुआ। हालांकि अभी और प्रयास किए जाने बाकी हैं। हरियाणा में मुख्यमंत्री नायब सैनी के नेतृत्व में राज्य सरकार निरंतर महिला हितों के लिए कार्य कर रही है।
सरकार की ओर से महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए मातृशक्ति उद्यमिता नाम से योजना शुरू की गई है, जिसके तहत स्वरोजगार अपनाने वाली महिलाओं को 5 लाख रुपये तक का ऋण प्रदान किया जाएगा। ग्रामीण और शहर में रहने वाली महिलाएं इसके लिए पात्र हैं। हालांकि महिला समाज की बेहतरी के लिए एक और योजना शुरू की जा रही है। इस कड़ी में 9 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पानीपत से बीमा सखी नाम से योजना को लांच करने आ रहे हैं। निश्चित रूप से यह योजना भी महिलाओं को आर्थिक रूप से सक्षम होने में उपयोगी साबित होगी। इस योजना का मकसद ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को स्वरोजगार की दृष्टि से सक्षम बनाना है। इस योजना को भारतीय जीवन बीमा निगम की ओर से संचालित किया जाएगा। योजना के तहत महिलाओं को बीमा पॉलिसियों के विक्रय के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा।
निश्चित रूप से इस प्रकार की योजनाएं महिलाओं के आर्थिक और सामाजिक उत्थान की दिशा में मील का पत्थर साबित होंगी। वास्तव में स्वरोजगार आर्थिक स्वावलंबन का बड़ा आधार है। भारतीय समाज में महिलाओं ने बराबरी का स्थान हासिल करने के लिए अथक संघर्ष किया है, लेकिन अब भी महिलाओं पर अत्याचार सामान्य बात है। यह विडम्बना जैसे कम नहीं थी, बेटियों को गर्भ में ही मारने जैसे कृत्य भी इसी समाज में जारी थे। जाहिर है, बेटियों को अगर जन्म ही नहीं लेने दिया जाएगा तो सामाजिक असंतुलन बढ़ेगा ही। हरियाणा जैसे विकासशील राज्य ने इसका दंश झेला है, जब यहां लिंगानुपात बेहद गड़बड़ा गया था। ऐसे में प्रधानमंत्री मोदी ने जब 22 जनवरी 2015 को बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ मुहिम को शुरू किया तो उसके सार्थक परिणाम सामने आए। अब एक बार फिर प्रधानमंत्री हरियाणा की धरती से महिलाओं के आर्थिक सशक्तीकरण का आगाज करने जा रहे हैं, जोकि बेहद प्रशंसनीय बात है।
गौरतलब है कि हरियाणा वह प्रदेश बनकर उभरा है, जहां युवाओं को सबसे ज्यादा नौकरियां प्रदान की जा रही हैं। हरियाणा में मौजूदा सरकार के कार्यकाल में हजारों युवाओं को सरकारी नौकरियां दी गई हैं। इस समय तो नौकरी बहुत पारदर्शी तरीके से प्रत्येक सक्षम युवा की पहुंच में है। जरूरत मेहनत और काबिलियत के बूते अपने मुकाम को हासिल करने की है। हरियाणा वह प्रदेश रहा है, जहां कभी सरकारी नौकरियों की बोली लगती थी और इस तरह के भ्रष्टाचार में एक पूर्व सीएम को सजा तक हो चुकी है।
मुख्यमंत्री नायब सैनी ने अपने दूसरे कार्यकाल की शपथ लेने के तुरंत बाद जिस प्रकार युवाओं को नौकरियों का उपहार दिया था, उसके बाद अब सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को आवास, बेटे-बेटी की शादी एवं अन्य जरूरतों के लिए ऋण लेने की योजनाओं को लागू किया है। इसके अलावा सरकार ने दान की जमीन पर बीते 20 साल से काबिज दोहलीदार, बुटीमार, भोंडेदार, मुकररीदार को मालिकाना हक दिया है। इसके अलावा सरकार ने परिवार पहचान पत्र में दर्ज आय के अनुसार 2.34 लाख नए बीपीएल कार्ड बनाए हैं। सरकार की ओर से अब हरियाणा कौशल रोजगार निगम लिमिटेड में 103 श्रेणियों में भर्तियों के लिए आवेदन मांगे हैं। इन भर्तियों में गरीब परिवारों के युवाओं को प्राथमिकता दी जाएगी।
निश्चित रूप से हरियाणा कौशल रोजगार निगम रोजगार सृजन में एक बहुआयामी संस्थान बनकर सामने आया है। विपक्ष की ओर से इसे लेकर सरकार की आलोचना की गई है, लेकिन वास्तव में अगर सरकार के जरिये निजी सेक्टर में भी रोजगार मिलता है तो यह तात्कालिक रूप से एक बड़ा कदम सुनिश्चित होता है। वास्तव में यह समय प्रदेश के लिए बदलाव का है, इसमें जनता ने अगर भाजपा को सत्ताधारी बनाया है तो पार्टी एवं सरकार का यह राजनीतिक धर्म है कि वह व्यवस्था में परिवर्तन लेकर आए। यह कार्य इसी प्रकार के निर्णयों से संभव होगा।
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